LIVE VIDEO: ७६ वें स्वाधीनता दिवस के पूर्व संध्या के अवसर पर 'देवासियों के नाम सन्देश का लाइव वीडियो जारी किया', समतामूलक समाज निर्माण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सच्चिदानन्द श्रीवास्तव ने
लखख्नऊ: १४ अगस्त को ७६ वें स्वाधीनता दिवस के पूर्व संध्या के अवसर पर समतामूलक समाज निर्माण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सच्चिदानन्द श्रीवास्तव ने देवासियों के नाम सन्देश का लाइव वीडियो जारी किया।
लाइव वीडियो द्वारा देशवासियों के नाम जारी सन्देश को उन्होंने सोशल मीडिया पर जारी करते हुए कहा कि, मैं सच्चिदानंद श्रीवास्तव समतामूलक समाज निर्माण मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष, आज ७६ वें स्वाधीनता दिवस के पूर्व संध्या के अवसर पर आप सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई देता हूँ।
आज आपसे कहना चाहता हूँ कि, आज का दिन वह काला दिन है जब संपूर्ण भारत का विभाजन हुआ था। आज के दिन ही अंग्रेजों ने आर्थिक आतंकवाद का बीज बो दिया था।
हम लोग कल स्वाधीनता दिवस पूरे जोश और उल्लास से मनाने वाले हैं और ७६वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। आज मैं साथियों आपसे कहना चाहूंगा कि, हमें ऐसे अमृत महोत्सव वाला देश नहीं चाहिए, जहां गन्ने से चीनी बनाने के स्थान पर सत्ता और सत्ताधीश किसानों का आह्वाहन करते हैं - एथेनॉल (कच्ची शराब) बनाने का। आज हमें वो देश नहीं चाहिए - जहां गली-गली में शराब की दुकान हो।
आज हम ऐसे भारत के निर्माण के लिए आपका आह्वाहन करना चाहते हैं, जो स्वामी विवेकानंद के सपनों का भारत हो, जो राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के सपनों का भारत हो।
आइये,
आज ७६वें स्वाधीनता दिवस के पूर्व संध्या पर हमारे साथ आप सभी संकल्प लीजिये कि, हम स्वामी विवेकानंद का भारत - राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के सपनों का भारत - ऐसे भारत के लिए कोशिस करेंगे जिसमें गरीब लोग भी यह महसूस करेंगे कि, यह उनका देश है।
हम ऐसे भारत का निर्माण करेंगे जिसमें उनकी आवाज का महत्व होगा, गरीब हो या अमीर - कोई भेद नहीं होगा।
मैं नहीं, हम-सब मिलकर ऐसे भारत के लिए कोशिस करेंगे, जिसमें उच्च और निम्न वर्ग का कोई भेद नहीं होगा और जिसमें विविध सम्प्रदायों में पूरा मेल-जोल होगा, सौहार्दयपूर्ण वातावरण होगा। ऐसे भारत में अस्पृश्यता या शराब या नशीली पदार्थों का - नशीली चीजों का जो इस देश के लिए, इस मातृभूमि के लिए, जो यहां के नागरिकों के लिए अभिशाप है, उसका कोई स्थान नहीं होगा, इन्हें हम उखाड़ फेकेंगे।
आज ऐसे भारत का हम निर्माण करेंगे, जहां स्त्रियों को वही अधिकार होंगे जो अधिकार पुरुषों को होंगे।
आज सारी दुनिया से हमारा सम्बन्ध शांति का होगा और यही स्वामी विवेकानंद के / राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों का भारत था और इसी सपनों के भारत का हम सब निर्माण करेंगे,
आइये, हम सब संकल्प लेते हैं। और इसी के साथ हम सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई देते हैं, शुभकामना देते हैं और विश्वास करते हैं कि, आप सभी इस संकल्प को हम-सब के साथ पूरा अवश्य करेंगे।
जय हिन्द।