भाजपा ने विपक्ष से संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने देने की अपील की.
नयी दिल्ली, 13 मार्च : भाषा: संसद में आंध्रप्रदेश को विशेष दर्जे की मांग, पीएनबी धोखाधड़ी समेत विभिन्न मुद्दों पर सात दिनों से कामकाज बाधित रहने के बीच भाजपा के शीर्ष नेताओं ने गतिरोध समाप्त करने के लिए आज गहन मंथन किया, साथ ही पार्टी ने विपक्षी दलों से सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने देने की अपील की ।
आज सुबह भाजपा की संसदीय दल की बैठक हुई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इस दौरान संसद में जारी गतिरोध को खत्म करने पर चर्चा हुई ।
बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा, ‘‘हम कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों से अपील करते हैं कि वे सदन को चलने दें। अभी तक के उनके व्यवहार से ऐसा लगता है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी का विश्वास लोकतंत्र में नहीं है। सदन के बाहर वे लोकतंत्र की बात करते हैं लेकिन संसद को नहीं चलने देते हैं।’’ उन्होंने कहा कि अगर संसद चलती है तो हमारी सूची में तीन-चार काम हैं जो सबसे पहले पूरे करने हैं। हमने अपने सभी सांसदों को व्हिप भी जारी किया है।
आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जे की मांग, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले, कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड सहित अलग अलग मुद्दों पर तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा), वाईएसआर कांग्रेस, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और अन्नाद्रमुक के भारी हंगामे के कारण लगातार सात दिनों से कामकाज बाधित हैं ।
विपक्ष के अलावा सरकार के सहयोगी दल भी हंगामा कर रहे हैं। आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जे की मांग को लेकर तेदेपा शुरुआत से ही प्रदर्शन कर रही है। इसी कारण तेदेपा कोटे के दो मंत्रियों ने भी मोदी सरकार के मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा दे दिया था। शिवसेना भी लोकसभा में मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मांग उठा चुकी है। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस भी लगातार पेट्रोल-डीजल के दामों को लेकर संसद परिसर में प्रदर्शन कर रही है।
सोमवार को लोकसभा में हंगामे के बीच ही सरकार ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर लगाम लगाने संबंधित विधेयक और चिटफंड संशोधन विधेयक पेश किये।
आज लोकसभा की कार्यसूची में विनियोग विधेयक एवं वित्त विधेयक 2018 पेश किये जाने के लिये सूचीबद्ध था लेकिन हंगामे के कारण इसे पेश नहीं किया जा सका। इसके अलावा कार्यसूची में पिछले कई दिनों से बैंकिंग क्षेत्र में हुई कथित प्रणालीगत अनियमितताओं और भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव के बारे में नियम 193 के तहत चर्चा सूचीबद्ध थी लेकिन सदस्यों के शोर शराबे के कारण यह भी शुरू नहीं हो सकी। कांग्रेस इस विषय पर चर्चा कार्यस्थगन और वोटिंग के प्रावधान वाले नियम के तहत शुरू करने की मांग कर रही है।
भाषा दीपक वैभव
(साभार-भाषा)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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