भारतीय पैरा टीम में तराई के लाल को स्थान मिलने पर तराई वेलफेयर एसोसिएशन में खुशी की लहर
ग्रेटर नोएडा, 19 अप्रैल: "परिश्रम सफलता की कुंजी है" कहावत को चरितार्थ करते हुए तराई के मध्यमवर्गीय दिव्यांग बेटे का चयन पैरा क्रिकेट प्रतियोगिता के लिए भारतीय क्रिकेट टीम में होने के साथ तराई वेलफेयर एसोसिएशन में खुशी की लहर दौड़ गयी है।एसोसिएशन ने आज विभिन्न तरीकों से खुशी का इजहार किया जिसका सबसे ज्यादा असर सामाजिक संचार माध्यमों पर देखने को मिला।
उल्लेखनीय है कि लखीमपुर खीरी जनपद के धौरहरा में एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे तराई माटी में पले बढ़े दिव्यांग विक्रम ने विषम परिस्थितियों में भी हौसला कभी कम नही होने दिया।चौकीदार के घर जन्म लेने वाले इस बहुमुखी प्रतिभा के धनी विक्रम नाग ने आर्थिक कारणों से मोबाइल रिपेरिंग के साथ साथ बचपन के पसन्दीदा खेलो को हमेशा तवज्जोह दिया।जुनूनियत की हद तक बने इस शौक और ललक वाले खेल क्रिकेट में विक्रम लगातार भाग्य आजमाता रहा।कहते है भगवान के घर देर है अंधेर नही और वह घड़ी आ गयी जिसका बेसब्री से इंतजार था।तराई के इस लाल को भारतीय टीम में बतौर खिलाड़ी चुन लिया गया, जिसका पहला बंग्लादेश की टीम के साथ होगा।वैसे तो तराई की माटी प्रतिभाओ से खाली नही रही है समय समय पर यहाँ की प्रतिभाओ ने अपनी दक्षता सिद्ध की है।
आज अंतर्राष्ट्रीय फलक पर पहचान बनाने वाले विक्रम के सम्मान में तराई वेलफेयर एसोसिएशन इन दिल्ली एनसीआर ने सुबह से सबसे बड़ी नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर सन्देश के जरिये शुभकामनाओं का दौर शुरू कर दिया था जिसने धीरे धीरे व्हाट्सएप्प, ट्वीटर, काल व अन्य माध्यमो से बड़ा रूप ले लिया था।एसोसिएशन पदाधिकारियों के अनुसार विक्रम की ललक, लगन व मेहनत ने वैश्विक स्तर पर तराई क्षेत्र का नाम रोशन किया है और तराई प्रतिभाओ के लिए एक प्रेरक के रूप में उभरा है।सभी तराई वासियो की शुभकामनाएं विक्रम के साथ है।
एसोसिएशन ने पहले अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले पर कहा "चक दे विक्रम"।
अनिल श्रीवास्तव
swatantrabharatnews.com