सोलापुर, महाराष्ट्र में विभिन्न परियोजनाओं के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ: प्रधानमंत्री कार्यालय
नई-दिल्ली (PIB): महाराष्ट्र के गवर्नर श्री रमेश बैंस जी, मुख्यमंत्री श्रीमान एकनाथ शिंदे जी, उप-मुख्यमंत्री देंवेंद्र फडणवीस जी, अजित दादा पवार जी, महाराष्ट्र सरकार के अन्य मंत्रिगण, जन-प्रतिनिधिगण, श्री नरसैय्या अदाम जी और सोलापुर के भाइयो और बहनों, नमस्कार।
पंढरपूरचा विठ्ठल आणि सिद्धेश्वर महाराज यांना मी नमस्कार करीत आहे। ये समय हम सभी के लिए भक्तिभाव से भरा हुआ है। 22 जनवरी को वो ऐतिहासिक क्षण आने वाला है जब हमारे भगवान राम अपने भव्य मंदिर में विराजने जा रहे हैं। हम सबकी आराध्य के दर्शन टेंट में करने की दशकों पुरानी पीड़ा अब दूर होने जा रही है।
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पहले कुछ संतों के मार्गदर्शन में मैं अपने यम नियमों में व्यस्त हूं, और उसका मैं बड़ी कठोरता से पालन भी करता हूं। और आप सबके आशीर्वाद से इन 11 दिनों में वो साधना कर पाऊं, ताकि मेरी कोई कमी न रह जाए। और इस पवित्र कार्य को करने का मुझे जो अवसर मिला है, साक्षी भाव से आपके आशीर्वाद से वहां जाऊंगा।
साथियो,
ये भी संयोग है कि इसकी शुरुआत महाराष्ट्र...मेरे इस अनुष्ठान की शुरुआत महाराष्ट्र के नासिक से पंचवटी की भूमि से हुई है। राम भक्ति से भरे इस वातावरण में आज महाराष्ट्र के 1 लाख से ज्यादा परिवारों का गृह प्रवेश हो रहा है। अब बताइए मेरी खुशियां अनेक गुना बढ़ जाएंगी कि नहीं बढ़ जाएंगी? आपकी भी बढ़ जाएंगी नहीं बढ़ जाएंगी? मुझे बहुत खुशी है कि महाराष्ट्र के ये 1 लाख से अधिक गरीब परिवार भी 22 जनवरी को अपने पक्के घर में शाम को राम ज्योति प्रज्वलित करेंगे। करेंगे ना...सब लोग राम ज्योति प्रज्वलित करेंगे? शाम को करोगे? पूरे हिन्दुस्तान में करोगे?
अब राम के नाम पर अपने मोबाइल का फ्लैश चालू कीजिए और राम ज्योति का संकल्प लीजिए। आप सबके मोबाइल की फ्लैश चालू कीजिए…सबके। जिसके हाथ में मोबाइल फोन है। वो…वहां दूर भी लोग हैं....मैंने तो सोचा नहीं था। ये फ्लैश लाइट होने के बाद दिखने लगा है इतनी भारी भीड़ है। जरा हाथ ऊपर करके बताइए...22 तारीख शाम को राम ज्योति प्रगटाएंगे? शाबास।
आज महाराष्ट्र के अलग-अलग शहरों के लिए 2000 करोड़ रुपए के 7 अमृत प्रोजेक्ट्स का भी शुभारम्भ किया गया है। मैं सोलापुर वासियों को, महाराष्ट्र के मेरे भाई-बहनों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और अभी मैं माननीय मुख्यमंत्री जी को सुन रहा था, उन्होंने एक बात कही कि मोदीजी के कारण महाराष्ट्र का गौरव बहुत बढ़ रहा है। श्रीमान शिंदे जी, ये सुनकर तो अच्छा लगता है और politician को तो ज्यादा अच्छा लगता है। लेकिन सच्चाई ये है कि महाराष्ट्र का नाम रोशन हो रहा है महाराष्ट्र की जनता के परिश्रम और आप जैसी प्रगतिशील सरकार के कारण हो रहा है। और इसलिए पूरा महाराष्ट्र बधाई का पात्र है।
साथियों,
