वित्तीय वर्ष 2023-24 की दूसरी छमाही के लिए सरकार की उधारी योजना: वित्त मंत्रालय
नई-दिल्ली (PIB): वित्त मंत्रालय ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि, भारत सरकार ने भारतीय रिज़र्व बैंक से परामर्श करके वित्तीय वर्ष 2023-24 की दूसरी छमाही के लिए अपने उधार कार्यक्रम को निर्धारित कर लिया है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अनुमानित 15.43 लाख करोड़ रुपये की सकल बाजार उधारी में से, भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 की दूसरी छमाही में 6.55 लाख करोड़ रुपये (15.43 लाख करोड़ रुपये का 42.45 प्रतिशत) की शेष राशि को दिनांकित प्रतिभूतियों के जरिए उधार लेने का निर्णय लिया है, जिसमें सॉवरिन ग्रीन बॉन्ड जारी करके 20,000 करोड़ रुपये जुटाना शामिल हैं। लंबी अवधि की प्रतिभूतियों की बाजार मांग की प्रतिक्रिया में पहली बार 50 वर्ष की अवधि की प्रतिभूति जारी की जाएगी।
6.55 लाख करोड़ रुपये की सकल बाजार उधारी 20 साप्ताहिक नीलामियों के जरिए पूरी की जाएगी। ये बाज़ार उधारी 3, 5, 7, 10, 14, 30, 40 और 50 वर्ष की अवधि की प्रतिभूतियों में फैली होगी। विभिन्न परिपक्वता अवधियों के अंतर्गत उधारी का हिस्सा (सॉवरिन ग्रीन बॉन्ड सहित) इस प्रकार होगा: 3 वर्ष (6.11 प्रतिशत), 5 वर्ष (11.45 प्रतिशत), 7 वर्ष (9.16 प्रतिशत), 10 वर्ष (22.90 प्रतिशत), 14 वर्ष (15.27 प्रतिशत), 30 वर्ष (12.21 प्रतिशत), 40 वर्ष (18.32 प्रतिशत) और 50 वर्ष (4.58 प्रतिशत)।
सरकार रिडेंप्शन प्रोफ़ाइल को सुचारू बनाने के लिए प्रतिभूतियों में स्विच करना जारी रखेगी। 1,00,000 करोड़ रुपये की बजट अनुमान स्विच राशि में से 51,597 करोड़ रुपये की स्विच नीलामी पहले ही आयोजित की जा चुकी है और शेष राशि की स्विच नीलामियां दूसरी छमाही में आयोजित की जाएगी।
सरकार नीलामी अधिसूचना में दर्शाई गई प्रत्येक प्रतिभूति के सामने 2,000 करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त सब्सक्रिप्शन बनाए रखने के लिए ग्रीनशू विकल्प का प्रयोग जारी रखेगी।
वित्तीय वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में ट्रेजरी बिलों को जारी करके 24,000 करोड़ रुपये की साप्ताहिक उधारी प्राप्त होने की उम्मीद है और इस तिमाही के दौरान शुद्ध उधारी (-)52,000 करोड़ रुपये है। इस तिमाही के दौरान होने वाली प्रत्येक नीलामी में 91 डीटीबी के अंतर्गत 7,000 करोड़ रुपये, 182 डीटीबी के अंतर्गत 8,000 करोड़ रुपये और 364 डीटीबी के अंतर्गत 9,000 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे।
सरकारी खातों में अस्थायी विसंगतियों को ठीक करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय वर्ष 2023-24 की दूसरी छमाही के लिए अर्थोपाय अग्रिम (डब्ल्यूएमए) की सीमा 50,000 करोड़ रुपये तय की है।
वित्त मंत्रालय ने विज्ञप्ति में बताया है कि, अधिक विवरण वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइटों पर उपलब्ध विस्तृत प्रेस विज्ञप्ति में देखा जा सकता है।
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