Breaking News: आधार केंद्र बंद, नौकरियों पर संकट; 50 हजार लोगों के बेरोजगार होने की आशंका
> करोड़ों रुपये का निवेश हो जाएगा बेकार
> सीएससी का अनुबंध आगे नहीं बढ़ाने का फैसला
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार संबंधी सेवाओं के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के साथ अनुबंध को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। इससे बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो जाएंगे जबकि करोड़ों रुपये का निवेश यूं ही बेकार चला जाएगा। जानकारों के मुताबिक यूआईडीएआई के इस फैसले से 50 हजार लोग बेरोजगार हो जाएंगे क्योंकि सीएससी की अधिकांश कमाई आधार पंजीकरण और इसकी अद्यतन सेवाओं से ही होती है। औसतन हरेक केंद्र में 3 से 4 लोगों को रोजगार मिला है और अगर उन्हें आधार सेवाओं से वंचित किया जाता है तो उनकी आय प्रभावित होगी। ऐसे में इन केंद्रों के कर्मचारियों की नौकरी जाना तय है।
यूआईडीएआई के फैसले से ग्रामीण उद्यमियों को झटका लगा है जो इन केंद्रों का संचालन करते हैं। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने इनमें से कुछ लोगों से बात की। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में सीएससी चलाने वाले आलोक का कहना है कि उनका आधार पहचान पत्र 15-20 दिनों से काम नहीं कर रहा है जो आधार पंजीकरण और अद्यतन कार्य के लिए जरूरी है। उन्होंने केंद्र के लिए हार्डवेयर और लैपटॉप खरीदने के लिए 100,000 रुपये का ऋण लिया था। आधार पंजीकरण और अद्यतन के काम से उन्हें हर महीने 10 हजार से 15 हजार रुपये के बीच कमाई हो रही थी। आलोक ने कहा, 'रोजाना 15 से 20 लोग आधार कार्ड के सिलसिले में हमारे यहां आते हैं लेकिन हम उन्हें सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं क्योंकि मेरा पहचान पत्र सक्रिय नहीं है।'
देशभर में करीब 2 लाख 80 हजार सीएससी हैं। अभी करीब 12 हजार ऐसे केंद्र आधार पंजीकरण और लगभग 45 हजार अद्यतन कार्य में लगे हैं। पहले 27 हजार केंद्र आधार संबंधी काम में लगे थे लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय ने फैसला किया कि आधार पंजीकरण केंद्र केवल सरकारी परिसर में ही काम कर सकते हैं। केवल 12 हजार केंद्रों ने ही इस विकल्प को चुना। आधार सेवाएं देने के लिए वीएलई को कंप्यूटर और आंख की पुतली तथा उंगली के निशान को स्कैन करने करने वाली मशीन लगाने के वास्ते करीब 1.5 लाख रुपये का निवेश करना पड़ता है।
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के ग्रामीण उद्यमी प्रदीप शर्मा ने कहा कि आधार का काम नहीं होने से उन्हें हर महीने 50 से 70 हजार रुपये का नुकसान हो रहा है। उन्होंने अपने दो कर्मचारियों को जाने के लिए कह दिया है। उनका केंद्र मई 2013 से आधार संबंधी काम कर रहा है और उसने डेढ़ लाख से अधिक लोगों का आधार पंजीकरण किया है। शर्मा ने कहा, 'पहले हम रोज 50 से 70 लोगों का पंजीकरण करते थे। हमें लगता है कि यूआईडीएआई को हमारी जरूरत नहीं है क्योंकि अधिकांश लोगों का पंजीकरण हो चुका है।'
उनका आधार पहचान पत्र भी जनवरी से सक्रिय नहीं है। जब शर्मा से पूछा गया कि यूआईडीआई ने सीएससी का अनुबंध इसलिए आगे नहीं बढ़ाया है क्योंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और अनियमितता की शिकायतें आई हैं, उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति की गलती की सजा सबको नहीं दी जानी चाहिए। शर्मा ने दावा किया कि उन्हें उनके उत्कृष्टï कार्य के लिए सम्मानित किया गया था और सीएससी के एक सम्मेलन के दौरान वह सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद से मिले थे। प्रसाद अक्सर यह कहते रहे हैं कि सीएससी से देशभर में लोगों को रोजगार मिला है।
उनका दावा है कि इन केंद्रों में करीब दस लाख लोगों को रोजगार मिला है और आने वाले वर्षों में यह संख्या एक करोड़ तक जा सकती है। इन केंद्रों की व्यापक संभावनाओं को देखते हुए हाल में यह फैसला लिया गया कि हर ग्राम पंचायत में एक सीएससी होना चाहिए। सीएससी इलेक्ट्रॉनिक सेवाएं देने वाली इंडिया लिमिटेड के मुख्य कार्याधिकारी दिनेश कुमार त्यागी ने कहा कि अभी देशभर में करीब 60 हजार ग्राम पंचायतों में सीएससी नहीं है। अलबत्ता अगले महने सभी पंचायतों को एक केंद्र दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने इनके लिए जगह की पहचान कर ली है और अगले महीने से नए केंद्र काम करने शुरू कर देंगे।
(साभार: बिज़नेस स्टैण्डर्ड)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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