पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने राज्य समुद्री एवं जलमार्ग परिवहन समिति (एसएमडब्ल्यूटीसी) की बैठक आयोजित की
बैठक में राज्य-विशिष्ट समुद्री एवं जलमार्ग परिवहन मास्टर प्लान की तैयारी पर ध्यान केन्द्रित किया गया
प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में, राज्य और केन्द्रीय एजेंसियों के सहयोगात्मक प्रयास क्षेत्र को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण होंगे: एमओपीएसडब्ल्यू सचिव श्री टी.के. रामचन्द्रन
“कोच्चि जल मेट्रो मॉडल को विभिन्न अन्य राज्यों में अपनाया जा सकता है”
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय का लक्ष्य सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में एसएमडब्ल्यूटीसी स्थापित करना, यह सुनिश्चित करना कि प्रत्येक क्षेत्र समुद्री और जलमार्ग परिवहन में सुधार की संभावना से लाभान्वित हो: श्री रामचन्द्रन
नई दिल्ली (PIB): पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न राज्यों में तैयार की गई राज्य समुद्री और जलमार्ग परिवहन समिति (एसएमडब्ल्यूटीसी) की समीक्षा की। बैठक की अध्यक्षता एमओपीएसडब्ल्यू के सचिव श्री टीके रामचन्द्रन ने की और इसमें पूरे भारत में समुद्री व जलमार्ग परिवहन के व्यापक विकास को सुनिश्चित करने के लिए लगभग 30 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारी एक साथ आए।
अपने उद्घाटन भाषण में, श्री टीके रामचन्द्रन ने जलमार्ग परिवहन क्षेत्र के प्रबंधन और एकीकरण के लिए एकीकृत दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "आज की बैठक भारत में एक मजबूत एवं स्थायी समुद्री और जलमार्ग परिवहन प्रणाली के हमारे दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारे प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में, राज्य और केन्द्रीय एजेंसियों के सहयोगी प्रयास इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित होंगे।"
इस बैठक में राज्य-विशिष्ट समुद्री और जलमार्ग परिवहन मास्टर प्लान की तैयारी, समुद्री क्षेत्र की नीतियों का निर्माण, हरित पहल, जलमार्ग विकास, क्रूज पर्यटन, शहरी जल परिवहन और लाइटहाउस के विकास पर ध्यान केन्द्रित किया गया। एजेंडे में सागरमाला कार्यक्रम की समीक्षा, लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) का विकास और रो-रो/रो-पैक्स/फेरी/शहरी जल परिवहन के अवसरों पर भी चर्चा की गई।
इस बैठक के दौरान प्रमुख विषयों में समुद्री और जलमार्ग परिवहन क्षेत्र में अद्वितीय चुनौतियों से निपटने एवं अवसरों के लिए प्रत्येक राज्य की आवश्यकतानुसार मास्टर प्लान के विकास पर विस्तृत चर्चा; समुद्री क्षेत्र में विकास और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए व्यापक नीतियों का निर्माण एवं कार्यान्वयन; पर्यटन को बढ़ावा देने और शहरी जल परिवहन प्रणालियों को बढ़ाने के अवसरों की खोज और पर्यटकों के आकर्षण के रूप में लाइटहाउस विकसित करने तथा उनकी नौवहन दक्षता में सुधार करने की योजना शामिल थी। एमओपीएसडब्ल्यू सचिव ने यह भी उल्लेख किया कि कोच्चि जल मेट्रो मॉडल को कोलकाता, मुंबई, गुवाहाटी और गोवा जैसे विभिन्न अन्य राज्यों में अपनाया जा सकता है।
श्री टीके रामचन्द्रन ने भारत की समुद्री विरासत और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में सागरमाला कार्यक्रम और लोथल में एनएमएचसी के महत्व पर प्रकाश डाला।
सचिव ने मुख्य सचिवों और अपर मुख्य सचिवों के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने अपने-अपने राज्यों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने कहा, "राज्यों की प्रतिबद्धता और सक्रिय कदम सराहनीय हैं। एमओपीएसडब्ल्यू का लक्ष्य सभी 30 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में एसएमडब्ल्यूटीसी स्थापित करना है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रत्येक क्षेत्र समुद्री और जलमार्ग परिवहन में सुधार की संभावना से लाभान्वित हो।"
