आईये, जंग- ए- आज़ादी- ए- हिन्द के एक और मुस्लिम किरदार- शाहज़ादा फ़िरोज़शाह को जानते हैं...
"लहू बोलता भी है'
ज़रा याद उन्हें भी कर लो, जो लौट के घर न आये....
आईये, जंग- ए- आज़ादी- ए- हिन्द के एक और मुस्लिम किरदार को जानते हैं,
शाहज़ादा फ़िरोज़शाह: सन् 1857 की जंगे-आजादी में मुग़ल बादशाहों के ख़ानदान से ताल्लुक़ रखनेवाले मुग़ल बादशाह फ़र्रूख़ सियर के पोते फ़िरोज़शाह शहज़ादे का नाम अंग्रेज़ों के खि़लाफ़ पहली जंगे-आजादी में ख़ुद आपके हौसले-हिम्मत और जंग लड़ने की सलाहियत की जितनी भी तारीफ की जाये कम है। आपके नाम से ही अंग्रेज़-फ़ौज में घबराहट पैदा हो जाती थी। शहज़ादा फ़िरोज़शाह ने जंगी मुकाबले के अलावा जंगे-आज़ादी के मुजाहेदीन को ट्रेनिंग देना और आम अवाम में अंग्रेज़ों के खि़लाफ़ जंग लड़ने की तबलीग़ करना और हौसला पैदा करके जंग के मैदान के लायक बनाना भी आपका बहुत बड़ा कारनामा था। फ़िरोज़शाह ने बरेली प्रेस में छपवाकर एक मज़मून बंटवाया था, जिसमें लिखा था कि ऐ भारतवासियों, इन फिरंगियों की अपने लिए दुश्मनी को देखते हुए उठो अपने इरादे मज़बूत करो। ख़ुदा तुम्हारी मदद करेंगे, क्योंकि तुम हक़ पर हो। मुझे यक़ीन है कि ख़ुदा हमारा साथ देंगे और हम अंग्रेज़ों को खदेड़कर अपने प्यारे हिन्दुस्तान को आज़ाद करा लेंगे।
इस अपील के बाद आम आदमी में भारी जोश पैदा हुआ। अंग्रेज़-हुकूमत ने अब इस नये माहौल में शहज़ादा फ़िरोज़शाह को गिरफ़्तार करने के लिए पूरी ताक़त लगा दी। शहज़ादा फ़िरोज़शाह जहां-जहां जाते, अंग्रेज़ी फ़ौज वहां-वहां उनका पीछा करती। इसी तरह आप कंधार, बुख़ारा, तेहरान, कुस्तुनतुनिया और फिर वहां से जून 1857 में मक्का पहुंचे, लेकिन वहां से आकर हिन्दुस्तान में जंग करने के हालात नहीं बन सके और 17 दिसम्बर सन् 1877 को जद्दा में ही आपका इन्तक़ाल हो गया।
मुल्क के लिए आपकी मोहब्बत और बहादुरी की तारीफ एंग्लो इण्डियन अख़बारों ने कुछ इन अल्फाज़ में की थी अगर राबर्ट ब्रस देशभक्त था तो फ़िरोज़शाह उससे बड़ा देशभक्त था, क्योंकि दो साल तक अंग्रेज़ों से लड़नेवाला यह बहादुर नौजवान, जिसके पास पूंजी भी न थी न कोई फ़ौज या फ़ौजी सामान था, उसके बावजूद यह बहादुरी से आम हिन्दुस्तानियों को साथ लेकर लड़ता रहा। जंगे-आज़ादी के इतिहास में फ़िरोज़शाह का नाम सुनहरे हर्फ़ों में लिखा जाना चाहिए था, जो कि तंग-नज़री ने नहीं होने दिया।
(साभार:शाहनवाज़ अहमद क़ादरी)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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