कांग्रेस को बिन 'पंजा' ही लड़ना होगा कर्नाटक चुनाव? चिह्न रद्द करने की याचिका पर सुनवाई करेगा EC
कर्नाटक, 12 अप्रैल: कर्नाटक में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सत्ताधारी कांग्रेस और बीजेपी के बीच तेज होती लड़ाई अब चुनाव आयोग के दरवाजे तक जा पहुंची है. दरअसल बीजेपी के एक नेता कांग्रेस के चुनावी निशान 'पंजे' को रद्द करने की आयोग से मांग की है. आयोग ने उनकी यह याचिका स्वीकार करते हुए 18 अप्रैल को इस पर सुनवाई मुकर्रर की है.
इस साल जनवरी में आयोग के समक्ष दायर इस याचिका में दलील दी गई कि हाथ इंसानी शरीर का 'अभिन्न हिस्सा' है और इसे चुनाव चिह्न की तरह इस्तेमाल करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. अश्विनी उपाध्याय की इस याचिका पर सुनवाई के लिए चुनाव आयोग राजी हो गया है और अब डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर भूषण चंद्र कुमार इस याचिका पर सुनवाई करेंगे.
उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा है कि चुनाव आयोग की तरफ मतदान की तारीखों के ऐलान के साथ राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है, जहां मतदान से 48 घंटे पहले सभी तरह के प्रचार बंद करने के निर्देश हैं और मतदान के दिन पोलिंग बूथ के 100 मीटर के दायरे के भीतर प्रचार की भी मनाही होती है, लेकिन चूंकि कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिह्न 'हाथ' है, तो इसके उम्मीदवार, एजेंट और समर्थक प्रचार रुकने के बाद भी इसे दिखाते रहते हैं.'
इस याचिका में कांग्रेस के इस चुनाव चिह्न को रद्द करने की मांग करते हुए कहा गया कि 'ऐसा नहीं करना जनप्रतिनिधि कानून- 1951 के अनुच्छेद 130 और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होगा.'
उपाध्याय ने कहा, 'मतदान से ठीक पहले और पोलिंग स्टेशन के 100 मीटर के दायरे के अंदर भी इस पार्टी के उम्मीदवार या उसके समर्थक जब भी जनसभाओं में या वोटरों के पास जाते हैं, तो 'हाथ' दिखाकर उन्हें अपने लिए वोट करने को प्रोत्साहित करते हैं.'
इस याचिका में कांग्रेस पार्टी के पुराने चुनाव चिह्नों का भी जिक्र करते हुए बताया गया कि पार्टी ने शुरुआत के चार लोकसभा चुनाव 'हल में जुते दो बैलों' के निशान के साथ लड़ा, फिर जब कांग्रेस में दो-फाड़ हुआ, तो इसने 'गाय और बछड़े' के निशान के साथ पांचवा लोकसभा चुनाव लड़ा और फिर जब दोबारा कांग्रेस टूटी तो चुनाव आयोग ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 'पंजे' का चुनाव चिह्न दिया था.
(साभार: न्यूज़-18)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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