उ.प्र. के मुजफ्फरनगर में सहमति से हटाए गए मस्जिद और मदरसा - मुजफ्फर नगर के मुस्लिम भईयों को दी बधाई - घटना बनेगी नजीर __ रघु ठाकुर
>पिछले दस साल में 70 से अधिक घरों के चिराग बुझाने वाले खूनी संधावली पुल पर अब जल्द काम शुरू हो जाएगा।
मुजफ्फरनगर: पिछले दस साल में 70 से अधिक घरों के चिराग बुझाने वाले खूनी संधावली पुल पर अब जल्द काम शुरू हो जाएगा। गुरुवार को यहां से मस्जिद व मदरसे को पुलिस-प्रशासन व सांसद समेत मुस्लिम समुदाय के प्रमुख लोगों की मौजूदगी में सहमति से हटा दिया गया। इसके लिए प्रशासन की ओर से मदरसे के खाते में 49 लाख रुपये की रकम डाल दी गई है, जिससे मस्जिद व मदरसा दूसरे स्थान पर बनाए जा सकें।
मुजफ्फरनगर में नेशनल हाईवे 58 पर संधावली गांव के पास रेल लाइन के ऊपर पुल अधूरा पड़ा हुआ है। मेरठ से देहरादून की ओर जाने वाला पुल का एक हिस्सा तो बन चुका है, मगर देहरादून से मेरठ की तरफ आने के लिए पुल का दूसरी तरफ का हिस्सा नहीं बन सका, इसलिए यात्री पुल का इस्तेमाल नहीं कर पाते और उन्हें रेलवे लाइन से होकर ही गुजरना पड़ता है। ऐसे में तेज रफ्तार से आने वाले वाहन पुल न पाकर एकाएक अपना नियंत्रण खो बैठते हैं और यहां पर हादसे हो जाते हैं। वर्ष 2010 से अब तक 70 मौतें पुल का एक हिस्सा न बन पाने की वजह से हो चुकी हैं।
अब तक पुल का दूसरी तरफ का हिस्सा न बन पाने की वजह यह रही कि पुल के नीचे मस्जिद व मदरसा आने के कारण मुस्लिम समुदाय ने पुल का विरोध किया था। मुजफ्फरनगर के सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भी यह पुल दिखाया था। गडकरी ने उस वक्त अखिलेश सरकार को पत्र भी लिखे थे, मगर कोई फायदा नहीं हुआ।
उस समय विरोध में देवबंद के उलमा भी आ गए थे। गुरुवार शाम जिले के प्रशासनिक, पुलिस अधिकारी व मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग संधावली फाटक के पास पहुंचे और सहमति से मस्जिद व मदरसे को तोड़कर वहां से हटा दिया। सांसद संजीव बालियान का कहना है कि सौहार्दपूर्ण वातावरण में यह कार्य हुआ है। तहसीलदार सदर रंजीत सिंह ने बताया कि पुल बनाने के लिए आपसी सहमति से मस्जिद व मदरसा प्रबंधकों द्वारा मुआवजा प्राप्त करने के बाद मस्जिद और मदरसे को हटवाकर जनहित में राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में सहयोग किया है।
लोकतान्त्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक- महान समाजवादी चिंतक व विचारक- रघु ठाकुर ने उ.प्र. के मुजफ्फरनगर में सहमति से हटाए गए मस्जिद और मदरसा पर मुजफ्फर नगर के मुस्लिम भईयों को बधाई देते हुए कहा कि, उ.प्र. के मुजफ्फरनगर के मुस्लिम भाई बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने रेलवे लाईन पर पुल बनाने के लिये मस्जिद और मदरसा को हटाने की स्वेच्छा से सहमति दी। शासन ने भी अपना दायित्व पूरा करते हुए मदरसे के खाते मे 49 लाख रूपया क्षतिपूर्ति दी है ताकि मस्जिद और मदरसा अन्यत्र बनाया जा सके। मुस्लिम समाज के प्रबुद्धजनों की उपस्थिति मे इस निर्णय का क्रियान्वयन हुआ है।
सभी धर्मावलंबियों व धर्मगुरुओं को बढते यातायात दुर्घटनाओं और शहरीकरण को ध्यान मे रखकर ऐसे जनहित के निर्णय करने चाहिए। आशा है यह घटना देश में नजीर बनेगी।
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