औरंगाबाद हिंसा: पुलिस कस्टडी से फरार BJP नेता ने कोर्ट में किया सरेंडर
पटना, 02 अप्रैल: बिहार के औरंगाबाद हिंसा के मुख्य आरोपी अनिल सिंह ने सोमवार को स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। आपको बता दें कि 27 मार्च को अनिल सिंह उस वक्त फरार हुआ जब पुलिस उसे कोर्ट में पेश करने के लिए ले जा रही थी। आरोपी अनिल सिंह हिंदू सेवा समिति की ओर से आयोजित राम नवमी जुलूस के मुख्य आयोजकों में से एक है। औरंगाबाद में रामनवमी जुलूस के दौरान हिंसा को भड़काने के आरोप में पुलिस ने अनिल सिंह को 26 मार्च की रात को गिरफ्तार कर नगर थाने के सुपुर्द कर दिया था।
दंगा भड़काने के आरोप में अनिल सिंह पर आईपीसी की धारा 120B, 147, 158 और 149, 295A के तहत एफआईआर (95/2018) में दर्ज की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनिल सिंह इंजीनियरिंग कॉलेज से ड्रॉप आउट है। वह अपने छात्र जीवन ने एबीवीपी से जुड़ा, बाद में राजपूत नेता आनंद मोहन की बिहार पीपुल्स पार्टी में शामिल हो गया। अनिल सिंह को साल 1999 में अपने चचेरे भाई की हत्या मामले में आरोपी रह चुका है। हालांकि बाद में उसे आरोपों से बरी कर दिया। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार अनिल सिंह पूर्व में सात वर्ष की सजा काट चुका है। साल 2007 में वह भाजपा में शामिल हुआ।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, अनिल सिंह ने साल 2010 में भाजपा नेता रामधर सिंह के लिए एक चुनावी अभियान भी चलाया था। जिसके चलते वे औरंगाबाद विधानसभा सीट जीते और बाद में मंत्री भी बने। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में सिंह ने सुशील कुमार सिंह के लिए चुनावी अभियान चलाया, जो इस सीट पर भारी मतों से जीते। मामले में सासंद सुशील कुमार ने बताया कि, 'अनिल सिंह कुछ समय के लिए भाजपा से जुड़े रहे हैं और उन्होंने मेरे लिए चुनाव प्रचार भी किया है।'
वहीं औरंगाबाद में हुए उपद्रव के मामले में रविवार को आरोपितों के घर इश्तेहार चिपकाए गए थे। सुबह करीब 11 बजे भारी संख्या में सीआरपीएफ जवानों के साथ पुलिस पदाधिकारी आरोपितों के घर पहुंचे और इश्तेहार चिपकाए। सबसे पहले महाराजगंज रोड स्थित कुंडा गांव निवासी अनिल कुमार सिंह के घर पर इश्तेहार चिपकाया गए। इस दौरान घोषणा भी की गई कि आरोपित सरेंडर कर दे अन्यथा चल अचल संपत्ति को कुर्क कर लिया जाएगा।
(साभार: One India)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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