
प्रयागराज 'पुलिस हमला': इलाहाबाद HCBA ने वकीलों के खिलाफ 'अत्याचार' का ब्यौरा देते हुए हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया; राज्य को जवाब देना होगा
नई दिल्ली (लाइव लॉ): 4 फरवरी को प्रयागराज में वकीलों पर 'हमला' करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग करने वाली आपराधिक रिट जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (HCBA) ने पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए अत्याचारों को उजागर करते हुए हाईकोर्ट के समक्ष पूरक हलफनामा और पेन-ड्राइव दाखिल किया।
हाईकोर्ट के पिछले आदेश के अनुसार, संबंधित संभागीय आयुक्त, मेला अधिकारी, पुलिस आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस उपायुक्त (यातायात) ने भी अपने-अपने हलफनामे दाखिल किए, जिन्हें जस्टिस राजीव गुप्ता और जस्टिस मोहम्मद अजहर हुसैन इदरीसी की खंडपीठ ने रिकॉर्ड पर लिया।
बता दें कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखा था, जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया कि पुलिस ने वकीलों को हाईकोर्ट पहुंचने से रोका और कुछ वीआईपी मूवमेंट के लिए सड़क को अवरुद्ध कर दिया। कहा गया कि पुलिस ने वकीलों पर हमला किया, जब उन्होंने सड़क तक पहुंचने का रास्ता मांगा।
चीफ जस्टिस ने निर्देश दिया कि पत्र को आपराधिक जनहित याचिका में बदल दिया जाए, जिस पर अब खंडपीठ सुनवाई कर रही है।
14 फरवरी को HCBA की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अनिल तिवारी ने इस न्यायालय के वकीलों पर कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए व्यक्तिगत अत्याचारों पर प्रकाश डालते हुए दलील दी। उन्होंने पीड़ितों के व्यक्तिगत हलफनामे दाखिल करने के लिए दो दिन का समय मांगा और उन्हें समय दिया गया।
राज्य के वकील ने भी दूसरे पूरक हलफनामे पर जवाब दाखिल करने के लिए दो दिन का समय मांगा और उन्हें समय दिया गया।
इस मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को तय करते हुए खंडपीठ ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता के वकील द्वारा दाखिल पेन-ड्राइव को इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा सुरक्षित रखा जाए और अगली तिथि पर उसे न्यायालय के समक्ष पेश किया जाए।
केस टाइटल- इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन बनाम उत्तर प्रदेश राज्य।
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(समाचार & फोटो साभार- लाइव लॉ)
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