लोग प्रदर्शन करने नेताओं के दफ्तरों के पास क्यों नहीं आ सकते: सुप्रीम कोर्ट
मध्य दिल्ली में प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने वाले केंद्र सरकार के फ़ैसले पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि प्रदर्शन सत्ता के केंद्र के पास होना चाहिए ताकि लोगों की आवाज़ सुनी जा सके.
नई दिल्ली, 04 मई: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि अगर नेता वोट मांगने के लिए जनता से संपर्क कर सकते हैं तो चुनाव के बाद प्रदर्शन करने के लिए जनता क्यों उनके कार्यालय के निकट नहीं आ सकती है.
शीर्ष अदालत की टिप्पणी मध्य दिल्ली में प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने के लिए स्थायी तौर पर निषेधाज्ञा लगाने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान आई.
न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने कहा कि लोगों के प्रदर्शन के अधिकार को मान्यता देने वाले सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कई फैसले हैं.
पीठ ने कहा, ‘जब चुनाव के दौरान नेता वोट मांगने के लिए जनता के बीच जा सकते हैं तो चुनाव बाद प्रदर्शन करने के लिए लोग उनके दफ्तरों के पास क्यों नहीं आ सकते?’
अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि केंद्र ने मध्य दिल्ली में प्रदर्शन या लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध लगा दिया है और यातायात बाधा को रोकने की आड़ में स्थायी तौर पर सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी है.
भूषण ने कहा कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों से रामलीला मैदान जाने को कहा है जबकि लोगों के प्रदर्शन के अधिकार को मान्यता देने वाले कई फैसले हैं.
उन्होंने कहा, ‘प्रदर्शन सत्ता के केंद्र के पास होना चाहिए ताकि लोगों की आवाज सुनी जा सके.’
उन्होंने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट का एक फैसला है जो फैक्ट्री के गेट के पास लोगों के प्रदर्शन के अधिकार को मान्यता देता है, बशर्ते इससे यातायात प्रभावित नहीं हो.
भूषण ने कहा कि दिल्ली पुलिस के पास यातायात बाधाओं से निपटने की पूरी शक्ति है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लोगों के प्रदर्शन के अधिकार में कटौती की जाए.
गुरुवार को सुनवाई अधूरी रही. आगे की सुनवाई अब 09 मई को होगी.
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए अदालत को कहा था कि यह पेशेवर प्रदर्शनकारियों का ज़माना है, जो संसद या राष्ट्रपति भवन या प्रधानमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन करते हैं ताकि उनकी आवाजें सुनी जा सकें.
(साभार- द वायर )
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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