केंद्र सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में चीनी मिलों द्वारा उर्वरक कंपनियों को शीरा से प्राप्त पोटाश (पीडीएम) की बिक्री के लिए पारस्परिक सहमत मूल्य को 4,263 रुपये प्रति मीट्रिक टन किया
पीडीएम निर्माता उर्वरक विभाग की पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना (एनबीएस) के अंतर्गत वर्तमान दरों पर प्रति टन पर 345 रुपये की सब्सिडी का दावा भी कर सकेंगे
नई-दिल्ली (PIB): केंद्र ने चालू वित्तीय वर्ष में चीनी मिलों द्वारा उर्वरक कंपनियों को शीरा से प्राप्त पोटाश (पीडीएम) की बिक्री के लिए पारस्परिक सहमत मूल्य को 4,263 रुपये प्रति मीट्रिक टन किया। इसके अलावा, पीडीएम निर्माता उर्वरक विभाग की पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना (एनबीएस) के अंतर्गत वर्तमान दरों पर प्रति टन पर 345 रुपये की सब्सिडी का दावा भी कर सकेंगे। अब, चीनी मिलें और उर्वरक कंपनियां दोनों पीडीएम पर दीर्घकालिक बिक्री/खरीद समझौते की रूपरेखा पर विचार-विमर्श कर रही हैं।
पीडीएम, शीरा आधारित भट्टियों में राख से प्राप्त पोटाश समृद्ध उर्वरक एवं चीनी आधारित इथेनॉल उद्योग का एक उप-उत्पाद है। ये भट्टियां इथेनॉल का उत्पादन करने के दौरान स्पेंट वाश नामक अपशिष्ट रसायन का उत्पादन करती हैं, जिन्हें राख प्राप्त करने के लिए जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) प्राप्त करने के लिए भस्मक बॉयलर (आईबी) में जलाया जाता है। पोटाश युक्त राख को 14.5 प्रतिशत पोटाश युक्त पीडीएम का उत्पादन करने के लिए संसाधित किया जा सकता है और किसानों द्वारा खेतों में एमओपी (60% पोटाश सामग्री के साथ म्यूरेट ऑफ पोटाश) के विकल्प के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
वर्तमान समय में, उर्वरक के रूप में पोटाश का पूर्ण रूप से एमओपी के रूप में आयात किया जाता है। घरेलू स्तर पर पीडीएम के उत्पादन से आयात की निर्भरता में कमी आएगी और पीडीएम के उत्पादन में देश आत्मनिर्भर बनेगा। वर्तमान में इथेनॉल भट्टियों से उत्पन्न लगभग 5 एलएमटी पोटाश राख की बिक्री घरेलू स्तर पर की जा रही है, जबकि इस राख की उत्पादन क्षमता 10-12 एलएमटी तक पहुंच सकती है।
चीनी मिलों के लिए पीडीएम का विनिर्माण एवं बिक्री अपने नकदी प्रवाह को बढ़ाने तथा समय पर किसानों को भुगतान करने के लिए एक अन्य राजस्व स्रोत बनने जा रहा है। उर्वरक क्षेत्र में आयात की निर्भरता में कमी लाने के लिए यह केंद्र सरकार की एक अन्य पहल है।
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