मत्स्य पालन क्षेत्र में डिजिटल वाणिज्यिक क्षमता के नये अवसर प्रदान करने के लिए मत्स्य पालन विभाग और ओएनडीसी के बीच 19 फरवरी, 2024 को नई दिल्ली में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होंगे
नई दिल्ली (PIB): मछुआरों के लिए उपभोक्ता या बाजारों तक सीधी पहुंच सुनिश्चित करने और भारतीय मत्स्य पालन के क्षेत्र में डिजिटल वाणिज्य क्षमता के नये अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से मत्स्य पालन विभाग (भारत सरकार), ओएनडीसी, डिजिटल वाणिज्य के लिए ओपन नेटवर्क के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करेगा। इस दौरान केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री, श्री परषोत्तम रूपाला और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री, डॉ. एल मुरुगन उपस्थित रहेंगे। समझौता ज्ञापन 19 फरवरी, 2024 को कृषि भवन, नई दिल्ली में होगा।
मत्स्य पालन विभाग के सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी, मत्स्य पालन विभाग के संयुक्त सचिव श्री सागर मेहरा, मत्स्य पालन विभाग की संयुक्त सचिव नीतू कुमारी प्रसाद, ओएनडीसी के प्रबंध निदेशक श्री टी. कोशी और उपाध्यक्ष सुश्री अदिति सिंह भी उपस्थित रहेंगी। लगभग 50 मछली किसान उत्पादक संगठनों (एफएफपीओ) के साथ अन्य सम्मानित गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम हाइब्रिड मोड में होगा।
मत्स्य पालन क्षेत्र में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर एक महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि पहली बार विभाग ओएनडीसी के साथ समझौता ज्ञापन करने जा रहा है। यह आवश्यक कदम मछुआरों, मछली किसान उत्पादक संगठनों, उद्यमियों, स्वयं सेवी संगठनों (एसएचजी), मछुआरा सहकारी समितियों और मत्स्य पालन क्षेत्र के अन्य प्रासंगिक हितधारकों को व्यापक बाजारों तक पहुंच और संभावित ग्राहक आधार का विस्तार करने के लिए एक डिजिटल मंच प्रदान करेगा। मत्स्य पालन विभाग और ओएनडीसी प्रौद्योगिकी-संचालित समाधानों को लागू करने की सुविधा प्रदान करेगा और छोटे स्तर पर कार्य कर रहे उत्पादकों की विपणन दक्षता, सामूहिकता और प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करेगा।
डिजिटल तकनीकी समाधानों को अपनाने से मत्स्य पालन उद्योग लाभांवित होंगे। इससे मछली पालकों के विश्वास में वृद्धि, लेनदेन की लागत में कमी, बाजार तक पहुंच में वृद्धि, पारदर्शिता में सुधार, प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि, नवाचार और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। दीर्घावधि में ओएनडीसी नेटवर्क निर्बाध एकीकरण की सुविधा प्रदान करेगा। मत्स्य पालन क्षेत्र के भीतर उत्पादकों, संसाधको और वितरकों के बीच समन्वय से कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, मूल्य श्रृंखला और निर्बाध गति से बाजार पहुंच सक्षम हो सकेगी।
यह सहयोग सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई), स्टार्ट-अप, स्वयं सेवी संगठनों, छोटे और सीमांत मछुआरों, मत्स्य किसान उत्पादक संगठन (एफएफपीओ), मछुआरों और मत्स्य पालन क्षेत्र में बाजार सहभागियों के लिए शैक्षिक कार्यशालाओं के माध्यम से क्षमता निर्माण की सुविधा प्रदान करेगा और जागरूकता बढ़ाएगा।
ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) को धारा 8 कंपनी के रूप में शामिल किया गया है, जो उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की पहल है। इसका लक्ष्य डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान के सभी पहलुओं के लिए खुले नेटवर्क को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम का उद्देश्य उत्पादन, मूल्य निर्धारण और वितरण रणनीतियों के बारे में निर्णय लेने के लिए मछुआरों, मछली किसान उत्पादक संगठन, मत्स्य पालन क्षेत्र के उद्यमियों सहित सभी हितधारकों को एक मंच प्रदान करना और सशक्त बनाना है। ओएनडीसी ई-मार्केटिंग का एक अनूठा मंच है और यह अधिकतम मत्स्य किसान उत्पादक संगठन (एफएफपीओ) और अन्य मछुआरा सहकारी समितियों को जोड़ने के लिए मत्स्य पालन क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच एक सीधा चैनल प्रदान करते हुए, ओएनडीसी बिचौलियों पर निर्भरता को कम करने में सहायता करेगा। इससे मछुआरों को अधिक लाभ होगा और उपभोक्ताओं को कम कीमत देनी होंगी। यह पहल इस व्यवसाय में शामिल सीमांत मछुआरों को उनके उत्पादों के लिए एक सामान्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से भागीदारी सुनिश्चित करेगी और अर्थव्यवस्था के विकास में उनका योगदान सुनिश्चित होगा।
इसने नवंबर-23 में 600 से अधिक शहरों में 6.3 मिलियन से अधिक लेनदेन दर्ज किए हैं। विक्रेता और सेवा प्रदाता ओएनडीसी नेटवर्क के भौगोलिक कवरेज का विस्तार हुआ है और इसका नेटवर्क 500 से अधिक शहरों में फैला हुआ है। वर्तमान में, 3000 से अधिक किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) ने विभिन्न नेटवर्क प्रतिभागियों के माध्यम से ओएनडीसी का हिस्सा बनने के लिए पंजीकरण कराया है। साथ ही, लगभग 400 स्वयं सहायता समूहों, सूक्ष्म उद्यमियों और सामाजिक क्षेत्र के उद्यमों को नेटवर्क पर शामिल किया गया है।
मत्स्य पालन एक उभरते हुए क्षेत्र के रूप में सामने आ रहा है। इसमें आर्थिक सशक्तिकरण के माध्यम से न्यायसंगत और समावेशी विकास प्रदान करने की अपार संभावनाएं हैं। सरकार, मत्स्य पालन क्षेत्र को समग्र रूप से परिवर्तित करने और प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई), मत्स्य पालन और जलीय कृषि विकास निधि आदि जैसी योजनाओं के माध्यम से आर्थिक उत्थान और समृद्धि लाने में सर्वदा अग्रणी रही है। इस क्षेत्र में वर्ष 2014-15 से 10.87 प्रतिशत की उत्कृष्ट औसत वार्षिक वृद्धि हो रही है। यह विकास देश भर में फैले मछुआरों, 2000 से अधिक मत्स्य किसान उत्पादक संगठनों (एफएफपीओ), सहकारी समितियों और अन्य हितधारकों की एकजुटता का प्रतीक है। जैसे-जैसे यह क्षेत्र विकास के मार्ग पर अग्रसर हो रहा है, उसे देखते हुए यह आवश्यक है कि इसकी आधारभूत अवसंरचना के साथ-साथ मूल्य श्रृंखला में हितधारकों के कल्याण के लिए केंद्रित कार्यक्रम और पहल की जाए। इस दिशा में मत्स्य किसान उत्पादक संगठन विकास के प्रतीक के रूप में खड़े हैं।
इस आयोजन में मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों, मछली किसान उत्पादक संगठनों, उद्यमियों, मछुआरा सहकारी समितियों और अन्य संबंधित हितधारकों के भाग लेने की उम्मीद है।
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