म .प्र.: डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर में 47 वर्षों के बाद दीक्षांत समारोह सम्पन्न.
47 वर्षो से कमरे में कैद हजारों या इससे अधिक में से कुछ सैकड़ा उपाधि प्रमाण पत्रों को मुक्ति मिली। __ [रघु ठाकुर]
मध्य प्रदेश: सागर, 29 अप्रैल: डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय ,सागर (म .प्र.) में 47 वर्षों के बाद दीक्षांत समारोह सम्पन्न हो गया। इस दीक्षांत समारोह पर लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रिय संरक्षक- रघु ठाकुर ने स्वतंत्र भारत न्यूज़ से एक बात- चित में बताया कि, डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय ,सागर (म .प्र.) में 47वर्षो से कमरे में कैद हजारों या इससे अधिक में से कुछ सैकड़ा उपाधि प्रमाण पत्रों को मुक्ति मिली है तथा सात दिन से राष्ट्रपति के शिष्टाचार के नाम पर चल रहे अशिष्टाचार से सरकारी जाम से शहर को आजादी मिली।
श्री ठाकुर ने कहा कि, राष्ट्रपति जी ने शहर वासियों को डॉ हरिसिंह गौर के दान से लगभग 72 वर्षों के बाद अवगत कराया।
हम उनके आभारी हैं। अगर वे एकाध शब्द डॉ गौर को भारत रत्न की पात्रता के बारे में कहते तो समूचा बुन्देलखण्ड उपकृत होता।
समूचा प्रशासन सात दिनों से जाग रहा था।
राजा की सवारी की अगवानी से विदाई तक सुरक्षा के नाम पर चूं चपट तक बन्द करने को लाचार पुलिस को राहत मिली।
जिन 11 बच्चों को राष्ट्रपति जी के द्वारा पदक मिलना था उनमे से कुछ को ही उनके द्वारा दिया जा सका क्योंकि, समयाभाव था।
परन्तु, इस समयाभाव के लिए तो वही जिम्मेदार हैं जिन्होंने स्वतः समय का पालन नहीं किया। इन होनहार बच्चों को निराश क्यों किया गया।
कुल मिलाकर इस विराट शो से शहर को क्या मिला, यह शोध का विषय है।
भाषणों में भी जिन्होंने सुना वे कह रहे हैं व लोगों की यह चर्चा है की जो मिला उसमें दीक्षा के अलावा कुछ और था।
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