LDA की दादागिरी! हज़ारों- लाखों पेड़ LDA काटेगा - हज़ारों किसानों ने LDA पर लगाया धोखा-धड़ी का आरोप, जांच की मांग!
लखनऊ विकाश प्राधिकरण द्वारा मोहन रोड आवासीय योजना के अंतर्गत कलियाँ खेड़ा और प्यारेपुर की जमीन अधिग्रहण मामला.
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी और भारतीय किसान यूनियन ने किसानों को दिया अपना पूर्ण समर्थन.
लखनऊ, 22 मार्च: उतर प्रदेश की राजधानी- लखनऊ में LDA की कारगुज़ारियों से प्यारेपुर और कलियाँ खेड़ा के हज़ारों किसान परिवार आहत हैं और मज़बूर होकर 13 मार्च से कलियाँ खेड़ा मार्ग पर लगातार धरने पर बैठकर शांतिपूर्वक LDA प्रशासन, जिला प्रशासन और उत्तर प्रदेश शासन का ध्यान आकर्षित कर न्याय की गुहार कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि,
उनकी जमीन का वर्ष 2016 में किये वादे के अनुसार वर्ष 2016 के सर्किल रेट का 4 गुना मुवावजा दिया जाय तथा आम के फलदार बृक्ष और अन्य पेड़ों, ट्यूब वेल आदि का वादे के अनुसार मुवावजा दिया जाय, तथा उनके द्वारा प्रस्तुत आपत्तियों का निस्तारण किया जाय.
धरने पर बैठे किसान - सूरज तथा अन्य ने बताया कि, उनके और उनके साथ के लगभग 1600 किसानों के साथ धोखा हुआ है तथा LDA ना ही उनको वर्ष 2016 के सर्किल रेट का 4गुना मुवावजा दे रहा है और ना ही किसानों की उपजाऊ जमीन में लगे आम के बगीचों और ट्यूब वेल को दर्शा रहा है तथा पुलिस बल की धमकी देकर हम सब को दबाने का प्रयास कर रहा है.
किसानों ने हमारे संवाददाता को ले जाकर वे सारे बाग़ भी दिखाए जिनमें मोजर लगे हुए हैं. खसरा - खतौनी दिखाए, जिनमे साफ़-साफ़ आम व अन्य पेड़ और उनकी संख्या दर्ज़ है.
कुछ फोटो हमारे संवाददाता ने ली, जिसे आप भी देख सकते हैं, लेकिन किसानों का कहना है कि, LDA जमीनों पर लगे इन पेड़ों को दिखा ही नहीं रहा है अतैव यह धोखा है , भूमि अधिग्रहण के इस पूरे प्रकरण कि जांच कराई जाय.
फोटो:-
उनका कहना है कि, हम लोगों कि पुस्तैनी जमीन है, आम के पेड़ों में मोज़र लगे हुए हैं. हम एक पेड़ काट दें तो गुनाह है और LDA लाखों पेड़ कटवा दे तो कोई गुनाह नहीं?
LDA और स्थानीय प्रशासन मौन है. LDA अपने आप को एक चैरिटेबल संस्था कहता है और LDA को 12-ए के तहत चैरिटेबल संस्था का प्रमाण-पत्र भी मिल चुका है.
लेकिन आज ही हिन्दुस्तान में छपे खबर के मुताबिक़ आयकर विभाग ने केवल वर्ष 2015 -16 में LDA को 450 करोड़ रुपये का फायदा दिखाकर लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) पर 151.42 करोड़ का बकाया टैक्स निकाला है और LDA के तीन बैंक खाते सीज करा दिया है, जिससे LDA में हड़कंप मचा हुआ है.
इनकम टैक्स विभाग ने LDA को चैरिटेबल संस्था मानने से इंकार कर दिया है.
इनकम टैक्स विभाग ने LDA को चैरिटेबल संस्था मानने से किया इंकार और 151.42 करोड़ रुपये बकए इनकम टैक्स के कारण LDA के खाते किये सीज!
भारतीय किसान यूनियन और लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी ने किसानों के आंदोलन को पूर्ण समर्थन की घोषणा की है.
अब यहां प्रश्न उठता है कि, क्या किसानों का आरोप सही है और LDA को चैरिटेबल संस्था का प्रमाण पत्र देना गलत है जैसा कि आयकर विभाग ने ....
swatantrabharatnews.com