प्रभु राम ने हमें हमेशा अपने वचन की मर्यादा रखने की सीख दी है। मुझे खुशी है कि सोलापुर के हज़ारों गरीबों के लिए, हजारों मजदूर साथियों के लिए हमने जो संकल्प लिया था, वो आज पूरा हो रहा है। आज पीएम आवास योजना के तहत बनी देश की सबसे बड़ी सोसायटी का लोकार्पण हुआ है। और मैं जा करके देखकर आया हूं...मुझे भी लगा कि काश! मुझे भी बचपन में ऐसे घर में रहने का मौका मिला होता। ये चीजें देखता हूं, मन को इतना संतोष होता है। ये हजारों परिवारों के सपने जब साकार होते हैं तो उनके आशीर्वाद मेरी सबसे बड़ी पूंजी होते हैं। और जब मैं इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास करने आया था, तब मैंने आपको गारंटी दी थी कि आपके घरों की चाबी देने भी मैं खुद आऊंगा। आज मोदी ने ये गारंटी पूरी की है। आप जानते ही हैं, मोदी की गारंटी यानी गारंटी पूरा होने की गारंटी। यानी, मोदीची गारंटी म्हणजे गारंटी पूर्ण होण्याची संपूर्ण गारंटी।
अब ये लाखों रुपए के घर आपकी संपत्ति हैं। मैं जानता हूं, जिन-जिन परिवारों को ये घर मिले हैं, उनकी अनेक पीढ़ियों ने बेघर रहते हुए कितने तरह के कष्ट झेले हैं। मुझे विश्वास है कि इन घरों के साथ, कष्टों का वो कुचक्र टूटेगा और आपके बच्चों को वो सब नहीं देखना पड़ेगा, जो आपने देखा है। 22 जनवरी को जो राम ज्योति आप जलाएंगे, वो आप सभी के जीवन से गरीबी का अंधेरा दूर करने की प्रेरणा बनेगी। आपका जीवन खुशियों से भरा रहे, यही प्रभु राम से मेरी कामना है।
और मैं देख रहा था अभी जो शानदार भाषण सुन रहा था रामजी का। मुझे खुशी हुई कि जब 2019 में मैं मिला था तो काफी पतले थे। आज देखिए, फल खा-खा करके, हैं...सफलता के फल काफी वजन बढ़ा है। और ये भी मोदी की गारंटी का परिणाम है। मेरे प्यारे भाइयो-बहनों, जब ये मकान आपको मिल रहे हैं, जीवन की शुरुआत हो रही है तो मेरा यही भाव है- “आपले जीवन सुखाने भरून राहो, हीच राम प्रभूची इच्छा आहे”
मेरे परिवारजनों,
हमारी सरकार पहले दिन से प्रयास कर रही है कि श्रीराम के आदर्शों पर चलते हुए देश में सुशासन हो, देश में ईमानदारी का राज हो। ये रामराज्य ही है जिसने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की प्रेरणा दी है। मानस में संत तुलसीदास जी कहते हैं कि-
जेहि विधि सुखी होहिं पुर लोगा। करहिं कृपानिधि सोई संजोगा ।।
यानी जनता जिससे सुखी होती है, कृपानिधान श्री रामचंद्र जी वैसे ही कार्य किया करते थे। जनता जनार्दन की सेवा के लिए इससे बड़ी प्रेरणा और क्या हो सकती है। इसलिए 2014 में सरकार बनते ही मैंने कहा था...मेरी सरकार गरीबों के लिए समर्पित सरकार है। इसलिए हमने एक के बाद एक ऐसी योजनाएं लागू कीं, जिससे गरीब की मुश्किलें कम हों, उनका जीवन आसान बने।
साथियों,
घर ना होने की वजह से, शौचालय ना होने की वजह से गरीब को कदम-कदम पर अपमानित होना पड़ता था। विशेष रूप से हमारी माताओं-बहनों-बेटियों के लिए ये बहुत बड़ी सज़ा थी। और इसलिए सबसे पहले हमने गरीबों के घर और शौचालय के निर्माण पर ध्यान दिया। हमने 10 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाकर गरीबों को दिए। वो सिर्फ शौचालय नहीं हैं...हमने इज्जतघर दिया है, मेरी माताओं-बहनों के लिए इज्जत की गारंटी दी है।
