मध्य प्रदेश: बुरहानपुर के बाद कल शाहपुर में होगा ब्लैक एण्ड व्हाईट कार्यक्रम
बुरहानपुर। 26 जनवरी को सायंकाल बुरहानपुर के सुभाष स्कूल ग्राउंड में श्री गुरूगोविंदसिंह जी पर आधारित फिल्म दिखाई गई और ब्लैक एण्ड व्हाईट कार्यक्रम का भव्य आयोजन हुआ। कार्यक्रम में ई.टी.वी. के सहयोग से 1945 से 1968 तक हिन्दी सिनेमा के सुनहरे दौर के सफर ’’दो रंगों में ढली, एक युग की कथा’’ को जीवंत रूप से दिखाया गया। इस दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) सहित बड़ी संख्या में बुजुर्ग, महिलाएं, पुरूष, बच्चें सहित गणमान्य नागरिक, अधिकारी-कर्मचारीगण इस भव्य कार्यक्रम के साक्षी बने।
श्री गुरूगोविंदसिंह जी के जीवन पर आधारित वृत्त चित्र के साथ ही दो रंगों में ढली, एक युग की कथा को जीवंत रूप से प्रदर्शित किया गया। हिन्दी ससिनेमा के सुनहरे दौर का वो सफर 1948 से 1968 तक था, उस दौर में खुशियां बाजार की ख्वाहिशों में कैद नहीं थी, जीवन का अपना सुरताल था। लोग छोटी-छोटी चीजों में खुशिया तलाश लेते थे। जिनका स्वरूप संगीत में था को दिखा गया।
इसके एक दिन पूर्व 25 जनवरी 2018 को बुरहानपुर के गुरूद्वारा बड़ी संगत में कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यक्रम हुआ। इसके बाद यहां सबद कीर्तन, भांगड़ा व गिद््दा नृत्य आदि की प्रस्तुति हुई। इस दौरान गुरूद्वारा बड़ी संगत में विशेष लाईटिंग एवं प्रदर्शनी भी लगाई गई है, जो आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। साथ ही श्री गुरूगोविंदसिंह जी की जीवन तथा शहादत विषयों पर आधारित लगभग 500 चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। बीबी जसवीर कौर जत्था, राजौरी दिल्ली के द्वारा सबद कीर्तन किया गया। सबी कीतर्न भजन जिसमें गुरूग्रंथ साहिब के श्लोकों को तबला, हारमोनियम की धुन के साथ गाया गया। पंजाब मंे महिलाओं द्वारा किया जाने वाला लोकप्रिय लोक नृत्य गिद्दा की भी प्रस्तुति हुई। पंजाब के दल द्वारा भांगड़ा नृत्य किया गया।
प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने कहा कि प्रधानमंत्री मा. नरेन्द्र मोदी जी की मंशा के अनुरूप बुरहानपुर में भी गुरू गोविंदसिंह जी के 350वें जयंती वर्ष को शक्ति, भक्ति व संस्कृति के प्रकाशपुंज स्वरूप मनाया जाएगा। कार्यक्रम का प्रथम चरण बुरहानपुर में 25 से 28 जनवरी 2018 तक आयोजित किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मा.नरेन्द्र मोदी जी ने बाबा बन्दा बहादुर के 300वें शहादत दिवस पर इस आशय की घोषणा की थी। उन्हांेने भारत सहित विदेशों में भी 350वीं जयंती वर्ष पर आयोजन की बात कही थी।
श्रीमती चिटनिस ने कहा कि श्री गुरूगोविंदसिंह जी के बलिदान पर आधारित ’’मानस की जात सबकी एक पहचान’’ विचार और भारतीय संस्कृति में उनके योगदान से जनता को रूबरू कराने के लिए 28 जनवरी 2018 को बुरहानपुर के ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत ग्रामीणजनों के लिए श्री गुरूगोविंद सिंह जी पर आधारित फिल्म तथा ब्लैक एण्ड व्हाईट कार्यक्रम शाहपुर के नवीन बस स्टैंड पर आयोजित किया जाएगा।
मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने कहा कि ऐसी ऐतिहासिक घटनाओं के स्मरणोत्सव से ही भविष्य की पीढ़ियां जड़ों से जुड़ सकेंगी। जो इतिहास भूल जाते है वह कभी इतिहास नहीं बना सकते। श्री गुरूगोविंदसिंह जी का अवतरण पौष सदी सप्तमी 22 दिसंबर, 1666 के दिन पटना साहेब में हुआ था। सिख सम्प्रदाय के दशम गुरू गोविंदसिंह जी का जून, 1708 ईसवी में नांदेड जाते समय छः माह नौ दिन तक बुरहानपुर में निवास रहा है। इसी ठहराव के समय में उन्होंने सुनहरी बीड (गुरूग्रंथ साहब) को लिपिबद्ध करवाया था। इस बीड़ के सभी पन्नों को सुनहरे बेलबूटों की कलापूर्ण चित्रकारी से सुसज्जित किया गया है। अंतिम पन्ने पर श्री गुरूगोविंदसिंह जी के करकमलों से उन्होंने स्वयं इस बीड़ पर सुनहरी स्याही से ओंमकार लिखकर इस महान ग्रंथ और गुरूद्वारे को पवित्रता-आस्था प्रदान की। बताया जाता है कि संपूर्ण विश्व में इस विशिष्टता के एकमात्र बीड़ (गुरूग्रंथ साहब) है। बुरहानपुर गुरूद्वारा बड़ी संगत के पीछे श्री गुरूगोविंदसिंह जी का पूजा स्थल है जहां गुरूजी स्वयं साधना-आराधना करते थे एवं पास ही एक कुआं भी स्थित है, जो तत्कालीन समय का है।
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