इंदौर: दर्दनाक हादसे में मां-बेटी सहेली सहित 4 की मौत, स्टेयरिंग में फंसा रहा बेटा
पीथमपुर-मानपुर फोरलेन पर हुआ हादसा, मां के इलाज के लिए बड़वानी से इंदौर आ रहे थे।
इंदौर: धार जिले के पीथमपुर में इंदौर-मुंबई नेशनल हाईवे पर सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात भीषण सड़क हादसे में एक ही परिवार के तीन लोगों सहित 4 की मौत हो गई। हादसा इतना भीषण था कि कार की अगली सीट टूटकर पीछे जा फिंकाई। हादसे में युवक, उसकी बहन और उसकी सहेली की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि मां ने महू अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस ने प्रकरण दर्ज की पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
- पीथमपुर सेक्टर-1 पुलिस के अनुसार हादसा रात करीब एक बजे पीथमपुर-मानपुर फोरलेन स्थित भोंडिया तालाब के पास हुआ। मिली जानकारी अनुसार कुलदीप पिता रामगोपाल गोले निवासी तलवाड़ा डेब, बड़वानी अपनी कार एमपी 04 सीए 3263 से इंदौर आ रहा था। कार में उसकी मां निर्मलाबाई, बहन सोनू और उसकी सहेली नेहा पिता छतरसिंह सवार थे।
- रात करीब एक बजे जब वे हाईवे से तालाब के पास पहुंचे तो यहां सड़क किनारे एक ट्रक खड़ा था। तेजगति से दौड़ रही कार पर कुलदीप नियंत्रण नहीं रख सके और कार ट्रक में जा समाई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार का अगला हिस्सा ट्रक के पीछे घुस गया।
- टक्कर की आवाज सुन आसपास के लोग और यहां से गुजर रहे राहगीरों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी और कार सवारों को बाहर निकालने लगे। हादसे में कुलदीप, सोनू और नेहा ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि मां निर्मलाबाई की सांसें चल रही थीं। निर्मला को तत्काल महू के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।
कार की अगली सीट टूटकर पिछली सीट पर गिरी
-प्रत्यक्षदर्शयों का कहना है कि कार तेजगति से दौड़ रही थी। हो सकता है कि रात होने की वजह से कुलदीप को झपकी आ गई हो और वह कार से नियंत्रण खो बैठा हो। टक्कर के बाद कार पूरी तरह से पिचक गई थी और अगली सीट टूटकर पिछली सीट तक पहुंच गई थी। टक्कर के बाद कुलदीप स्टेयरिंग पर फंसा हुआ था। वहीं सोनू और नेहा भी पिछली सीट पर चिपके हुए थे।
इकलौता था कुलदीप
- हाउसिंग चौकी प्रभारी थानेदार आरएस चौहान के अनुसार हादसा बहुत ही भीषण था। मिली जानकारी अनुसार निर्मलाबाई की तबीयत ठीक नहीं रहती थी, इसलिए कुलदीप मां और बहन के साथ इंदौर में रहने वाली अपनी बहन के पास डॉक्टर को दिखाने के लिए गांव से निकला था। कुलदीप तीन बहनों में अकेला भाई था। उसकी गांव में ही मोबाइल की शाॅप थी। उसके पिता की कुछ समय पहले मौत हो गई थी। घर की पूरी जिम्मेदारी उस पर ही थी। हादसे की मुख्य वजह क्या थी इसका पता नहीं चल पाया है।
(साभार: दैनिक भाष्कर)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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