हमने 4 करोड़ से अधिक पक्के घर बनाकर गरीबों को दिए। आप सोच सकते हैं...जिनको यहां घर मिला है, पूछ लीजिए…जीवन में कितना संतोष है। ये तो तीस हजार हैं, हम चार करोड़ को दे चुके हैं...कितना संतोष होता होगा। दो प्रकार के विचार रहते हैं। एक- राजनीतिक उल्लू सीधा करने के लिए लोगों भड़काते रहो, भड़काते रहो, भड़काते रहो। हमारा मार्ग है dignity of labour, हमारा मार्ग है आत्मनिर्भर श्रमिक, हमारा मार्ग है गरीबों का कल्याण। और मैं आपसे कहना चाहता हूं जो नए घरों में रहने जाने वाले हैं, आप बड़े-बड़े सपने देखिए, छोटे सपने मत देखना। और ये मोदी की गारंटी है आपके सपने...ये मेरा संकल्प है।
पहले के समय में शहरों में जहां झुग्गियां ही झुग्गियां बनीं, आज हम उन झुग्गीवासियों को पक्के घर बनाकर देने का काम कर रहे हैं। सरकार की कोशिश है कि रोजी रोटी के लिए गांव से आने वाले लोगों को भाड़े पर झुग्गियों में ना रहना पड़े। आज शहरों में ऐसी कॉलोनियां बनाई जा रही हैं, जहां उचित किराए पर ऐसे साथियों को मकान मिल सके। एक बड़ा अभियान हम चला रहे हैं। हमारी कोशिश है कि जहां लोग काम करते हैं, उसके आसपास ही आवास का प्रबंध हो।
मेरे परिवारजनों,
हमारे देश में लंबे समय तक गरीबी हटाओ के नारे लगते रहे। लेकिन इन नारों के बावजूद गरीबी नहीं हटी। ऐसे सूत्र चलते थे...आधी रोटी खाएंगे। अरे क्यों भाई...आधी रोटी खाएंगे और तुमको वोट देंगे...ऐसा कहते थे लोग। क्यों आधी रोटी खाएंगे...मोदी है पूरी खाएंगे। जनता-जनार्दन का यही सपना, यही संकल्प..यही तो फर्क है।
और साथियो,
जैसे सोलापुर श्रमिकों की नगरी है ना, मेरा कार्यक्षेत्र अहमदाबाद रहा। वो भी श्रमिकों की नगरी है, वो भी टेक्सटाइल के श्रमिकों की नगरी है। अहमदाबाद और सोलापुर का इतना निकट नाता है। और मेरा तो सोलापुर से और भी निकट का नाता है। मेरे अहमदाबाद में यहां से पदमशाली, काफी परिवार अहमदाबाद में रहते हैं। और मेरे जीवन का सौभाग्य रहा, मेरे पूर्वाश्रम में मुझे महीने में तीन-चार बार भोजन खिलाते थे हमारे पदमशाली परिवार। छोटी चाल में रहते थे, तीन लोगों के बैठने की जगह नहीं होती थी, लेकिन मुझे कभी भूखा सोने नहीं देते थे। और मुझे तो आश्चर्य था, एक दिन सोलापुर के किसी सज्जन ने...बहुत साल हो गए नाम मुझे याद नहीं रहा है; उन्होंने बड़ी अच्छी तरह व्यूह किया हुआ, वीविंग किया हुआ एक बहुत बढ़िया चित्र मुझे भेजा। महाराष्ट्र के सतारा के लक्षमण रावे नामदार वकील साहब जिनका मेरे जीवन को गढ़ने में बहुत बड़ा रोल था, कहीं से वो चित्र आ करके...उस चित्र को उन्होंने इस प्रकार से उकेरा था अपनी पुण्य कला से, और वो मुझे अद्भुत चित्र उन्होंने भेजा था..आज भी सोलापुर मेरे दिल में बसा हुआ है।
मेरे परिवारजनों,
हमारे देश में लंबे समय तक ये जो गरीब हटाओ के नारे लगते रहे ना, लेकिन इन नारों के बावजूद गरीबी नहीं हटी। और इसका सबसे बड़ा कारण ये था कि गरीबों के नाम पर योजनाएं तो बनाई जाती थीं, लेकिन उनका लाभ असली हकदार को नहीं मिलता था। पहले की सरकारों में गरीब के हक का पैसा बीच में ही बिचौलियन लूट जाते थे। यानी पहले की सरकारों की नीयत, नीति और निष्ठा कठघरे में थी। हमारी नीयत साफ है और नीति गरीबों को सशक्त करने की है। हमारी निष्ठा देश के प्रति है। आमची निष्ठा देशाप्रती आहे, भारताला विकसित राष्ट्र बनविण्यासाठी आहे.
