महाराष्ट्र में डेंगू के साथ फंड का दंश
मुंबई, 21मार्च: साल 2017 में डेंगू से देशभर में हुई कुल मौतों में से 15 प्रतिशत सिर्फ महाराष्ट्र में हुईं। आंकड़ों के अनुसार, 2015-17 के बीच में देशभर में डेंगी से 718 लोगों की जान गई, जिसमें से 97 केस महाराष्ट्र के हैं। बावजूद इसके, केंद्र सरकार से मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए राज्य को केवल 26 करोड़ रुपये फंड मिलता है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से मिले आंकड़े दर्शाते हैं कि कुछ राज्यों में इस बीमारी के कारण हुई मौतें महाराष्ट्र की तुलना में कम हैं, जबकि उन्हें मिलने वाला फंड अधिक है। उदाहरण स्वरूप, पिछले 3 साल में राजस्थान में डेंगी से 39 लोगों की मौत हुई और राज्य को 61.83 करोड़ रुपये फंड मिला। इसी तरह, तमिलनाडु में 82 मौतें हुईं और राज्य को 44.38 करोड़ रुपये आबंटित किए गए। स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार और प्रशासन की अकुशलता के कारण महाराष्ट्र में बीमारियां बढ़ रही हैं, जबकि रोकथाम के लिए मिलने वाला बजट कम हो रहा है।
मामले बढ़े, बजट हुआ कम
आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में डेंसी से 2015 में 23, 2016 में 33 और 2017 में 41 लोगों की मौत हुई थी। 2016 की तुलना में 2017 में मौतें ज्यादा हुईं। दूसरी तरफ, फंड में कटौती हो गई। राज्य को 2016 में मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए 13 करोड़ रुपये आवंटित हुए, जबकि 2017 में इसे 7 करोड़ रुपये कर दिया गया। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए काम करने वाली संस्था जन आरोग्य अभियान के समन्वयक अभिजीत मोरे ने कहा कि राज्य को मिलने वाले संपूर्ण बजट में कटौती हुई है। इसका नकारात्मक असर आने वाले समय में देखने को मिलेगा।
एनबीटी ने जब इस मामले में राज्य के स्वास्थ्य निदेशक (अतिरिक्त प्रभार) संजीव कुमार से बात की, तो उनका कहना था कि हर राज्य को बीमारियों के अनुसार राशि आबंटित की जाती है। किसी बीमारी के लिए अगर राशि कम आबंटित होती है, तो किसी के लिए अधिक।
इस बारे में जन आरोग्य अभियान के समन्वयक अभिजित मोरे ने कहा, 'महाराष्ट्र में तेजी से नगरीकरण और इमारतों का निर्माण हो रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में यहां डेंगी के मामलों में भी बढ़ोतरी होगी। बजट कम बेहद दुखद है।'
राज्य मौतें आवंटित राशि
महाराष्ट्र 97 मौतें आवंटित फंड 26.27
राजस्थान 39 मौतें आवंटित फंड 61.83
केरल 75 मौतें आवंटित फंड 18.7
तमिलनाडु 82 मौतें आवंटित फंड 44.38
(नोट: राशि करोड़ रुपये में)
(साभार: नवभारत टाइम्स)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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