कठुआ रेप केस से शर्मसार इंसानियत, 15 प्वाइंट्स में जानें पूरा ब्योरा
जम्मू कश्मीर सहित देशभर के लोग अब उस मासूम को जल्द इंसाफ मिलने की आस लगाए बैठे हैं. लोगों की मांग है कि जम्मू की निर्भया के आरोपियों को जल्द सजा दी जाए.
जम्मू-कश्मीर, 12 अप्रैल: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आठ साल की एक बच्ची के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले को लेकर देश भर में गुस्सा है. जम्मू कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सोमवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 15 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया. इसमें बकरवाल समुदाय की इस बच्ची का अपहरण, बलात्कार और उसकी हत्या को लेकर रोंगटे खड़ी कर देने वाले खुलासे हुए हैं.
जानें कब क्या हुआ
1. यह बच्ची इस साल 10 जनवरी को गमशुदा हुई थी, उसके पिता ने दो दिनों तक उसे हर जगह ढूंढ़ा और आखिर में थकहार कर 12 जनवरी को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने पुलिस को बताया कि उनकी बच्ची घोड़े का चारा लेने के लिए जंगल गई थी, लेकिन फिर लौटी ही नहीं.
2. पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी, लेकिन तब तक उस मासूम की मौत हो चुकी थी. पुलिस को 17 जनवरी के दिन कठुआ के ही रासना गांव के पास के जंगलों में बेहद बुरी हालत में उसकी लाश मिली.
3. पुलिस ने लाश बरामद कर उसे मेडिकल के लिए भेजा, जिसमें पता चला कि उसके साथ गैंगरेप हुआ था. पुलिस ने इस मामले में सबसे पहले एक नाबालिग लड़के को गिरफ्तार किया, लेकिन तब स्थानीय लोगों ने पुलिस के खिलाफ ही विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.
4. इस मामले को लेकर बढ़ते गुस्से के बीच राज्य की महबूबा मुफ्ती सरकार ने यह केस क्राइम ब्रांच के सुपुर्द कर दिया. क्राइम ब्रांच ने 9 अप्रैल को इस मामले में 8 लोगों के खिलाफ 18 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की.
5. इस चार्जशीट में बताया गया कि नाबालिग आरोपी ने बच्ची का अपहरण किया और फिर 11 जनवरी को उसने मेरठन में पढ़ाई कर रहे अपने साथी आरोपी विशाल जंगोत्रा को इस बारे में बताया और कहा, ‘मजे लेना है, जल्दी यहां आ जाओ.’
6. इसके अगले दिन 12 जनवरी को विशाल रासना गांव पहुंच गया. इस दौरान आरोपियों ने बच्ची को नशे की गोलियां देकर एक मंदिर में बंधक बना रखा था. उन लोगों हफ्तेभर तक उसका कई बार रेप किया.
7. इस चार्जशीट में एक पुलिसकर्मी को बेहद शर्मसार करने वाली बात कही गई है. इसमें बताया गया कि लड़की से गैंगरेप के बाद उसकी हत्या करने की योजना बनाई जा रही थी. इस बीच आरोपियों ने अपने साथी पुलिसकर्मी दीपक खजूरिया से संपर्क किया, जिसने उनसे कहा कि बच्ची को मारने से मारने से पहले एक बार उसे भी रेप करने दो.
8. इसके बाद उस पुलिस वाले ने भी उन सभी लोगों के साथ मिलकर लड़की से बलात्कार किया. फिर आरोपियों ने पत्थरों से उस बच्ची का सिर कुचला और गला घोंटकर हत्या कर दी और उसकी लाश जंगल में फेंक दी.
9. चार्जशीट में यह भी कहा गया कि पुलिस ने केस दबाने के लिए रेप आरोपी नाबालिग की मां से डेढ़ लाख रुपये की घूस ली.
10. इस मामले की जांच जब क्राइम ब्रांच को दो गई, तो इस पर जमकर राजनीति हुई. विधानसभा में भी इसे लेकर खूब हंगामा हुआ. हैरान करने वाली बात तो यह रही कि लोगों ने आरोपियों के पक्ष में तिरंगा लेकर मार्च निकाला.
11. इस मामले में मुख्य आरोपी राजस्व विभाग के एक पूर्व अधिकारी सांझी राम ने सरेंडर किया है. चार्जशीट के मुताबिक, उसका मकसद बच्ची से गैंगरेप के जरिये उस बंजारा समुदाय को डराना था, ताकि वे उस गांव को छोड़कर चले जाएं.
12. इस मामले में विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया और सुरेंद्र वर्मा, हेड कांस्टेबल तिलक राज और सब-इंस्पेक्टर आनंद दत्ता को भी गिरफ्तार किया गया. इनमें एक सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता भी शामिल है. उस पर आरोप है कि उसने बच्ची के कपड़े क्राइम ब्रांच को सौंपने से पहले उसे धोया था, ताकि उस पर लगे निशान मिट जाएं. इसके अलावा जांच अधिकारी होने के नाते उसने कई सबूत भी नष्ट किए.
13. इस घटना को लेकर देशभर में जारी भारी गुस्से के बीच जब न्यूज़18 की टीम ग्राउंड जीरो पर गई, तो पता चला कि बच्ची का परिवार गांव छोड़कर जा चुका है. वहीं पड़ोसियों से पूछताछ पर पता चला कि उसके परिवार को भी खुद की जान पर खतरा सता रहा था और उसकी वजह से वह घर-बार छोड़कर चले गए.
14. इस मामले में दायर चार्जशीट के बाद इस पर सियासत भी गर्माती दिख रही है. एक तरफ जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और बीजेपी के कुछ नेता इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का कहना है की क्राइम ब्रांच इसकी निष्पक्ष जांच कर रही है और यह मामला सीबीआई को सौंपने की कोई ज़ुरूरत नहीं.
15. वहीं पीड़ित पक्ष की वकिल दीपिका सिंह का कहती हैं, ‘उस मासूम को इंसाफ दिलाना मेरा काम है. मुझे धमकियां मिल रही है कि मैं यह केस न लड़ूं, लेकिन मैं किसी से डरने वाले नहीं. मैं उसे इंसाफ ज़ुरूर दिलाऊंगी. इस मामले में विपक्षी नेशनल कॉन्फ्रेंस भी महबूबा मुफ्ती के कदम सहमत दिख रही है. उसका कहना है कि क्राइम ब्रांच ने अभी अपना काम बखूबी किया है.
जम्मू कश्मीर सहित देशभर के लोग अब उस मासूम को जल्द इंसाफ मिलने की आस लगाए बैठे हैं. लोगों की मांग है कि जम्मू की निर्भया के आरोपियों को जल्द सजा दी जाए.
(साभार: न्यूज़-18)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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