इसलिए मोदी ने गारंटी दी, कि सरकारी लाभ अब डायरेक्ट लाभार्थी तक पहुंचेगा...कोई बिचौलिया नहीं। हमने लाभार्थियों के रास्ते में खड़े बिचौलियों को हटाने का काम किया। ये जो लोग कुछ चिल्लाते हैं ना, उसका कारण यही है...मलाई खाना उनका बंद हो गया है। हमने बीते 10 वर्षों में 30 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा सीधे गरीब, किसान, महिला और युवा लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर किए हैं। जनधन, आधार और मोबाइल कवच बनाकर हमने करीब 10 करोड़ ऐसे फर्जी लाभार्थियों को हटाया जिनका जन्म भी नहीं हुआ था और जो आपके हित के पैसे खा रहे थे। जो बेटी पैदा नहीं हुई वो विधवा हो जाती थी, सरकार से पैसे मार लिए जाते थे। जो व्यक्ति पैदा नहीं हुआ, उसको बीमार दिखा करके रुपये मार लिए जाते थे।
साथिय़ों,
जब हमारी सरकार ने गरीबों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए काम किया, गरीब कल्याण की अनेक योजनाएं शुरू कीं, तो इसके नतीजे भी निकले हैं। हमारी सरकार के 9 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। ये आंकड़ा छोटा नहीं है, दस साल की तपस्या का परिणाम है। गरीबों के लिए जिंदगी खपाने के संकल्प का परिणाम है। और जब सच्ची इच्छा, निष्ठा, पवित्रता से काम करते हैं तो परिणाम भी अपनी आंखों के सामने दिखते हैं साहब। और इसके कारण बाकी साथियों को भी विश्वास मिला है, कि वे भी गरीबी को हरा सकते हैं।
साथियों,
देश के 25 करोड़ लोगों ने गरीबी को कैसे परास्त किया, ये देश के लोगों की बहुत बड़ी सफलता है। मैंने हमेशा कहा है कि गरीब को साधन-संसाधन मिलें तो उसमें इतना सामर्थ्य है कि वो गरीबी को परास्त कर देता है। इसलिए हमने देश के गरीबों को सुविधाएं दीं, साधन दिए और उनकी हर चिंता दूर करने का ईमानदारी से प्रयास किया। एक समय था जब गरीब की सबसे बड़ी चिंता थी, दो वक्त की रोटी। आज हमारी सरकार ने देश के गरीबों को मुफ्त राशन देकर उसे अनेक चिंताओं से मुक्त किया है...आधी रोटी खाकर नारे नहीं लगाएगा।
कोरोना के समय में शुरू की गई ये योजना अब अगले 5 साल तक के लिए बढ़ा दी गई है। और मैं देशवासियों को वादा देता हूं, मुझे संतोष है कि 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। और मुझे ये भी पता है कि आने वाले पांच साल..जो गरीबी से बाहर निकले हैं, उनको भी ताकत देते रहना पड़ेगा, ताकि कभी किसी कारण वो गरीबी में लौट न जाएं, फिर मुसीबत में फंस न जाएं। और इसलिए जो योजनाएं हैं ना, उसका फायदा भी उनको मिलते रहने वाला है। Actually उनको तो ज्यादा देना आज का मन करता है क्योंकि वो हिम्मत के साथ मेरे संकल्प को पूरा करने के लिए 25 करोड़ लोग...50 करोड़ भुजाएं आज मेरे साथी बन गए हैं।
और साथियों,
