मेरठ (U.P.): देश को ऐसे पूंजीपतियों की जरूरत जो जरूरत पड़ने पर सब न्यौछावर कर दें: मोहन भागवत
भागवत ने यह बात मेरठ में संघ के राष्ट्रोदय समागम में कही। दावा था कि इस आयोजन में 3 लाख लोग पहुंचेंगे।
भागवत ने कहा कि हिंदुओं को एक होना होगा।
मेरठ. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के यहां हो रहे राष्ट्रोदय समागम में सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्र को ऐसे पूंजीपतियों की जरूरत है जो समय आने पर अपना सबकुछ न्योछावर कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि देश के हित में जरूरत पड़ने पर स्वयंसेवक अपने प्राण भी दे सकते हैं। संघ का दावा था कि एक दिन के इस समागम में 3 लाख से ज्यादा स्वयंसेवक पहुंचेंगे। साथ ही आरएसएस की स्थापना के बाद से यह उसका सबसे बड़ा सम्मेलन होगा। इससे पहले 2010 में केरल के कोल्लम में 92 हजार स्वयंसेवक जुटे थे।
भारत माता को अपनी माता मानने वाला हिन्दू है
- भागवत ने आगे कहा, "हिंदुओं को एक होना होगा। हिंदुओं के पास कहीं और दूसरी जगह जाने के लिए नहीं है। हम दायित्यवान लोग हैं हमें जवाब देना होगा। जात-पात में बंटकर लड़ाई करते हैं। हमारे झगड़े पर लोग स्वार्थ की रोटी सेंकते हैं। इसे रोकना है तो हर हिंदू हमारा भाई है ऐसा सोचना और कहना होगा...भारत माता को माता मानने वाला हिन्दू है।"
समागम के बहाने 2019 पर है फोकस
- माना जा रहा है कि राष्ट्रोदय समागम के पीछे 2019 के लोकसभा चुनाव हैं।
- समागम से पहले शुक्रवार को मोहन भागवत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी।
- बताया जा रहा है कि संघ प्रमुख ने इस मुलाकात में योगी से उनके 11 महीने के कामकाज की रिपोर्ट मांगी है और 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियों पर चर्चा की है।
समागम की एक साल से चल रही तैयारी
- प्रांत प्रचारक अजय मित्तल ने बताया कि मेरठ में होने वाले समागम की तैयारियां लगभग 1 साल से चल रही हैं।
- हम गांव-गांव जाकर लोगों को संघ से जोड़ रहे हैं। संघ पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हर नगर पंचायत तक पहुंच चुका है।
वेस्ट यूपी में बीजेपी की स्थिति
2007: 22 जिलों में 17 सीट
2012: 22 जिलों में 18 सीट
2017: 22 जिलों में 77 सीट
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में क्या है जातीय आंकड़ा?
- पश्चिमी उत्तर प्रदेश में करीब 21% दलित, 20% मुस्लिम, 17% जाट और 13% यादव हैं। ब्राह्मण और ठाकुर वोट करीब 28% है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
- सीनियर जर्नलिस्ट प्रदीप कपूर कहते हैं कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश हमेशा ही बीजेपी की कमजोर कड़ी रहा है, क्योंकि वहां दलित-जाट और मुस्लिम का गठजोड़ रहा है। 2017 के चुनाव में पहली बार बीजेपी ने 77 सीट जीतीं। ऐसे में 2019 को देखते हुए आरएसएस ने मेरठ में अपना सबसे बड़ा समागम करने का फैसला किया है।
- नाम न छापने की शर्त में एक सीनियर लीडर ने कहा, "आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत यूपी में बीते 7 दिनों से तीन प्रांत में समागम कर हिंदुओं को एकता का मंत्र दे रहे हैं। यह समागन मुख्य रूप से हिंदुओं में एकता स्थापित करना और जातीय भेदभाव को खत्म करने के लिए है।"
देश को ऐसे पूंजीपतियों की जरूरत जो जरूरत पड़ने पर सब न्यौछावर कर दें: मोहन भागवत
कहा जा रहा है कि इस समागम का मकसद 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले जनता की नब्ज टटोलना है।
(साभार: भाष्कर)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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