26 नवम्बर पर दिए बयान का नवाज़ शरीफ ने किया बचाव, कहा- मैं सच बोलूंगा
26/11 पर दिए बयान का नवाज़ शरीफ ने अफसोस जताते हुए कहा कि जो लोग सवाल पूछते हैं उन्हें मीडिया गद्दार करार दे देती है. उन्होंने कहा, "50 हज़ार लोगों की कुर्बानी देने के बावजूद दुनिया हमारी समस्याओं पर ध्यान क्यों नहीं दे रही है?
पाकिस्तान, 14 मई: (न्यूज़-18) पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने 2008 मुंबई आतंकी हमले को लेकर दिए गए बयान का बचाव करते हुए तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि परिणाम चाहे जो हो लेकिन वह सच बोलेंगे. बीते दिनों शरीफ़ ने पहली बार एक इंटरव्यू में सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया था कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं और उन्होंने आतंकवादियों को सरहद पार भारत के शहर मुंबई में जाकर लोगों को मारने को लेकर भी सवाल खड़े किए थे.
शरीफ के बयान ने पाकिस्तान की सियासत में भूचाल ला दिया है. इसके चलते आनन-फानन में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने उनके इस बयान को नकारने के लिए हाई-लेवल मीटिंग बुलवाई है.
इस विवाद को लेकर शरीफ का रवैया उनकी पार्टी से अलग है. 'डॉन' अखबार में छपी खबर के मुतबिक, "पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष शहबाज़ शरीफ़ ने रविवार को कहा था कि पार्टी रिपोर्ट में किेए गए सारे दावों को नकारती है, फिर चाहे वे प्रत्यक्ष रूप से किए गए दावे हों या परोक्ष रूप से."
गौरतलब है कि नवाज शरीफ का इंटरव्यू शनिवार को छपा था, जिसके बाद उनकी पार्टी ने इस बारे में स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि उनकी बातों को भारतीय मीडिया गलत तरीके से पेश कर रही है. बहरहाल, सोमवार को शरीफ़ ने एक बार फिर से अपने बयान को सही ठहराते हुए कहा कि चाहे जो हो जाए वह सच बोलेंगे.
उन्होंने कहा, "जो मैंने कहा है उसकी पुष्टि पूर्व अध्यक्ष परवेज़ मुशर्रफ़, पूर्व आंतरिक मामलों के मंत्री रहमान मलिक और पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर मेजर-जनरल (सेवानिवृत्त) महमूद दुर्रानी कर चुके हैं."
वैसे नवाज़ ने अफसोस जताते हुए कहा कि जो लोग सवाल पूछते हैं उन्हें मीडिया गद्दार करार दे देती है. उन्होंने कहा, "50 हज़ार लोगों की कुर्बानी देने के बावजूद दुनिया हमारी समस्याओं पर गौर क्यों नहीं फरमा रही? और जो कोई भी इसको लेकर सवाल पूछता है उसे गद्दार करार दे दिया जाता है." शरीफ़ ने पाकिस्तानी मीडिया पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, "मीडिया में मुझे गद्दार कहा जा रहा है. दरअसल, उनसे मुझे गद्दार कहलवाया जा रहा है. क्या जो देश और संविधान को बर्बाद कर रहे हैं वे देशभक्त हैं? क्या जिन्होंने जज को उनक दफ़्तरों से बाहर निकाल फेंका वे देशभक्त हैं? चाहे मुझे जो भी परिणाम भुगतने पड़ें लेकिन मैं सच बोलूंगा."
जब रिपोर्टर ने शरीफ द्वारा आतंकवादियों के पाकिस्तान में सक्रिय होने की बात स्वीकरने को लेकर सवाल पूछे तो शरीफ की बेटी जो उनके साथ वहां मौजूद थीं उन्होंने जवाब देते हुए कहा, "तो फिर किसने जर्ब-ए-अज्ब (सैन्य कार्रवाई) किया."
ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्ब एक संयुक्त सैन्य हमला था जिसके तहत साल 2014 में पाकिस्तान सैन्य फोर्स ने कई आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की थी. 'डॉन' अखबार के मुताबिक, इस मुद्दे पर शरीफ़ के भाइयों के बयानों के बाद पार्टी का अंदरूनी मनमुटाव सामने आ गया है.
(साभार: न्यूज़-18)
सम्पादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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