हमने सिर्फ मुफ्त राशन की व्यवस्था ही नहीं की, बल्कि राशन कार्ड से जुड़ी समस्या को भी हल किया। पहले एक जगह बना राशन कार्ड, दूसरे राज्य में चल ही नहीं पाता था। अगर कोई साथी काम के लिए दूसरे राज्य जाता था, तो वहां उसे राशन लेने में बहुत सी मुश्किलें आती थीं। हमने एक देश, एक राशनकार्ड की व्यवस्था बनाई। इससे एक राशनकार्ड पूरे देश में चलता है। अगर सोलापुर का व्यक्ति चेन्नई में जा करके कारोबार, रोजी-रोटी कमाता है तो राशनकार्ड नया नहीं निकालना पड़ेगा। चेन्नई में भी इसी राशनकार्ड से उसको अन्न मिलता रहेगा, और यही तो मोदी की गारंटी है।
साथियों,
हर गरीब की हमेशा से चिंता रही है कि वो अगर बीमार हो गया, तो फिर इलाज कैसे कराएगा। और गरीब परिवार में अगर एक बार बीमारी आ गई तो मेहनत करके गरीबी से बाहर निकलने की उसकी सारी बातें टूट जाती हैं, वो फिर से बीमारी के कारण गरीबी के अंदर फंस जाता है...पूरा परिवार फिर संकट में फंस जाता था। इसे समझते हुए हमारी सरकार ने 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा देने वाली आयुष्मान योजना शुरू की। आज इस योजना ने गरीबों के एक लाख करोड़ रुपए खर्च होने से बचाए हैं।
आप कल्पना कर सकते हैं अगर मैं एक लाख करोड़ रुपये की योजना घोषित तो पता नहीं छह-छह दिन तक अखबारों में हेडलाइन चलती रहती, टीवी में भी चमकता रहता। लेकिन ये मोदी की गारंटी की ताकत है...एक लाख करोड़ रुपया इस योजना ने आपकी जेब में बचा दिया और जिंदगी बच गई वो और आज सरकार पीएम जन औषधि केंद्रों पर 80 परसेंट डिस्काउंट पर दवाएं दे रही है। इससे भी गरीबों के 30 हजार करोड़ रुपए खर्च होने से बचे हैं। गरीब परिवार में बीमारी होने का एक बहुत बड़ा कारण गंदा पानी भी होता है। इसलिए हमारी सरकार आज जल जीवन मिशन चला रही है, हर घर को पानी के कनेक्शन से जोड़ रही है।
साथियों,
इन योजनाओं का लाभ पाने वालों में सबसे बड़ी संख्या पिछड़ों और जनजातीय समुदाय के लोगों की है। गरीब को पक्का घर मिले, शौचालय मिले, उसके घर में बिजली कनेक्शन हो, पानी हो, ऐसी सारी सुविधाएं...ये सच्चे अर्थ में सामाजिक न्याय की मोदी की गारंटी हैं। इसी सामाजिक न्याय का सपना संत रविदास जी ने देखा था। इसी भेदभाव रहित अवसर की बात कबीरदास जी ने कही थी। इसी सामाजिक न्याय का मार्ग ज्योतिबा फुले-सावित्री बाई फुले ने दिखाया था, बाबा साहेब आंबेडकर ने दिखाया था।
मेरे परिवारजनों,
गरीब से गरीब को भी आर्थिक सुरक्षा का कवच मिले, ये भी मोदी की गारंटी है। 10 वर्ष पहले तक गरीब परिवार जीवन बीमा के बारे में सोच भी नहीं सकता था। आज उसे 2-2 लाख रुपए तक के दुर्घटना और जीवन बीमा की सुरक्षा मिली है। ये बीमा सुरक्षा मिलने के बाद, ये आंकड़ा भी आपको प्रसन्न करेगा...16 हजार करोड़ रुपए उन गरीब परिवारों को मिले हैं जिनके परिवार में कोई मुसीबत आ गई और ये बीमा के रूप में उनके खातों में ट्रांसफर किए गए।
साथियों,
