Live Update - कभी महाबली रहे लालू चारा घोटाले के कारण खोते गए जनसमर्थन
> अब दूसरी बार सजायाफ्ता होने पर उनका जन समर्थन कितना घटता या बढ़ता है, यह देखना दिलचस्प होगा. इस बार एक और फर्क आया है. लगभग पूरा लालू परिवार कानूनी परेशानियों में है.
सन् 1996 में चारा घोटाले के प्रकाश में आने के बाद से लालू प्रसाद का जन समर्थन लगातार घटता गया है. कभी उनके दल की सीटें बढ़ीं भी तो वह चुनावी गठबंधन में शामिल सहयोगी दलों के बल पर न कि आरजेडी की खुद की ताकत के कारण.
जनसमर्थन पहले से तो घट ही रहा था लेकिन सन 2013 में लालू प्रसाद को चारा घोटाला मामले में पहली बार सजा हो जाने के बाद आरजेडी का जनसमर्थन और भी घट गया. इस बार की सजा के बाद इस फैसले का राजनीतिक असर क्या होता है, यह देखना दिलचस्प होगा.
लेकिन एक बात तय है कि सामाजिक स्तर एम-वाई गठबंधन आम तौर पर लालू प्रसाद के दल के साथ ही रहेगा, ऐसा राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है. हालांकि सिर्फ एम-वाई यानी मुस्लिम-यादव गठजोड़ किसी राजनीतिक दलीय गठबंधन को सत्ता दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं है. हां, यह गठबंधन अन्य समुदायों में प्रतिक्रिया पैदा जरूर करता है. जहां बीजेपी मुकाबले में हो तब तो यह और भी अधिक.
(साभार: फर्स्ट पोस्ट)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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