यौन शोषण केस: जेएनयू छात्रों की दिल्ली पुलिस से झड़प, आरोपी प्रोफेसर की गिरफ्तारी की मांग
> जेएनयू में छात्राओं के यौन शोषण मामले में पुलिस ने शुक्रवार को एक प्रोफेसर के खिलाफ केस दर्ज किया था।
नई दिल्ली. 19 मार्च: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में छात्राओं के यौन शोषण मामले में छात्रसंघ का विरोध तीसरे दिन उग्र हो गया। उन्होंने आरोपी प्रोफेसर की गिरफ्तारी नहीं होने पर सोमवार देर शाम साउथ-वेस्ट दिल्ली के वसंतकुंज थाने के बाहर प्रदर्शन किया। लड़कियों की शिकायतों पर 8 अलग-अलग एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर छात्र-छात्राओं ने यहां धरना दिया। इस दौरान उनकी पुलिस के साथ जमकर झड़प हुई। बता दें कि जेएनयू की 9 रिसर्च स्कॉलर्स ने स्कूल ऑफ लाइफ साइंस डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो. अतुल जौहरी के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
क्या है छात्र संगठनों और प्रोफेसरों की मांग?
- यौन शोषण केस में जेएनयू छात्र संगठनों और 54 प्रोफेसरों ने कहा है कि 8 छात्राओं ने आरोपी प्रोफेसर अतुल जौहरी के खिलाफ अलग-अलग शिकायत दर्ज कराईं, लेकिन पुलिस ने सिर्फ एक मामले में केस दर्ज किया।
- एक शिकायतकर्ता ने कहा, ''छात्राओं ने अलग-अलग वक्त में यौन शोषण की घटना हुईं। पुलिस को इन्हें अलग मामला मानना चाहिए, लेकिन सिर्फ एक एफआईआर में सबके नाम डाल दिए। पुलिस सभी पीड़िताओं के बयान दर्ज करे। बजाय इसके आरोपी प्रोफेसर को बचाया जा रहा है।''
- इस मामले में डीसीपी, मिलिंद दुम्बरे ने बताया कि छात्राओं के यौन शोषण मामले में कानून के मुताबिक कार्रवाई की जा रही है। आरोपी प्रोफेसर को नोटिस भेजा है, मंगलवार को वह जांच में शामिल होंगे।
क्या है मामला?
- 16 मार्च को जेएनयू में एमफिल-पीएचडी की 9 छात्राओं ने वसंतकुंज थाने में प्रोफेसर अतुल जौहरी के खिलाफ शिकायत दी। प्रोफेसर ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए पीएचडी लाइफ साइंस के एचओडी पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन छात्राओं ने उन्हें यूनिवर्सिटी से बर्खास्त करने की मांग की।
- तब जौहरी ने कहा था, ''छात्रसंघ 75% अनिवार्य उपस्थित का विरोध करता रहे हैं। जिन छात्राओं ने मेरे खिलाफ केस दर्ज कराया है, उनकी अटेंडेंस कम है। इसलिए कार्रवाई से बचने के लिए वे इस तरह के आरोप लगा रही हैं। छात्रसंघ ने इन्हें गुमराह किया।''
(साभार: दैनिक भाष्कर)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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