आज मोदी की गारंटी, सबसे अधिक उनके काम आ रही है जिनके पास बैंक को गारंटी देने के लिए कुछ नहीं था। यहां इस सभा में भी अनेक साथी ऐसे हैं, जिनके पास 2014 तक एक बैंक खाता तक नहीं था। जब बैंकों में खाता ही नहीं था, तो उन्हें बैंकों से लोन कैसे मिलता? जनधन योजना चलाकर हमारी सरकार ने 50 करोड़ गरीबों को देश की बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा। आज यहां पीएम स्वनिधि के 10 हज़ार लाभार्थियों को भी बैंकों से मदद दी गई है...और कुछ टोकन मुझे यहां देने का अवसर मिला है।
देशभर में रेहड़ी-फुटपाथ पर छोटे-छोटे काम करने वाले लोग...सब्जी बेचने के लिए अपनी सोसायटी में आ करके सब्जी बेचने वाले लोग, दूध बेचने वाले लोग, अखबार बेचने वाले लोग, रास्ते पर खड़े रह करके खिलौने बेचने वाले लोग, फूल बेचने वाले लोग…ऐसे लाखों साथियों को पहले किसी ने पूछा नहीं था। और जिनको किसी ने पूछा नहीं, मोदी ने उसको पूजा है। आज मोदी ने पहली बार इन्हें पूछा है, इनकी मदद के लिए आगे आया है। इन साथियों को पहले बाज़ार से महंगे ब्याज़ पर ऋण लेना पड़ता था, क्योंकि इनके पास बैंक को देने के लिए गारंटी नहीं थी। मोदी ने इनकी गारंटी ली...मैंने बैंकों से कहा, ये मेरी गारंटी है, इनको पैसे दीजिए, ये गरीब लोग लौटा देंगे...मेरा गरीब पर भरोसा है। और आज बिना गारंटी के ये रेहड़ी-पटरी वाले लोगों को बैंक से लोन मिल रहा है। ऐसे साथियों को अभी तक हज़ारों करोड़ रुपए की मदद दी गई है।
मेरे परिवारजनों,
सोलापुर तो उद्योगों का शहर है, मेहनतकश मज़दूर भाई-बहनों का शहर है। यहां निर्माण कार्य से, छोटे और लघु उद्योगों से अनेक साथी जुड़े हुए हैं। सोलापुर के वस्त्रोद्योग की पहचान तो देश और दुनिया में है। सोलापुरी चादर के बारे में कौन नहीं जानता? देश में यूनिफॉर्मस का काम करनेवाली MSMEs का सबसे बड़ा cluster सोलापुर में है। मुझे बताया गया है कि यहां विदेशों से भी बड़ी संख्या में यूनिफॉर्म्स के ऑर्डर आते हैं।
साथियों,
कपड़े सिलने का ये काम तो अनेक पीढ़ियों से चल रहा है। पीढ़ियां बदलीं, फैशन बदले, लेकिन क्या किसी ने कपड़े सिलने वाले साथियों के बारे में कभी सोचा था क्या? मैं इन्हें अपना विश्वकर्मा साथी मानता हूं। ऐसे हर विश्वकर्मा साथियों का जीवन बदलने के लिए हमने पीएम विश्वकर्मा योजना बनाई है। और कभी-कभी आप मेरी जैकेट देखते हैं ना, उसमें से कुछ जैकेट ये सोलापुर से मेरा एक साथी बना करके मुझे भेजता है। मेरे मना करने पर भी भेजता रहता है। एक बार तो मैंने उसको फोन करके बहुत डांटा...भई तुम मुझे मत भेजो। बोला नहीं साहब, वो आज भी मुझे मिल गया, बल्कि...मैं लेकर आया हूं।
साथियो,
ये विश्वकर्मा योजना के तहत इन साथियों को ट्रेनिंग दी जा रही है, आधुनिक उपकरण दिए जा रहे हैं। अपना काम आगे बढ़ाने के लिए इन्हें बैंकों से बिना गारंटी दिए लाखों रुपए का ऋण भी मिल रहा है। इसलिए, मैं सोलापुर के सभी विश्वकर्मा साथियों से कहूंगा कि इस योजना से आप भी तेज़ी से जुड़िए। आजकल तो विकसित भारत संकल्प यात्रा गांव-गांव, मोहल्ले-मोहल्ले पहुंच रही है। इसमें मोदी की गारंटी वाली गाड़ी है। इसमें आप पीएम विश्वकर्मा सहित सरकार की हर योजना से जुड़ सकते हैं।
