जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद जी सरस्वती द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी अहिंसक आंदोलन १० मार्च को प्रात: १० बजे १० मिनट के लिए 'सम्पूर्ण भारत बंद' पूर्ण रूप से सफल
१०. १०. १०
अर्थात
"१० मार्च को प्रात: १० बजे १० मिनट के लिए 'भारत बंद'
लखनऊ: समतामूलक समाज निर्माण मोर्चा के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष - सच्चिदानन्द श्रीवास्तव ने बताया कि, जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद जी सरस्वती '१००८' द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी अहिंसक आंदोलन १० मार्च को प्रात: १० बजे १० मिनट के लिए 'सम्पूर्ण भारत बंद' पूर्ण रूप से सफल रहा।
समतामूलक समाज निर्माण मोर्चा के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष - सच्चिदानन्द श्रीवास्तव भी अपने घर के सामने पूरे परिवार और पड़ोसियों के साथ भारत बंद में सहभागिता किये और नारे लगाए।
उन्होंने बताया कि, जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानंद जी सरस्वती "१००८' #गौमाता_राष्ट्रमाता और गौ-हत्या पूर्णतया बन्द करने के संकल्प को पूर्ण कराने और हिन्दुओं के माथे से गौ-हत्या के कलंक को सदा-सदा के लिए मिटाने हेतु जारी अहिंसक आंदोलन - "भारत बंद का आह्वान किया था जिस पर १० मार्च २०२४ को सबेरे १० बजे १० मिनट के लिए पूरे देश में भारत बंद सफल रहा।
पहले गिरिराज गोवर्धन जी की और फिर दिल्ली संसदभवन के उस कोने की जहां 1966 में गौभक्तों पर गोली चली थी।
यह यात्रा संकल्प यात्रा है। हम सबको गौरक्षा का संकल्प लेना है।
समतामूलक समाज निर्माण मोर्चा के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष - सच्चिदानन्द श्रीवास्तव, विधानसभा लखनऊ कैंट के भूतपूर्व प्रत्यासी २०१७, २०१९ & २०२२ रह चुके हैं तथा रेल सेवक संघ के महामंत्री और स्वतंत्रभारत न्यूज़ पोर्टल के पिछले सात वर्षों से संपादक भी हैं।
समतामूलक समाज निर्माण मोर्चा के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष - सच्चिदानन्द श्रीवास्तव का उद्देश्य लोकसभा में सभी सीटों से प्रत्यासी खड़ा करने तथा जीत कर सरकार बना कर विधिसम्मत तरीके से गौमाता को राष्ट्रमाता बनाने के संकल्प को पूरा करने के साथ-साथ भारत में गौ हत्या पूरी तरह से बंद करने, नशे के कारखाने पूरी तरह से बंद कर उनकी बिक्री पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने, भारत को टैक्स फ्री देश बनाने अर्थात भारतीय नागरिकों के ऊपर से सभी टैक्स व सामानों के क्रय - बिक्रय से भी सभी प्रकार के टैक्स को समाप्त करना तथा १८ वर्ष से ६० वर्ष के स्वस्थ नागरिकों के लिए उनके शारीरिक व बौद्धिक क्षमता के अनुरूप कार्य करने को आवश्यक बनाना और सभी की फ्री रोटी, फ्री शिक्षा व फ्री चिकित्सा उपलब्ध करा कर प्रत्येक परिवार को सामर्थ्यवान बनाकर भूखमरी अशिक्षा व बेरोजगारी को पूर्णतया समाप्त कर समतामूलक समाज की स्थापना करना है।
*****