अमेरिकाः सीनेट में आव्रजन विधेयक खारिज, हजारों भारतीयों को झटका
अमेरिकी सीनेट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समर्थित प्रस्ताव समेत आव्रजन सुधार से जुड़े कई अहम प्रस्ताव शुक्रवार को खारिज कर दिए। इससे ‘ड्रीमर्स’ कहे जाने वाले उन लाखों युवा प्रवासियों का भविष्य अधर में लटक गया है, जिन्हें बचपन में गैरकानूनी तरीके से अमेरिका लाया गया था। इनमें बड़ी तादाद में भारतीय भी शामिल हैं।
ट्रंप समर्थित करार खारिज :
सीनेट ने ट्रंप प्रशासन के आव्रजन संबंधी द्विपक्षीय करार को भी खारिज कर दिया। इस करार में मैक्सिको की सीमा के पास दीवार बनाने और अन्य सुरक्षा कदमों के लिए 25 अरब डॉलर देने का प्रस्ताव दिया गया था। लेकिन इसके बदले अमेरिका के करीब 18 लाख कथित ‘ड्रीमर्स’ को नागरिकता मुहैया कराने की शर्त रखी गई थी।
किसी को पूरे मत नहीं :
सीनेटरों ने किसी भी आव्रजन योजना को पारित होने लायक पर्याप्त मत नहीं दिए। राष्ट्रपति ट्रंप समर्थित विधेयक को 60 के मुकाबले 39 मत मिले। यदि यह विधेयक पारित हो जाता तो 18 लाख अवैध प्रवासियों को स्थायी वैध दर्जा मिल जाता। साथ ही मैक्सिको की सीमा पर दीवार के निर्माण के लिए 25 अरब डॉलर की राशि मिल जाती। व्हाइट हाउस समर्थित विधेयक से परिवार आधारित आव्रजन पर भी रोक लग जाती। विविधता लॉटरी वीजा भी समाप्त हो जाता, लेकिन विधेयक पारित होने के लिए 60 मत कम रह गए।
चारों प्रस्ताव नाकाम रहे :
सीनेट में बुधवार को पेश किए गए आव्रजन सुधार से जुड़े सभी चार प्रस्ताव पारित होने में नाकाम रहे। शूमर-राउंड्स-कॉलिंस द्विपक्षीय आव्रजन विधेयक को सीनेट ने 54 के मुकाबले 45 मतों से खारिज कर दिया। इसको पारित करने के लिए भी 60 मत कम रह गए। ट्रंप ने इस विधेयक को पूर्ण तबाही करार दिया। व्हाइट हाउस ने इस विधेयक के खिलाफ वीटो इस्तेमाल करने की धमकी दी थी। रिपब्लिकन सीनेटर मार्को रुबियो ने कहा, सीनेट के समक्ष बुधवार को प्रत्येक विधेयक पारित होने में असफल रहा।
भारतीय पेशेवरों को घाटा :
आव्रजन विधेयकों के नाकाम हो जाने से ग्रीन कार्ड के लिए प्रति देश सीमा खत्म करने के प्रयासों पर भी रोक लग गई। सीमा खत्म होने से उच्च कौशल और मेधा वाले भारतीय पेशेवरों को लाभ हो सकता था। कांग्रेस के सदस्य केविन योडर ने सदन में कहा, ग्रीन कार्डों के लिए प्रति देश सालाना सीमा खासकर भारत जैसे कुछ देशों के साथ भेदभाव करती है।
ड्रीमर्स का भविष्य अमेरिका में उसी समय अनिश्चित हो गया था, जब ट्रंप ने अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में लाए गए बचपन में आगमन के लिए स्थगन कार्यवाही (डीएसीए) कार्यक्रम को बीते सितंबर में खत्म कर दिया था और कांग्रेस को छह महीने के अंदर एक समाधान निकालने का मौका दिया था। ट्रंप ने योग्यता आधारित आव्रजन की बात कही थी। लेकिन डेमोक्रेटिक सीनेटर मेनेंदेज ने दावा किया कि राष्ट्रपति ट्रंप के पास वास्तव में योग्यता आधारित आव्रजन के लिए कोई योजना नहीं है।
आव्रजन सुधार क्या है
-अवैध रूप से अमेरिका पहुंचे व्यक्तियों को वहां रहने के लिए वैधता प्रदान करने से जुड़ा प्रयास है
-राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने कार्यकाल में ऐसे आव्रजकों को राहत देने की पहल शुरू की थी
-राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओबामा के कार्यक्रम को खत्म कर आव्रजन सुधार पर सख्त रुख दिखाया
अमेरिका जाने वाले एशियाई अवैध आव्रजकों में भारतीय अव्वल
-1.10 करोड़ अवैध या गैर-दस्तावेजी आव्रजक हैं अमेरिका में
-50 फीसदी के करीब इनमें से मैक्सिको से अमेरिका पहुंचे हैं
-14.50 लाख एशियाई अवैध आव्रजक के बतौर अमेरिका में हैं
-5,00,000 भारतीय अवैध आव्रजक थे वर्ष 2014 में
-3,50,000 थी भारतीय अवैध आव्रजकों की संख्या 2009 में
-43 फीसदी की बढ़त हुई करीब छह साल के अंतराल में
-14,000 भारतीय वीजा अवधि खत्म होने पर भी अमेरिका में रहे 2015 में
-5,500 भारतीय युवा डीएसीए कार्यक्रम के तहत पंजीकृत हैं
-1,26,000 एच1-बी वीजा धारी भारतीय थे 2016 में
(साभार: Multi Media)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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