मेरे परिवारजनों,
विकसित भारताच्या निर्मितीसाठी आत्मनिर्भर भारत बनणे जरुरीचे आहे. विकसित भारत के निर्माण के लिए आत्मनिर्भर भारत बनाना ज़रूरी है। और आत्मनिर्भर भारत बनाने में हमारे छोटे, लघु और कुटीर उद्योगों की बहुत बड़ी भागीदारी है। इसलिए, केंद्र सरकार, MSMEs को, छोटे उद्योगों को लगातार बढ़ावा दे रही है। कोरोना काल में जब MSMEs पर संकट आया तो, सरकार ने इन्हें लाखों करोड़ रुपए की मदद दी थी। इससे लघु उद्योगों में बड़ी संख्या में रोज़गार खत्म होने से बच पाए।
आज सरकार देश के हर जिले में वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना भी चला रही है। वोकल फॉर लोकल का अभियान भी आज हमारे छोटे उद्योगों के प्रति जागरूकता बढ़ा रहा है। आज जिस प्रकार दुनिया में भारत की साख बढ़ रही है, उससे मेड इन इंडिया उत्पादों के लिए भी संभावनाएं बढ़ रही हैं। केंद्र सरकार के इन सारे अभियानों का लाभ, सोलापुर के लोगों को हो रहा है, यहां के उद्योगों को हो रहा है।
मेरे परिवारजनों,
हमारी केंद्र सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारत भी दुनिया की टॉप तीन अर्थव्यवस्था में शामिल होने वाला है। मैंने देशवासियों को गारंटी दी है कि आने वाली मेरी टर्म में मैं पहले तीन देशों में दुनिया में भारत को ला करके खड़ा करूंगा...ये मोदी ने गारंटी दी है। और आपके भरोसे मुझे लगता है मेरी ये गारंटी पूरी होगी। आपके आशीर्वाद की ताकत है। अर्थव्यवस्था के इस विस्तार में सोलापुर जैसे महाराष्ट्र के हमारे अनेक शहरों की बड़ी भूमिका है।
डबल इंजन की सरकार इसलिए इन शहरों में पानी और सीवेज जैसी सुविधाओं को लगातार बेहतर बना रही है। शहरों को अच्छी सड़कों, रेलवे और हवाई मार्ग से जोड़ने का काम तेज़ गति से चल रहा है। संत ज्ञानेश्वर महाराज पाल्खी मार्ग हो, या संत तुकाराम पाल्खी मार्ग हो, इन पर भी तेज़ी से काम जारी है। रत्नागिरी, कोल्हापुर और सोलापुर के बीच फोर लेन हाईवे का काम भी जल्द ही पूरा होगा। आप सभी परिवारजनों ने ऐसे ही विकास के लिए हम सभी को बहुत आशीर्वाद दिया है।
ये आशीर्वाद ऐसे ही बना रहे, इसी विश्वास के साथ साथियों जिनको आज अपना पक्का घर मिला है, उन्हें फिर से बधाई। मेरे साथ बोलिए, दोनों हाथ ऊपर करके बोलिए-
भारत माता की - जय…आवाज पूरे महाराष्ट्र में पहुंचनी चाहिए-
भारत माता की – जय
भारत माता की – जय
भारत माता की – जय
ये जो आप जयकारा बुला रहे हैं ना...ये जयकारा देश के हर गरीब में नया विश्वास पैदा करने की ताकत रखता है।
बहुत-बहुत धन्यवाद।
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