सरकार ने जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर को 5 और वर्षों के लिए विधिविरुद्ध संगठन घोषित किया: गृह मंत्रालय
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत सरकार ने जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर पर प्रतिबंध को 5 वर्षों के लिए बढ़ा दिया है
गृह मंत्री ने कहा, "ये संगठन देश की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता के विरुद्ध गतिविधियों में लिप्त पाया गया है"
जो कोई भी देश की सुरक्षा को खतरे में डालेगा, उसे कठोर परिणाम का सामना करना होगा –अमित शाह
नई-दिल्ली (PIB): भारत सरकार ने जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर को विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (यूएपीए), 1967 की धारा 3 (1) के तहत 5 और वर्षों के लिए विधिविरुद्ध संगठन घोषित कर दिया है।
X प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत सरकार ने जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर पर प्रतिबंध को 5 वर्षों के लिए बढ़ा दिया है। ये संगठन देश की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता के विरुद्ध गतिविधियों में लिप्त पाया गया है। इस संगठन को 28 फरवरी, 2019 को विधिविरुद्ध संगठन घोषित किया गया था। गृह मंत्री ने कहा कि जो कोई भी देश की सुरक्षा को खतरे में डालेगा, उसे कठोर परिणाम का सामना करना होगा।
'जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर' पर पिछली बार प्रतिबंध राजपत्र अधिसूचना संख्या S.O. 1069(E)द्वारा 28 फरवरी, 2019 को लगाया गया था। ये संगठन जम्मू और कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकवाद और भारत विरोधी प्रचार को बढ़ावा देने में लगातार शामिल है, जो भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता के लिए हानिकारक है। जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर और उसके सदस्यों के खिलाफ विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (यूएपीए), 1967सहित कानून की विभिन्न धाराओं के तहत कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
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