अन्तर्राष्ट्रीय वन दिवस पर निकाली गयी जागरूकता रैली.
मुख्य अतिथि सनोज तिवारी ने हरी झण्डी दिखा रैली को किया रवाना
सोनभद्र (ब्यूरो)। जनपद के विभिन्न वन क्षेत्रों में बुधवार को अन्तर्राष्ट्रीय वन दिवस मनाया गया। इस दौरान रैली निकाल तथा गोष्ठी आयोजित कर लोगों को वन संरक्षण के प्रति जागरूक किया गया। इसी क्रम में चोपन ब्लाक के जुगैल रेंज के ग्राम पंचायत बड़गांवा के प्राथमिक विद्यालय बरवाडीह में बुधवार को वन विभाग के तत्वावधान में अन्तर्राष्ट्रीय वन दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर रैली निकाल लोगों को वन संरक्षण के प्रति जागरूक किया गया। रैली को कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ओबरा वन प्रभाग के डीएफओ अमर बहादुर सिंह व मुख्य अतिथि पत्रकार सनोज तिवारी ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। रैली करीब पॉच किलोमीटर के दायरे में विभिन्न गांव का भ्रमण कर स्कूल परिसर पहुंच संगोष्ठी के रूप में तब्दील हो गयी। इस दौरान लोगों को सुरक्षित जंगल हेतु अवैध खनन, पेड़ो के अवैध कटान अवैध निर्माण आदि पर रोकथाम लगाने के साथ ही वन संरक्षण के प्रति जागरूक किया गया। संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए श्री तिवारी ने कहा कि हर परिवार को कम से कम पॉच पेड़ अवश्य लगाना चाहिए जिससे जीवन को बचाने में सहायक हो सके। उन्होंने कहा कि बड़गॉवा फासिल्स हमारे अमूल्य व अन्तर्राष्ट्रीय धरोहर हैं जिसकी सुरक्षा करना हम सब की जिम्मेदारी है। विशिष्ट अतिथि पत्रकार नीरज पाठक ने कहा कि वनो की ही रक्षा से हमे संतुलित वातावरण मिलेंगे। उन्होंने राष्ट्रीय धरोहरों पर चर्चा करते हुए कहा कि फासिल्स को संरक्षित करने के लिए कोई ठोस उपाय किया जाना चाहिए। अध्यक्षता कर रहे डीएफओ ने कहा कि पेड़ महत्वपूर्ण होते हैं, ऐसे में जितने पेड़ काटे उसके बदले उतने ही पेड़ जरूर लगाये। क्योंकि पेड़ों से ही हमें आक्सीजन के साथ ही स्वच्छ हवा व कमाने का तरीका भी प्राप्त होता है। डीएफओं ने आगे यह भी कहा कि वन बिना जल व जीवन संभव नहीं है। रेंजर एबी सिंह ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस मौके पर वन कर्मियों समेत भारी संख्या में छात्र एवं छात्राएं आदि मौजूद रहे।
हमारे डाला संवाददाता के अनुसार अन्तर्राष्ट्रीय वन दिवस पर डाला वन रेंज के बिल्ली-मारकुण्डी में वन दरोगा अनिल सिंह के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण हेतु जागरूकता रैली निकाली गयी। प्राथमिक विद्यालय बाड़ी की प्रधानाध्यापिका रतना चतुर्वेदी ने बतौर मुख्य अतिथि ने कहा कि मनुष्य व जीव-जन्तुओं के लिए पेड़-पौधे ही जीने के आधार है। पेड़-पौधों के संरक्षण से ही सबका जीवन संरक्षित है। उन्होंने कहा कि जब धरती पर पेड़ नहीं होंगे , तब मनुष्य का जीवन भी सम्भव नहीं हो सकेगा। चंद लाभ के लिए जो लोग पेड़ या पेड़ो की टहनियों को काटकर पैसा कमाते है, समझो वे लोग अपने जीने का आधार को काटते है। उन्होंने आगे कहा कि जब मनुष्य ही नहीं रहेगा तो पैसा किस काम का है। पूरा विश्व पर्यावरण संतुलन को बनाये रखने मे लगा हुआ है। इसमें सभी लोगों का योगदान जरूरी है। विशिष्ट अतिथि रामू गोंड़ ने कहा कि गांव से लेकर शहरो तक कल-कारखानों का जाल बिछता जा रहा है। जिसके कारण प्रदूषण की मार सबको झेलनी पड़ रही है। प्रदूषण से बचाव पेड़-पौधो के संरक्षित रहने से ही सम्भव है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के फैलने से लाईलाज बीमारियां पैदा हो रही है, जिसके बचाव में हरे-भरे जंगल व पेड़-पौधे ही सहायक है। कार्यक्रम की अध्यक्षता संयुक्त वन प्रबंधन समिति बिल्ली-मारकुण्डी की अध्यक्ष कविता देवी ने किया। इस मौके पर ग्राम पंचायत सदस्य मृत्युनजय पाण्डेय, मनोज वैगा आदि मौजूद रहे।
(साभार: प्रियंका)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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