Republic Day:आप कैसे खरीद सकते हैं राजपथ परेड का टैंक?
भारतीय सेना से काफी सारी गाड़ियां और दूसरी नई पुरानी चीज़ें खरीदी जा सकती हैं
26 जनवरी पर हर साल हम राजपथ पर भारतीय सेना के टैंकों की परेड देखते हैं. राजपथ पर हो रही इस परेड में आम जनता के लिए ये खास पल होता है जब वो आर्मी के इन टैंकों, हथियारों और दूसरी गाड़ियों को ज्यादा करीब से देख पाती है. खासकर टैंकों से हमारा लोगों का एक अलग ही लगाव होता है. टैंकों को देखकर युद्ध, सीमा और सैनिक...सब कुछ हम महसूस कर लेते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में आप टैंक और दूसरा फौजी सामान खरीद सकते हैं?
बिना मशीनरी के हथियार
भारत में आपको गन या तोप लगी टैंक नहीं मिल सकती क्योंकि देश में सभी हथियार इंडियन आर्म्स एक्ट के तहत लाइसेंस मिलते हैं. मतलब आप एक ऐसा टैंक खरीद सकते हैं जो टैंक की तरह फंक्शन नहीं करता हो. अगर आपके पास टैंक है भी तो इसका मतलब ये नहीं है कि आप इसे लेकर सड़क पर निकल जाएं. पहला तो उस टैंक को भारतीय सड़कों के हिसाब से प्रमाणपत्र मिलना चाहिए, दूसरा ड्राइवर के पास टैंक ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए.
ये दोनों ही बहुत बेसिक बातें हैं, क्योंकि ऐसा कभी हुआ नहीं कि किसी संस्था (विश्वविद्यालय या सरकारी संस्थान), जिसके पास टैंक हो, उसने कभी रोड पर टैंक चलाया हो. मतलब जो संस्थान टैंक खरीदता है, उसे महज शो-पीस के लिए रखता है.
क्या होती हैं सेना की शर्तें
भारत में सेना अपने पुराने टैंकों को बेचती है. इसके बकायदा कायदे कानून होते हैं. भारत में टैंक या तो बतौर शो-पीस दिया जाता है या फिर उसको स्क्रैप के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए. सेना सामान्यत: दो शर्तों पर टैंक बेचने को तैयार होती है-
- ये टैंक भारतीय सेना के गौरव के प्रतीक होते हैं और सेना इनके साथ ऐसे ही पेश आती है. इसलिए सेना आपसे भी यही अपेक्षा करती है कि आप इन टैंकों को उचित सम्मान दें. अगर आप इसे शोपीस की तरह रखना चाहते हैं तो इसके लिए सेना कई प्रोटोकॉल लगाती है. इन टैंकों से हमले में इस्तेमाल आने वाली हर चीज और यंत्र को हटा दिया जाता है. साथ ही सेना इसके रख-रखाव के लिए भी निर्देश देती है.
- दूसरा अगर आप टैंकों के स्क्रैप को इस्तेमाल करना चाहते हैं तो भी सेना पुराने और सेना से बाहर हो चुके टैंक देती है. सेना ने जब विजयंत टैंक को बतौर स्क्रैप बेचा था तो उसको टुकड़ों में काटकर बेचा था. उदाहरण के लिए नौसेना के रिटार्यड जहाज आईएनएस विक्रांत को बजाज ने स्क्रैप के तौर पर खरीदा था और अब वो इसके टुकड़े बाइक में लगा रही है.
सेना अक्सर ऐसी आयुधों की लिस्ट जारी करती रहती है, जो या तो पुराने या सेना से बाहर हो गए हैं. इसके साथ ही सेना दूसरे हथियार भी बेचती है. इसके साथ ही कई गाड़ियों का बुलेटप्रूफ मॉडल भी बेचती है. इन सबके साथ ही पुरानी बुलेट मोटरसायकिल, जीप और ट्रक जैसी गाड़ियों की नीलामी भी करती है. इस नीलामी में सेना खरीदारों की प्राथमिकता तय करती है. पहले पूर्व आर्मी अफसरों का नंबर आता है, सरकारी संस्थानों का नंबर आता है, वगैरह. लेकिन इस लिस्ट में सबसे नीचे आम नागरिकों का नंबर आता है. ज्यादातर मौकों पर किसी नागरिक को सैन्य उपकरण खरीदने का मौका मिल भी नहीं पाता.
टैंक या कोई भी दूसरा सैन्य उपकरण खरीदने के लिए आपको बुकिंग के लिए अप्लीकेशन फॉर्म भरना होता है, सेना की ओर से आपकी योग्यता या इनके इस्तेमाल से संबंधित कुछ शर्तें होती हैं, जिनका पालन करना होता है.
इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज की वेबसाइट www.ofbindia.gov.in पर आप इस नीलामी और बिक रहे आयुध की लिस्ट के साथ-साथ शर्तें और अप्लाई करने की जानकारी भी देख सकते हैं.
(साभार:- फर्स्ट पोस्ट)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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