भारत में पहला गृह युद्ध पानी के लिए होगा !- रघु ठाकुर
पीने का पानी एक बहुमूल्य वस्तु है और जीवन का पर्याय भी तथा इसका होना शक्ति प्रदान करता है।
नदियों को एक बड़े पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में देखना चाहिए। यह करोड़ों लोगों के जीवन का आधार हैं।
अकाल जाति और धर्म नहीं पूछता।जल संकट अगर अभी से नियंत्रित नहीं किया गया तो सभी को निगलेगा। ____ रघु ठाकुर
नयी दिल्ली: लोकतान्त्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक- महान समाजवादी चिंतक व विचारक- रघु ठाकुर ने देश में पानी की बढती समस्याओं को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है और कहा कि, संयुक्तराष्ट्र के महासचिव बान की मून ने सम्भावना व्यक्त की थी कि अगला विश्व युद्ध पानी के लिए होगा, परन्तु मुझे लगता है कि अगर हालात नहीं बदले तो भारत में पहला गृहयुद्ध पानी को लेकर होगा।
श्री ठाकुर ने कहा कि, अंध श्रद्धा और अंध निंदा दोनों ही अतिरेक है। भारतीय राजनीति को इनसे बचाना चाहिए तभी कुछ सुधार होगा।
अकाल जाति और धर्म नहीं पूछता।जल संकट अगर अभी से नियंत्रित नहीं किया गया तो सभी को निगलेगा। पीने का पानी एक बहुमूल्य वस्तु है और जीवन का पर्याय भी तथा इसका होना शक्ति प्रदान करता है। नदियों को एक बड़े पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में देखना चाहिए। यह करोड़ों लोगों के जीवन का आधार हैं। इसलिए सरकार को समय रहते देश और प्रदेशो में बढ़ रहे पानी के संकट को गंभीरता से लेना चाहिए जिससे पानी को लेकर गृह युद्ध से बचा जा सके। यह मंथन का वक्त है कि हम पानी के लिए कितना गंभीर हैं।
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