बैठक का समापन भारत में समुद्री और जलमार्ग परिवहन को बढ़ाने के लिए सहयोगी समाधानों को बढ़ावा देने की प्रतिज्ञा के साथ हुआ। मंत्रालय ने राष्ट्रीय समुद्री उद्देश्यों से जुड़े मुद्दों का समाधान करने और पहलों को लागू करने में राज्यों को अपने सहयोग की पुष्टि की। संयुक्त सचिव (सागरमाला) ने जोर देकर कहा, "मंत्रालय प्रत्येक राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश में विभिन्न परिवर्तनकारी परियोजनाओं की योजना और विकास के लिए आवश्यक धन एवं व्यापक समर्थन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। एमओपीएसडब्ल्यू का लक्ष्य समुद्री क्षेत्र में स्थायी विकास को बढ़ावा देना है।"
इस बैठक के दौरान विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने व्यापक रूप से चर्चा में भाग लिया और देश में समग्र समुद्री इकोसिस्टम को बेहतर बनाने के लिए अपने बहुमूल्य इनपुट प्रदान किए। असम सरकार के परिवहन विभाग के सचिव श्री आदिल खान ने राज्य की बेहतरी के लिए कार्गो परिवहन को बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया। गोवा के बंदरगाहों के कप्तान श्री ऑक्टेवियो एंटनी रोड्रिग्स ने हरित नौका योजना के तहत हाइड्रोजन सेल प्रौद्योगिकी और रेट्रोफिटिंग पहल को अपनाने की सिफारिश की। महाराष्ट्र समुद्री बोर्ड के सीईओ डॉ. माणिक गुरसल ने जीएसटी छूट के महत्व पर प्रकाश डाला और अंतर्देशीय पोत कानून के तहत प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम के विकास का प्रस्ताव रखा।
जलमार्ग परिवहन क्षेत्र के प्रबंधन और एकीकरण के लिए एकीकृत दृष्टिकोण की आवश्यकता को समझते हुए, एमओपीएसडब्ल्यू ने प्रत्येक राज्य के भीतर विभिन्न पहलों और योजनाओं के समन्वय के लिए एसएमडब्ल्यूटीसी की स्थापना की है। ये समितियां समुद्री और जलमार्ग क्षेत्र में प्रयासों को समेकित करने और केन्द्रित नेतृत्व प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। प्रत्येक एसएमडब्ल्यूटीसी का नेतृत्व मुख्य सचिव या अपर मुख्य सचिव करेंगे और इसमें प्रमुख बंदरगाहों, समुद्री बोर्डों, राज्य पीडब्ल्यूडी, अंतर्देशीय जलमार्ग, पर्यटन विभाग, मत्स्य पालन विभाग, रेलवे, एनएचएआई, सीमा शुल्क आदि के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
वर्तमान में, एसएमडब्ल्यूटीसी का गठन 13 राज्यों में किया जा चुका है, जिनमें आंध्र प्रदेश, मिजोरम, हिमाचल प्रदेश, नागालैंड, पुडुचेरी, राजस्थान, बिहार, असम, गोवा, केरल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और लक्षद्वीप शामिल हैं, तथा इन्हें भारत के सभी 30 तटीय एवं जलमार्ग राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में स्थापित करने की योजना है।
एसएमडब्ल्यूटीसी में विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रमुख प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिनमें परिवहन विभाग, नागालैंड के आयुक्त और सचिव श्री ज़सेकुलिए चुसी; उत्तर प्रदेश के परिवहन विभाग के विशेष सचिव श्री के पी सिंह; परिवहन विभाग के अपर सचिव श्री नरेश ठाकुर; पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड की प्रमुख सचिव श्रीमती वंदना यादव; केरल मैरीटाइम बोर्ड के सीईओ श्री शाइन ए हक; कर्नाटक मैरीटाइम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री जयराम रायपुरा के साथ-साथ लगभग सभी आमंत्रित राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
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