Big News: हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सैलरी 200 प्रतिशत तक बढ़ी.
> इसी तरह सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों और हाईकोर्ट के न्यायाधीशों को नए वेतन के हिसाब से 90 हजार की जगह 2.5 लाख रुपये दिए जाएंगे.
> सरकार के इस कदम का फायदा सीटिंग जजों के साथ-साथ उन्हें भी मिलेगा जो रिटायर हो चुके हैं.
> अधिकारियों के वेतन में वृद्धि सातवें वेतन आयोग के सुझावों के आधार पर की गई है.
सुप्रीम कोर्ट और 24 उच्च न्यायालयों के जजों को करीब 200 प्रतिशत की सैलरी हाइक मिली है. केंद्र सरकार ने 27 जनवरी को एक नया नोटिफिकेशन जारी किया है जिसके मुताबिक भारत के मुख्य न्यायाधीश को हर महीने 2.80 लाख रुपये वेतन के रूप में मिलेंगे. अब तक उनका वेतन एक लाख रुपये था. इसमें भी डीए और अन्य अलाउंसेस शामिल नहीं हैं.
2.80 लाख रुपये के साथ-साथ उन्हें सरकारी आवास, कार, स्टाफ और अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी.
सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों और सभी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को सालाना 2.50 लाख वेतन के रूप में मिलेंगे. अब तक उनका वेतन 90 हजार रुपये था. उन्हें कैबिनेट सेक्रेटरी, कैग, सीईसी जैसे संवैधानिक अधिकारियों के समान अलाउंस और सुविधाएं दी जाएंगी.
वहीं हाईकोर्ट के जज जिन्हें अब तक 80 हजार रुपये प्रतिमाह का वेतन मिल रहा था अब उन्हें 2.25 लाख प्रतिमाह दिए जाएंगे. उन्हें केंद्र सरकार के सेक्रेटरी स्तर के अधिकारियों के समान सुविधाएं दी जाएंगी. वेतन का नया स्ट्रक्चर 1 जनवरी 2016 से लागू होगा.
हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जज (वेतन और सेवा की शर्तें) अमेंडमेंट एक्ट 2018 में जजों के HRA के रेट को एक जुलाई 2017 से रिवाइज किया गया है. वहीं उनके व्यय विषयक अलाउंस 22 सितंबर 2017 से लागू होंगे.
2016 में उठी थी सैलरी बढ़ाने की मांग
साल 2016 में तत्कालीन सीजेआई टीएस ठाकुर ने सरकार पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट जजों के वेतन में वृद्धि की मांग की थी. बाद में तीन जजों के एक पैनल से जजों की सैलरी को लेकर एक रिपोर्ट तैयार किया था जिसे पिछले साल केंद्र सरकार को सौंपा गया. सरकार ने रिपोर्ट के ज्यादातर सुझावों को मान लिया है.
जजों के पैनल ने सीजेआई के लिए 3 लाख प्रतिमाह के वेतन और अतिरिक्त सुविधाओं को लेकर सुझाव दिया था. सरकार ने सीजेआई का वेतन 2.8 लाख कर दिया जोकि कैबिनेट सेक्रेटरी के वेतन से थोड़ी ज्यादा है.
(साभार: News 18)
संपादक, स्वतंत्र भारत न्यूज़
swatantrabharatnews.com
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