कैबिनेट ने बेंगलुरू मेट्रो रेल परियोजना के चरण-3 में 31 स्टेशनों वाले 44.65 किलोमीटर लंबे दो कॉरिडोर को मंजूरी दी: मंत्रिमण्डल
चरण-3 की कुल परियोजना पूर्णता लागत 15,611 करोड़ रुपये है जिसे वर्ष 2029 तक चालू किया जाना है
कॉरिडोर-1 जेपी नगर चौथे चरण से आउटर रिंग रोड वेस्ट के साथ-साथ केम्पापुरा तक, जिस पर 21 स्टेशन होंगे और लंबाई होगी 32.15 किलोमीटर
कॉरिडोर-2 होसाहल्ली से मगदी रोड के साथ-साथ कडाबगेरे तक, जिस पर 9 स्टेशन होंगे और लंबाई होगी 12.50 किलोमीटर
बेंगलुरू शहर में 220.20 किमी का मेट्रो रेल नेटवर्क होगा
एक सतत रिंग के रूप में हवाई अड्डे और आउटर रिंग रोड ईस्ट तक सीधी कनेक्टिविटी जो प्रमुख आईटी क्लस्टरों को जोड़ेगी और शहर के विभिन्न हिस्सों तक कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी
नई दिल्ली (PIB): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज बेंगलुरू मेट्रो रेल परियोजना के तीसरे चरण को मंजूरी दे दी जिसमें 31 स्टेशनों वाले और 44.65 किलोमीटर लंबे दो एलिवेटेड कॉरिडोर होंगे। कॉरिडोर-1 जेपी नगर चौथे चरण से केम्पापुरा (आउटर रिंग रोड वेस्ट के साथ-साथ) तक होगा, जिस पर 21 स्टेशन होंगे और लंबाई 32.15 किलोमीटर होगी। कॉरिडोर-2 होसाहल्ली से कडाबगेरे (मगदी रोड के साथ-साथ) तक होगा, जिस पर 9 स्टेशन होंगे और लंबाई 12.50 किलोमीटर होगी।
चरण-3 के चालू हो जाने पर बेंगलुरु शहर में 220.20 किलोमीटर का सक्रिय मेट्रो रेल नेटवर्क होगा।
परियोजना की कुल पूर्णता लागत 15,611 करोड़ रुपये है।
परियोजना के लाभ:
बेंगलुरू मेट्रो रेल परियोजना का चरण-3 इस शहर में अवसंरचना विकास में महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है। चरण-3 इस शहर में मेट्रो रेल नेटवर्क का एक व्यापक विस्तार है।
बेहतर कनेक्टिविटी:
चरण-3 में लगभग 44.65 किलोमीटर लंबी नई मेट्रो लाइनें शामिल होंगी, जो बेंगलुरू शहर के उस पश्चिमी हिस्से को कनेक्ट करेगी, जो पहले इससे वंचित था। चरण-3 शहर के प्रमुख क्षेत्रों को एकीकृत करेगा जिसमें पीन्या औद्योगिक क्षेत्र, बन्नेरघट्टा रोड और आउटर रिंग रोड पर आईटी उद्योग, तुमकुरु रोड और ओआरआर पर कपड़ा और इंजीनियरिंग आइटम विनिर्माण इकाइयां, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), पीईएस विश्वविद्यालय, अंबेडकर कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज, केएलई कॉलेज, दयानंदसागर विश्वविद्यालय, आईटीआई जैसे प्रमुख शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं। चरण-3 के गलियारे शहर के दक्षिणी भाग, आउटर रिंग रोड पश्चिम, मगदी रोड और विभिन्न मोहल्लों को भी कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं, जिससे शहर में समग्र कनेक्टिविटी बढ़ जाती है। वाणिज्यिक केंद्रों, औद्योगिक केंद्रों, शैक्षणिक संस्थानों और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अंतिम छोर तक बेहतर कनेक्टिविटी से निवासियों के लिए बेहतर पहुंच सुलभ होगी।
यातायात की भीड़ में कमी:
एक कारगर वैकल्पिक सड़क परिवहन के रूप में मेट्रो रेल तथा बेंगलुरु शहर में मेट्रो रेल नेटवर्क के विस्तार के रूप में चरण-3 से यातायात की भीड़ में कमी आने की उम्मीद है और यह बाहरी रिंग रोड पश्चिम, मगदी रोड और शहर के अन्य भारी भीड़भाड़ वाले प्रमुख मार्गों पर विशेष रूप से प्रभावी साबित होगा। सड़क यातायात में कमी आने से वाहनों की सुगम आवाजाही, यात्रा के समय में कमी, समग्र सड़क सुरक्षा में वृद्धि आदि सुनिश्चित हो सकेगी।
पर्यावरणीय लाभ:
चरण-3 मेट्रो रेल परियोजना के जुड़ने और बेंगलुरु शहर में समग्र मेट्रो रेल नेटवर्क के विस्तार से पारंपरिक जीवाश्म ईंधन पर आधारित परिवहन से निकलने वाले कार्बन उत्सर्जन में तुलनात्मक रूप से काफी कमी आएगी।
आर्थिक विकास:
यात्रा के समय में कमी आने और शहर के विभिन्न हिस्सों तक बेहतर पहुंच से लोगों को अपने कार्यस्थलों तक अधिक सुगमता से पहुंचने की सुविधा मिलने से उत्पादकता में वृद्धि हो सकेगी। चरण-3 के निर्माण एवं संचालन से निर्माण श्रमिकों से लेकर प्रशासनिक कर्मचारियों तथा रखरखाव से जुड़े कर्मियों तक के विभिन्न क्षेत्रों में कई नौकरियां पैदा होंगी। साथ ही, कनेक्टिविटी में वृद्धि स्थानीय, विशेष रूप से नए मेट्रो स्टेशनों के निकट के क्षेत्रों में, व्यवसायों को प्रोत्साहित कर सकती है जो पहले के कम पहुंच वाले क्षेत्रों में निवेश और विकास को भी आकर्षित कर सकेगी।
सामाजिक प्रभाव:
बेंगलुरु में चरण-3 मेट्रो रेल नेटवर्क के विस्तार से सार्वजनिक परिवहन अधिक न्यायसंगत तरीके से सुलभ होगी, जिससे विविध सामाजिक-आर्थिक समूहों को लाभ होगा और परिवहन संबंधी असमानताएं कम होंगी, जो आवागमन में लगने वाले समय को कम करके और आवश्यक सेवाओं की सुलभता बेहतर करके जीवन की उच्च गुणवत्ता में योगदान देगी।
मल्टी-मॉडल एकीकरण और अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी:
जेपी नगर चौथे चरण, जेपी नगर, कामाक्या, मैसूर रोड, सुमनहल्ली, पीन्या, बीईएल सर्कल, हेब्बल, केम्पापुरा, होसाहल्ली समेत 10 स्थानों पर मल्टी-मॉडल एकीकरण की योजना बनाई गई है। इससे मौजूदा और निर्माणाधीन मेट्रो स्टेशनों, बीएमटीसी बस स्टैंड, भारतीय रेलवे स्टेशनों, प्रस्तावित उपनगरीय (के-राइड) स्टेशनों के साथ इंटरचेंज की सुविधा मिलेगी।
चरण-3 के सभी स्टेशनों के लिए समर्पित बस बे, पिक अप और ड्रॉप ऑफ बे, पैदल यात्री पथ, आईपीटी/ऑटो रिक्शा स्टैंड भी प्रस्तावित किया गया है। बीएमटीसी पहले से ही परिचालित मेट्रो स्टेशनों के लिए फीडर बसें चला रहा है और चरण-3 के स्टेशनों तक भी इसका विस्तार किया जाएगा। 11 महत्वपूर्ण स्टेशनों पर पार्किंग की सुविधा प्रदान की गई है। चरण-1 और चरण-2 के मौजूदा स्टेशनों को चरण-3 के प्रस्तावित स्टेशनों के साथ जोड़ दिया गया है। दो रेलवे स्टेशनों (लोट्टेगोल्लाहली और हेब्बल) के लिए एफओबी/ स्काईवॉक के माध्यम से सीधी कनेक्टिविटी प्रदान की जा रही है। फेज-3 मेट्रो स्टेशनों पर बाइक और साइकिल शेयरिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
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