डिजिटाइजेशन के विरोध में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा के समक्ष किया सांकेतिक धरना प्रदर्शन
शिक्षकों की प्रमुख समस्याओं के समाधान के उपरांत लागू हो ऑनलाइन व्यवस्था
विभागीय अधिकारियों द्वारा शिक्षकों पर दमनपूर्वक कार्यवाही को नहीं किया जायेगा बर्दाश्त
लखनऊ: 15 मार्च २०२४ को प्रदेश मीडिया प्रभारी- बृजेश श्रीवास्तव ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि, शिक्षकों की प्रमुख समस्याओं का समाधान किये बिना विभागीय अधिकारियों द्वारा जिस प्रकार सम्पूर्णं प्रदेश के शिक्षकों में भय का वातावरण बनाकर तथा उन्हें अपमानित करके डिजिटाइजेशन व्यवस्था को जबरन लागू किये जाने का कार्य किया जा रहा है इससे शिक्षकों में व्यापक आक्रोश है। अधिकारियों की इस हठधर्मिता के विरुद्ध गुरुवार को राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रदेशीय नेतृत्व द्वारा संगठन की प्रांतीय कार्यकारिणी, मण्डलीय पदाधिकारियों तथा लखनऊ मण्डल के प्रमुख जनपदीय पदाधिकारियों के साथ महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय, समग्र शिक्षा, विद्या भवन, निशातगंज, लखनऊ में सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया व ज्ञापन सौंप वार्ता की।
प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा कि संगठन ने अपने ज्ञापन दिनांक 20 नवंबर 2023 के माध्यम से डिजिटाइजेशन से जुड़ी मौलिक समस्याओं के निस्तारण के पश्चात ही लागू किये जाने की मांग की थी। किन्तु आपके कार्यालय द्वारा उक्त मांग पत्र पर अब तक कोई विचार नहीं किया गया, अपितु विभागीय अधिकारियों द्वारा डिजिटाइजेशन व्यवस्था को जबरन लागू करने हेतु अध्यापकों का वेतन रोकने एवं विभागीय कार्यवाही का आदेश निर्गत कर रहे हैं, जिससे यह परिलक्षित होता है कि आपके संरक्षण में विभागीय अधिकारी दमन पूर्वक डिजिटाइजेशन व्यवस्था लागू करना चाहते हैं जिसका राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उ०प्र० घोर विरोध करता है।
संगठन अपने विभागीय व सामाजिक दायित्वों के प्रति सजग रहकर छात्र हित व शिक्षा हित में आपके इस अव्यवहारिक आदेश को लागू किए जाने से पूर्व डिजिटाइजेशन से जुड़ी समस्याओं का समाधान किये जाने की मांग करता है।
प्रदेशीय संयुक्त महामंत्री संतोष मौर्य ने कहा कि विभाग द्वारा प्रदत्त टैबलेट्स के सुचारू संचालन हेतु विभागीय सिम कार्ड (सीयूजी नम्बर) एवं डाटा पैक की सुविधा उपलब्ध कराया जाए। शिक्षकों को भी आकस्मिक अवकाश में हाफ डे लीव का विकल्प प्रदान किया जाये।
प्रदेशीय संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह ने कहा कि किसी आकस्मिक घटना अथवा आपदा की स्थिति में शिक्षकों के महीने में पांच दिन विलंब से पहुंचने पर छूट दी जाए।
प्रदेशीय कार्यकारी अध्यक्ष मातादीन द्विवेदी ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारियों की भांति 30 ई.एल. प्रदान किया जाये यदि ईo एलo प्रदान करने में कोई विधिक समस्या है तो महाविद्यालयों के शिक्षकों की भांति बेसिक शिक्षा में भी प्रिविलेज अवकाश प्रदान किया जाये तथा अवकाश के दिनों में कार्य करने पर प्रतिकर अवकाश का विकल्प मानव सम्पदा पोर्टल पर प्रदान किया जाये।
प्रदेशीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष विश्वनाथ सिंह ने कहा कि पंजिकाओ का डिजिटाइजेशन सर्वर की उपलब्धता के अधीन है, एक ही समय मे अधिक लोड से सर्वर क्रैश होने पर वैकल्पिक व्यवस्था का स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किया जाए।
महानिदेशक ने समस्याओं को गंभीरतापूर्वक सुनकर यथासंभव निराकरण का आश्वासन दिया है।
इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष रामप्रताप सिंह, प्रदेश मंत्री कामतानाथ सिंह, सुनील कुमार रावत, डॉ. श्वेता, संयुक्त मंत्री आदित्य कुमार शुक्ल, ऑडिटर संजय शर्मा, मीडिया प्रभारी बृजेश श्रीवास्तव, प्रवक्ता वीरेन्द्र मिश्रा, मंडल अध्यक्षगण अखिलेश कुमार मिश्रा 'वत्स', अशोक सिंह, डॉ अरविंद निषाद, बजरंग बहादुर सिंह, सत्येंद्र सिंह, शांति भूषण वर्मा, महेश मिश्रा, मंडल महामंत्रीगण अनिल वर्मा, पंकज त्रिपाठी, जे पी गुप्ता, नरेंद्र प्रकाश मिश्रा, चंद्रदीप सिंह, वीरेंद्र सिंह, रवेंद्र गंगवार, इलयास मंसूरी, अदीप सिंह, प्रियंका शुक्ला, पूनम त्यागी, अनिल तोमर, अशोक राय, दुष्यंत रघुवंशी, कृष्णमोहन गुप्ता, संजीव रावत, देवर्षि प्रताप सिंह, मधुकर सिंह, अभिषेक पुरवार आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।
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