एक विसलब्लोअर ने दावा किया है कि 10वीं मैथ्स और 12वीं के इकनॉमिक्स के पेपर के अलावा पॉलिटिकल साइंस का पेपर भी लीक हुआ था।
लुधियाना, 31 मार्च: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) में पेपर लीक मामला और पेचीदा हो रहा है। यहां एक विसलब्लोअर (मुखबिर) ने दावा किया है कि 10वीं मैथ्स और 12वीं के इकनॉमिक्स के पेपर के अलावा पॉलिटिकल साइंस का पेपर भी लीक हुआ था। उसका कहना है कि 17 मार्च को ही उसने इस संबंध में पीएम नरेंद्र मोदी, सीबीएसई और पुलिस को अलर्ट कर दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उसने कहा कि वह पूरे दावे के साथ कह सकता है कि पॉलिटिकल साइंस का पेपर भी लीक हुआ था। मुखबिर के इस दावे के बाद सीबीएसई के 28 लाख स्टूडेंट्स चिंतित हैं। उसका कहना है कि पेपर लीक करने वाले से यूट्यूब के माध्यम से संपर्क साधा गया था।
वहीं, जांच में पता चला है कि 10वीं मैथ्स और 12वीं के इकनॉमिक्स के बाजार में लीक पेपर 500-500 रुपये उपलब्ध हो गए थे। पेपर 10 वाट्सएप एप ग्रुप में शेयर किए गए थे। सभी ग्रुप दिल्ली और एनसीआर से संचालित किए जा रहे थे।
जाह्नवी बहल
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व लुधियाना की 12वीं कक्षा की छात्रा जाह्नवी बहल ने भी दावा किया था उसने अर्थशास्त्र लीक होगा यह बात 17 मार्च को ही बता दी थी। उसने कहा था कि पेपर लीक करने वाले गैंग ने सोशल मीडिया के जरिए विद्यार्थियों को पेपर उपलब्ध करवाया है। उसने पेपर लीक करने वालों के साथ वाट्सएप पर हुई चैट का सारा ब्यौरा शिकायत के साथ सीपी को सौंपा था। यही नहीं उन्होंने यह सभी दस्तावेज सीबीएसई व प्रधानमंत्री कार्यालय को भी भेजे थे, लेकिन उसकी शिकायत को तब गंभीरता से नहीं लिया गया था।
जाह्नवी का कहना था कि उसने 17 मार्च को लुधियाना पुलिस कमिश्नर आरएन ढोके से इस मामले की शिकायत की थी। इसकी जांच उन्होंने एडीसीपी रतन बराड़ को सौंपी थी, लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई जांच नहीं की, जबकि उन्होंने पुलिस को पेपर उपलब्ध करवाने का दावा करने वाले का फोन नंबर भी उपलब्ध करवाया था।
(साभार: जेएनएन)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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