उम्रेदराज से मांगकर लाये थे 4 दिन। दो (2 दिन) टिकिट लेने में कट गये----दो कैंसिलेशन में ... रघु ठाकुर
आज नयी दिल्ली से शताब्दी एक्सप्रेस बिना सूचना रद्द - "रेलवे की शताब्दी के 01 घंटे से अधिक लेट होने की सूचना यात्रिओं को SMS से देने की योजना शुरू होते ही फुस्स"
लोकतान्त्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रिय संरक्षक -रघु ठाकुर ने अपनी वेदना कुछ इस प्रकार ब्यक्त की___
उम्रेदराज से मांगकर लाये थे 4 दिन।
दो (2दिन) टिकिट लेने में कट गये----दो कैंसिलेशन में। ...... रघु ठाकुर
आज नयी दिल्ली से शताब्दी एक्सप्रेस बिना सूचना रद्द होने से "रेलवे की शताब्दी के 01 घंटे से अधिक लेट होने की सूचना SMS से यात्रिओं को देने की योजना शुरू होते ही फुस्स हो गयी "
लोकतान्त्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष - सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव ने लोकलुभावन नयी रेल चलाने की घोषणा और 01 घंटे से अधिक लेट होने की सूचना SMS से यात्रिओं को देने की योजना की निंदा करते हुए कहा कि, बिना सूचना शताब्दी रद्द होने तथा आये दिन ट्रेन कैंसिल होने से प्रतिदिन हज़ारों रेल यात्री परेशां हो रहे हैं परन्तु सरकार और रेल मंत्रालय कमीशनखोरी और लोकलुभावन नयी रेल चलाने की घोषणा के चक्कर में और अपने आकाओं को खुश करने में लगे हैं.
पार्टी के राष्ट्रिय संरक्षक -रघु ठाकुर ने अपनी वेदना ब्यक्त करते हुए कहा कि,
उम्रेदराज से मांगकर लाये थे 4 दिन।
2 टिकिट लेने में कट गये---- 2 कैंसिलेशन में।।
आज जब लोकतान्त्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रिय संरक्षक - रघु ठाकुर स्वतंत्र भारत न्यूज़ से वार्ता कर रहे थे तो वे बहुत ही ब्यथित नज़र आये.
श्री ठाकुर ने वार्ता के दौरान कहा कि, भारतीय रेल का क्या कहा जाये। आज कानपुर शताब्दी से इटावा जाना था। न अखबारों में सूचना न मीडिया में। जब गाड़ी पकड़ने मैं नई दिल्ली स्टेशन पहुंचा तो मालूम हुआ कि "गाड़ी ही रद्द हो गई है"। इटावा के साथी बहुत दुखी व हताश हुये पर क्या किया जाये ?- अभी कुछ देर पूर्व एक मित्र ब्रजेश जी ने बताया कि उनके आयकर रिटर्न में दो रुपये कम पाये गये तो विभाग ने उन्हें रजिस्टर्ड पत्र भेजा फिर आज याद कराने को सन्देश भेजा। याने लगभग 26 /= रुपये, दो रुपये की वसूली के लिए खर्च दिये। क्या रेलवे यात्रियों को एस एम एस नहीं भेज सकती थी कि यात्री अपनी आवश्यकता के अनुसार यात्रा का पुनरसमयोजन कर सके। मुश्किल से 5घण्टे की कानपुर यात्रा है, वह भी दिन में जब कोहरा नही था। क्या कभी रेलमंत्री उन हजारों लाखों यात्रियों की पीड़ा समझेंगे जो सपरिवार गाड़ी के इंतजार में पुल से लेकर प्लेटफार्म तक बिखरे पड़े हैं। और अभी अभी रेल ने शताब्दी ट्रेनों के यात्रिओं के लिए 01 घंटे से अधिक लेट होने पर सूचना SMS से भेजने कि नयी योजना कि घोषणा कि थी परन्र्तू पहले- दूसरे दिन ही योजना फ़ैल हो गयी. यह रेलवे का अजीबोगरीब कथन है कि या तो सेफ्टी लो या फिर विलम्ब। प्रधानमंत्री जी को भी इन हालात पर विचार करना चाहिए।
क्या प्रधान मंत्री और रेल मंत्री चल रही ट्रैन और रेल यात्रिओं कि तरफ अब भी ध्यान देंगे और क्या रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष इस बेपटरी रेल को पटरी पर ला पाएंगे या अन्य अध्यक्षों की तरह अपने आकाओं को ही खुश करने और नयी घोषणाओं में लगे रहेंगे. उम्मीद है कि रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष नयी लोकलुभावन घोषणाओं पर तुरंत बिराम लगाएंगे और अधोसंरचना को चुस्त दुरुस्त करने के लिए आवश्यक लगभग 20 लाख रेल कर्मचारिओं कि भर्ती कर और कारखानों को व् पटरी को दुरुस्त कर रेल समय से चलाएंगे.
संपादक - swatantrabharatnews.com