फर्जी पासपोर्ट पर दुबई में घुसकर दुश्मन को मारा, ऐसी खतरनाक है ये एजेंसी
इंटरनेशनल डेस्क.इजरायल की पीएम बेंजामिन नेतान्याहू भारत के दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच कई करार हुए हैं। इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद और भारत की रॉ के बीच सुरक्षा और आतंकवाद का सामना करने को लेकर भी एक करार हुआ है। मोसाद को दुनिया की सबसे ताकतवर खुफिया एजेंसी में से एक माना जाता है। इस एजेंसी ने अब तक ऐसे-ऐसे कारनामे किए हैं, जिसका लोहा पूरी दुनिया मानती है। यहां हम मोसाद एजेंसी के ऐसे ही कुछ कारनामों के बारे में बता रहे हैं।
दुश्मन को मारने नकली पासपोर्ट से जा पहुंचे थे दुबई
ऑपरेशन मबूह
फलस्तीन में विद्रोही संगठन हमास का लीडर महमूद अल-मबूह इजरायल में कई आतंकी हमलों में शामिल था। इसके अलावा वह हमास के लिए हथियारों की खरीद-फरोख्त भी करता था। इसी के चलते वह मोसाद के दुश्मनों की लिस्ट में टॉप पर था। जब मबूह को जानकारी मिली कि मोसाद उसके पीछे तो वह भागकर दुबई जा पहुंचा था। हालांकि मोसाद ने यह भी पता लगा लिया था मबूह दुबई में कहां छिपा था। इसके लिए लिए मोसाद ने जनवरी का महीना चुना, क्योंकि इस समय दुबई का मौसम अच्छा रहता है, जिससे यहां टूरिस्ट काफी संख्या में पहुंचते हैं। इसी का फायदा उठाते हुए मोसाद ने अपने कमांडों को फर्जी पासपोर्ट के जरिए दुबई पहुंचाया।
दुबई के होटल अल बुस्तान रोताना में 19 जनवरी 2010 को मोसाद के कमांडोज ने यहां छिपे मबूह को इस तरह मारा कि दुबई पुलिस को इसकी जांच करने में ही हफ्तों का समय लग गया था कि यह मर्डर था या फिर एक्सीडेंट। हालांकि, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में साफ हो गया था कि मबूह के पैर में सक्सिनीकोलीन नाम के जहर का इंजेक्शन लगाया गया था। इस जहर से मबूह को ब्रेन हेमरेज हो गया था और उसकी मौत हो गई थी। बाद में जांच में सामने आया कि यह मोसाद का ही काम था और इसके लिए 33 एजेंट्स को लगाया गया था।
(साभार:- भाष्कर)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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