Breaking News- एयर इंडिया में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने को तैयार विदेशी कंपनी- उड्डयन मंत्री
केंद्रीय मंत्री गजपति राजू ने विनिवेश प्रक्रिया पर विस्तृत बात की. उन्होंने बताया कि कुछ इंटरनेशनल प्लेयर्स ने देश के विदेशी ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाले वाहकों को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. उन्होंने एयर इंडिया के कर्जे में होने की बात भी स्वीकार की.
केंद्र सरकार 1 फरवरी को साल 2017-2018 का बजट पेश करने जा रही है. इस बीच कई दौर की बैठकों और चर्चा के बाद एयर इंडिया विनिवेश का करीब दो दशक पुराना प्लान भी अंतिम रूप ले रहा है. नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू के मुताबिक, इस बार के बजट से उड्डयन क्षेत्र को 'ऋण के जाल' से निकलने में मदद मिलेगी. राजू ने कहा कि इसके लिए एक विदेशी कंपनी ने एयर इंडिया की 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए रूचि दिखाई है.
'न्यूज18' के साथ एक इंटरव्यू में उड्डयन मंत्री राजू ने विनिवेश प्रक्रिया पर विस्तार से बात की. उन्होंने बताया कि एक विदेश कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में इस्तेमाल होने वाले एयर इंडिया के विमानों को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. उन्होंने एयर इंडिया के कर्ज में डूबे होने की बात भी स्वीकार की. राजू ने बताया कि जांच के दौरान पता चला है कि यह कर्ज अनुमानित 50 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा है.
राजू ने बताया, "एयर इंडिया विनिवेश प्रक्रिया के लिए अभी सिर्फ इंडिगो ने ही औपचारिक तरीके से दिलचस्पी दिखाई है. एयर इंडिया विनिवेश की घोषणा के दिन इंडिगो ने एक चिट्ठी दी थी, जिसमें उन्होंने बताया कि वे फॉरिन ऑपरेशंस में रूचि रखते हैं." वहीं, एक अन्य विदेशी उड्डयन कंपनी ने भी 49 फीसदी शेयर खरीदने की इच्छा जताई है. ऐसे में निश्चित रूप से काफी संभावनाएं हैं.
क्या विनिवेश से एयर इंडिया को कर्ज से मुक्त होने में मदद मिलेगी? इस सवाल पर अशोक गजपति राजू ने कहा, "जब हम एयर इंडिया के ऋण का लेखा-जोखा तैयार कर रहे थे, तब हमने पाया कि कर्ज की मात्रा 50 हजार करोड़ से आगे पहुंच चुकी है. अगर कुल ऋण 70 हजार करोड़ के पार हो जाए, तो इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है." उन्होंने बताया कि उनकी टीम सावधानीपूर्वक कुल कर्जे का हिसाब लगा रही है.
'न्यूज18' के साथ एक इंटरव्यू में उड्डयन मंत्री राजू ने विनिवेश प्रक्रिया पर विस्तार से बात की. उन्होंने बताया कि एक विदेश कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में इस्तेमाल होने वाले एयर इंडिया के विमानों को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. उन्होंने एयर इंडिया के कर्ज में डूबे होने की बात भी स्वीकार की. राजू ने बताया कि जांच के दौरान पता चला है कि यह कर्ज अनुमानित 50 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा है.
राजू ने बताया, "एयर इंडिया विनिवेश प्रक्रिया के लिए अभी सिर्फ इंडिगो ने ही औपचारिक तरीके से दिलचस्पी दिखाई है. एयर इंडिया विनिवेश की घोषणा के दिन इंडिगो ने एक चिट्ठी दी थी, जिसमें उन्होंने बताया कि वे फॉरिन ऑपरेशंस में रूचि रखते हैं." वहीं, एक अन्य विदेशी उड्डयन कंपनी ने भी 49 फीसदी शेयर खरीदने की इच्छा जताई है. ऐसे में निश्चित रूप से काफी संभावनाएं हैं.
क्या विनिवेश से एयर इंडिया को कर्ज से मुक्त होने में मदद मिलेगी? इस सवाल पर अशोक गजपति राजू ने कहा, "जब हम एयर इंडिया के ऋण का लेखा-जोखा तैयार कर रहे थे, तब हमने पाया कि कर्ज की मात्रा 50 हजार करोड़ से आगे पहुंच चुकी है. अगर कुल ऋण 70 हजार करोड़ के पार हो जाए, तो इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है." उन्होंने बताया कि उनकी टीम सावधानीपूर्वक कुल कर्जे का हिसाब लगा रही है.
राजू ने कहा, "मेरे विचार से एयर इंडिया कर्ज के जाल में फंसी है. कई बार मैं इस मामले को संसद में भी उठा चुका हूं. जहां तक अकाउंट बुक की बात है, तो इसके लिए हमने कई मीटिंग्स की. इसमें यह नतीजा निकला कि इस अकाउंटिंग ईयर में हमारे डिविडेंट के लिए कुछ चीजें सुलझ गई हैं. अगले अकाउंटिंग ईयर में हमें आगे की संभावनाएं देखने की जरूरत है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ रीजनल एयर कनेक्टिविटी को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ क्षेत्रीय कंपनियां भी आगे आई हैं. उन्होंने यह भी बताया, "मैंने एविएशन ट्रिब्यूनल फ्यूल (ATF) की दरों में कमी को लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सामने प्रस्ताव रखा था. लेकिन, इनमें से ज्यादातर मुख्यमंत्री इसे लेकर संशय में थे."
बता दें कि इस बार संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से 9 फरवरी तक बुलाया गया है. 29 जनवरी को सरकार आर्थिक समीक्षा पेश करेगी. 1 फरवरी का केंद्रीय बजट रखा जाएगा. बजट पर 9 फरवरी तक चर्चा होगी. बजट सत्र का दूसरा हिस्सा 6 मार्च से बुलाया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ रीजनल एयर कनेक्टिविटी को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ क्षेत्रीय कंपनियां भी आगे आई हैं. उन्होंने यह भी बताया, "मैंने एविएशन ट्रिब्यूनल फ्यूल (ATF) की दरों में कमी को लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सामने प्रस्ताव रखा था. लेकिन, इनमें से ज्यादातर मुख्यमंत्री इसे लेकर संशय में थे."
बता दें कि इस बार संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से 9 फरवरी तक बुलाया गया है. 29 जनवरी को सरकार आर्थिक समीक्षा पेश करेगी. 1 फरवरी का केंद्रीय बजट रखा जाएगा. बजट पर 9 फरवरी तक चर्चा होगी. बजट सत्र का दूसरा हिस्सा 6 मार्च से बुलाया जाएगा.
(सभार: News 18)
संपादक - स्वतंत्र भारत न्यूज़
swatantrabharatnews.com
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