डॉ. वीरेंद्र कुमार कल नई दिल्ली में नशा मुक्त भारत अभियान पर सामूहिक शपथ दिलाएंगे: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
मूल विषय - ‘विकसित भारत का मंत्र, भारत हो नशे से स्वतंत्र’
नई दिल्ली (PIB): भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। वहीं, नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) अपने पांचवें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इस उपलब्धि को मान्यता देते हुए, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग पूरे देश में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ सामूहिक शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन कर रहा है। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार 12 अगस्त, 2024 को नई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल, बाराखंभा रोड के छात्रों को नशा मुक्त भारत अभियान पर सामूहिक शपथ दिलाएंगे। इस वर्ष के आयोजन का मूल विषय ‘विकसित भारत का मंत्र, भारत हो नशे से स्वतंत्र’ है।
राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों, स्कूलों, कॉलेजों, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों, आईआईटी, आईआईएम, पॉलिटेक्निक कॉलेजों, फैशन संस्थानों, एनसीसी, एनवाईकेएस और अन्य सार्वजनिक संस्थानों के छात्रों और संकायों के प्रतिनिधि भी मादक द्रव्यों के सेवन के खिलाफ शपथ लेंगे और कार्यक्रम में ऑनलाइन शामिल होंगे।
मादक द्रव्यों के सेवन से होने वाला विकार एक ऐसा मुद्दा है, जो देश के सामाजिक ताने-बाने पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। किसी भी पदार्थ पर निर्भरता न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि उसके परिवार और पूरे समाज को भी प्रभावित करती है। विभिन्न साइकोएक्टिव पदार्थों के नियमित सेवन से व्यक्ति की उस पर निर्भरता बढ़ जाती है। कुछ पदार्थ यौगिक न्यूरो-साइकाइट्रिक विकारों, हृदय रोगों के साथ-साथ दुर्घटनाओं, आत्महत्याओं और हिंसा का कारण बन सकते हैं। इसलिए, मादक द्रव्यों के सेवन और निर्भरता को एक साइको - सोशल - मेडिकल समस्या के रूप में देखा जाना चाहिए।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने 15 अगस्त, 2020 को नशा मुक्त भारत अभियान शुरू किया। इसे अगस्त 2023 से देश भर के सभी जिलों में लागू किया गया है। एनएमबीए का उद्देश्य आम जनता तक पहुंचना और मादक द्रव्यों के सेवन के बारे में जागरूकता फैलाना है। यह नशे के आदी लोगों तक पहुंचने और उसकी पहचान करने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालय परिसरों, स्कूलों आदि पर ध्यान केंद्रित करता है। नशा मुक्त भारत अभियान का उद्देश्य अस्पतालों, पुनर्वास केंद्रों में परामर्श और उपचार की सुविधाएं प्रदान करना और सेवा प्रदाताओं के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों को सुविधाजनक बनाना है।
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