लखनऊ: कासगंज मुद्दे पर विधानसभा में हंगामा, सदन स्थगित; विपक्ष ने कहा- शांति नहीं चाहती सरकार
लालजी वर्मा ने कासगंज हिंसा मामले की जांच हाईकोर्ट के जज से कराने की मांग की है।
सदन में कासगंज मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।
लखनऊ. विधानसभा सत्र के दूसरे दिन भी विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विधानसभा और विधान परिषद में हंगामे के बाद कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थागित कर दी गई है। इससे पहले विधानसभा में भी कासगंज मुद्दे को लेकर विपक्ष ने सरकार पर जमकर हमला बोला। बसपा विधायक दल के नेता लालजी वर्मा ने कासगंज हिंसा मामले की जांच हाईकोर्ट के जज से कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कासगंज मामले पर सरकार की मानसिकता दूषित है। पूरे प्रदेश में दंगा कराने की नियत से 26 जनवरी को घटना हुई है। अहमद हसन ने कहा कि जेल में कैदियों के रहने की जगह नहीं है लोकिन सरकार गौशाला खोलने की बात करती है।
-सपा एमएलसी अहमद हसन ने कासगंज की घटना सरकार की नाकामी का उदाहरण है। सरकार निष्पक्ष नहीं है। सपा ने चंदन के लिए 50 लाख के मुआवजे की बात की है। कासगंज में आज भी स्थिति अच्छी नहीं है। सरकार गुनाहगार लोगों को संरक्षण दे रही है इसकी जांच कोर्ट द्वारा होनी चाहिए। सरकार उत्तरप्रदेश में आपसी भाईचारे को खराब कर रही है। सपा उत्तर प्रदेश को मोहब्बत का प्रदेश बनाना चाहती है।
-सपा एमएलसी नरेश उत्तम ने कहा कि फूलपुर और गोरखपुर में चुनाव 6 महीने पहले हो जाना चाहिए थे, लेकिन इतनी देर हुई है यह सरकार की नाकामी है। चुनाव में सपा ही जीतेगी। प्रदेश सरकार को जानवरों के रख रखाव का ध्यान रखना चाहिए। वहीं, भाजपा परीक्षा कराने में पूरी तरह से विफल है।
क्या कहा कांग्रेस ने ?
- कांग्रेस नेता अजय लल्लू ने कहा, कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि कासगंज मामले की जांच हाईकोर्ट से की जाए। सरकार बात नहीं सुन रही इसलिए कांग्रेस सदन का बहिष्कार करती है।
क्या कहा नेता प्रतिपक्ष ने ?
- नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा, कासगंज का मामला बहुत गंभीर है। 26 जनवरी को मुसलमान लोग झंडा फैराने का काम कर रहे थे।
हिन्दू संगठन ने वहां हिंदुस्तान में रहना होगा तो जय श्रीराम कहना होगा का नारा लगाया जिस पर विवाद शुरू हुआ। सरकार आज तक वहां का कोई सही खुलासा नहीं कर पाई है। और सरकार कुछ करना भी नहीं चाहती है। इसलिए हम सदन का बहिष्कार करते हैं। कासगंज मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करानी चाहिए।
विधानसभा में हंगामा
- विधानसभा में कासगंज मुद्दे पर सपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया। सपा के सदस्य वेल आकर धरना देने लगे, जबकि कई सदस्य वेल में नीचे बैठ गए थे।इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री ने कासगंज हिंसा पर बोलते हुए कहा कि सरकार की मंशा सभी को न्याय दिलाना है। मामले की पूरी तरह से निष्पक्ष जांच होगी। इस मामले की जांच एसआईटी करेगी जो भी दोषी होंगे उन्हें सजा मिलेगी।
राज्यपाल के अधिभाषण पर विपक्ष ने फेंक कागज के गोले
-गुरुवार को विपक्ष के हंगामे के बीच गवर्नर का अभिभाषण पढ़ा था। राज्यपाल के अधिभाषण के दौरान विपक्ष ने कागज के गोले फेंके औऱ वेल पर उतरकर हंगामा किया था। सदन के पहले दिन सदन के पटल पर 5 अध्यादेश रखे गए थे। उत्तर प्रदेश सहकारी समिति (संशोधन) अध्यादेश 2018, उत्तर प्रदेश नगर निगम (संशोधन) अध्यादेश 2018, उत्तर प्रदेश नगर पालिका (संशोधन) अध्यादेश 2018, उत्तर प्रदेश आबकारी (संशोधन) अध्यादेश 2018 और उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत (संशोधन) अध्यादेश 2018 शामिल है।
क्या कहा था राज्यपाल ने ?
- राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा, मेरी सरकार योजनाओं का लाभ प्रदेश के आखिरी व्यक्ति तक पहुंचाने का काम कर रही है। मेरी सरकार विकास का कार्य कर रही है। मेरी सरकार ने एंटी भूमाफिया के माध्यम से सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने वाले लोगों को जेल पहुंचाया है। यूपी में संगठित रूप से अपराध करने वाले लोगों के खिलाफ यूपीकोका जैसा सख्त कानून लाया गया है। हमने उत्तर प्रदेश में बाहर स्तर पर भू-माफियाओं को चिन्हित किया और उनके ऊपर विधिसम्मत कार्रवाई की।
-राष्ट्रीय बीमा कानून के अंतर्गत बड़ी संख्या में लोगों को यूपी में बीमाकरण किया गया। हमारी सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय विद्यालय खोलने का प्रबंध किया है।
(साभार: भाष्कर)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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