आईआईएसएफ 2023 में विज्ञान साहित्य महोत्सव - विज्ञानिका का आयोजन होगा: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
नई दिल्ली (PIB): भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव – आईआईएसएफ 2023 में विज्ञान साहित्य महोत्सव – विज्ञानिका का आयोजन होगा। इसका प्राथमिक उद्देश्य भारत की वैज्ञानिक शक्ति को प्रदर्शित करना और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उपलब्धियों के प्रभावी संचार के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार करना है। यह कार्यक्रम 18 और 19 जनवरी, 2024 को हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित रीजनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी (आरसीबी) - ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (टीएचएसटीआई) के परिसर में आयोजित होने जा रहा है। इसका समन्वय सीएसआईआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस कम्युनिकेशन एंड पॉलिसी रिसर्च (एनआईएससीपीआर), नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन-इंडिया (एनआईएफ) और विज्ञान भारती (वीआईबीएचए) करेंगे।
18 जनवरी, 2024 को शुरू होने वाले इस कार्यक्रम के नियोजित सत्रों में ‘‘भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी तक सार्वजनिक पहुंच’’ विषय पर एक वैज्ञानिक सत्र शामिल है। इसकी अध्यक्षता आईआईटी बॉम्बे के वरिष्ठ प्रोफेसर बी एन जगताप करेंगे। इस सत्र को संबोधित करने वाले विशेषज्ञों में इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी (आईसीजीईबी) के पूर्व निदेशक डॉ. दिनाकर एम. सालुंके, नेशनल ब्यूरो ऑफ प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेज (एनबीपीजीआर) के पूर्व निदेशक प्रोफेसर केसी बंसल, और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली के प्रोफेसर (डॉ.) उमा कुमार शामिल होंगे।
इस दौरान “अपनी भाषा अपना विज्ञान: भारतीय भाषाओं में विज्ञान संचार को सुदृढ़ बनाना” विषय पर एक पैनल चर्चा होगी। इसकी अध्यक्षता श्री चामू कृष्ण शास्त्री, पद्मश्री, अध्यक्ष-भारतीय भाषा समिति करेंगे। हिंदी, पंजाबी, मणिपुरी, तमिल, असमिया और मलयालम में विज्ञान संचारक अपने विचार साझा करेंगे।
लोकप्रिय विज्ञान लेखन पर एक कार्यशाला की भी योजना बनाई गई है जिसका संचालन सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के पूर्व मुख्य वैज्ञानिक श्री हसन जावेद खान और अग्रणी विज्ञान संचारक डॉ. एचएस सुधीरा करेंगे। ‘‘भारत में विज्ञान संचार: वर्तमान रुझान, अवसर और चुनौतियां’’ विषय पर एक वैज्ञानिक सत्र की योजना बनाई गई है जहां चयनित प्रतिभागी अपने शोध-पत्र प्रस्तुत करेंगे। होमी भाभा सेंटर फॉर साइंस एजुकेशन (एचबीसीएसई) के डॉ. पीके जोशी इस सत्र की अध्यक्षता करेंगे।
इस कार्यक्रम में कला और विज्ञान के संगम वाला सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होगा। इसमें एक विज्ञान नाटक भी दिखाया जाएगा।
कार्यक्रम के दूसरे दिन (19 जनवरी 2024) का पहला सत्र ‘‘फिल्मों, पॉडकास्ट और सोशल मीडिया के माध्यम से रचनात्मक विज्ञान संचार - पहुंच को बढ़ाना’’ विषय पर एक पैनल चर्चा है। स्कूली छात्रों के लिए चित्रकला और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता की भी योजना बनाई गई है।
उसी दिन दूसरी पैनल चर्चा ‘‘पारंपरिक ज्ञान अनुसंधान और संचार में चुनौतियां’’ विषय पर है। डेक्कन कॉलेज के पूर्व वीसी प्रोफेसर वसंत शिंदे इस सत्र की अध्यक्षता करेंगे। इसमें विज्ञान कवि सम्मेलन का भी आयोजन होगा। इसकी अध्यक्षता राष्ट्रीय बाल भवन की पूर्व निदेशक डॉ. मधु पंत करेंगी।
शाम को समापन सत्र के बाद ‘‘वसुधैव कुटुंबकम के लिए विज्ञान संचार’’ पर एक विशेष सत्र की योजना बनाई गई है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त लेखक श्री मार्क प्रेंस्की और यायासन इनोवासी मलेशिया (वाईआईएम) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शर्मिला बिनती मोहम्मद सलेह के सत्र में भाग लेने की उम्मीद है।
सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर से डॉ. परमानंद बर्मन और डॉ. मोनिका जग्गी, एनआईएफ से डॉ. नितिन मौर्य और राहुल प्रकाश तथा विभा से डॉ. माधव गोविंद और डॉ. नील सरोवर भावेश विज्ञानिका 2023 के समन्वयक हैं।
सीएसआईआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस कम्युनिकेशन एंड पॉलिसी रिसर्च (एनआईएससीपीआर) में साइंस मीडिया कम्युनिकेशन सेल (एसएमसीसी) इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आईआईएसएफ) 2023 के मीडिया प्रचार का समन्वय और सुविधा प्रदान कर रहा है। एसएमसीसी का मुख्य उद्देश्य भारत की अनुसंधान एवं विकास सफलताओं और वैज्ञानिक उपलब्धियों का मीडिया के विभिन्न मंचों पर प्रसार करना और प्रदर्शित करना है।
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