केन्द्रीय बजट 2021-22 की मुख्य बातें (भाग- 2): वित्त मंत्रालय
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- प्रवासी कामगार और मजदूर
- देश में कहीं भी राशन का दावा करने के लिए लाभार्थियों के लिए वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना-इसका प्रवासी कामगारों ने सबसे अधिक लाभ उठाया है
- योजना लागू होने से अब तक 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 86 प्रतिशत लाभार्थियों को शामिल किया गया
- बकाया 4 राज्य भी अगले कुछ महीनों में इसमें एकीकृत हो जाएंगे
- गैर संगठित मजदूरों, प्रवासी कामगारों विशेष रूप से इनके लिए सहायता प्रदान करने वाली योजनाओं को तैयार करने के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए पोर्टल
4 श्रम संहिताओं को लागू करने की प्रक्रिया जारी
- नावों और प्लेटफॉर्मो पर काम करने वाले मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा का लाभ
- सभी श्रेणि के मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी की व्यवस्था लागू होगी और उनको कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अंतर्गत लाया जाएगा
- महिला कामगारों को सभी श्रेणियों में काम करने की इजाजत होगी, जिसमें वह रात्रि पाली में भी काम कर सकेंगी और उन्हें पूरी सुरक्षा प्रदान की जाएगी
- नियोजकों पर पड़ने वाले अनुपालन भार को भी कम किया जाएगा और उनको सिंगल रजिस्ट्रेशन और लाइसेंसिंग का लाभ दिया जाएग, जिससे वे अपना रिटर्न ऑनलाइन भर सकेंगे
वित्तीय समायोजन
- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के लिए चलाई गई स्टैंडअप इंडिया स्कीम
- मार्जिंन मनी को घटाकर 15 प्रतिशत किया गया
- इसमें कृषि से संबंधित क्रियाकलापों के लिए दिये जाने वाले ऋणों को शामिल किया जाए
- एमएसएमई क्षेत्र के लिए बजट में 15700 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है, जोकि इस वर्ष के बजट अनुमान का दोगुना है।
4. मानव पूंजी का पुनः शक्तिवर्धन
विद्यालय शिक्षा
15,000 से अधिक विद्यालयों में गुणवत्ता की दृष्टि से सुधार किया जाएगा ताकि वहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी घटकों का अऩुपालन हो सके। वह अपने-अपने क्षेत्र में एक उदाहरणपरक विद्यालय के रुप में उभर कर आएंगे और अन्य विद्यालयों को भी सहारा देंगे।
गैर-सरकारी संगठनों / निजी स्लूकों / राज्यों के साथ भागीदारी में 100 नए सैनिक स्कूल स्थापित किए जाएंगे।
उच्चतर शिक्षा
भारतीय उच्चतर शिक्षा आयोग गठित करने को लेकर इस वर्ष विधान पेश किया जाएगा। यह एक छत्रक निकाय होगा जिसमें निर्धारण, प्रत्यायन, विनियमन, और फंडिग के लिए चार अलग-अलग घटक होंगे।
सभी सरकारी कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों द्वारा कई शहरों में छत्रक संरचनाओँ की स्थापना की जाएगी, जिससे बेहतर समन्वय हो सके।
इस उद्देश्य के लिए एक ग्लू ग्रांट अलग से रखा जाएगा।
लद्दाख में उच्च शिक्षा तक पहुंच बनाने के लिए लेह में केन्द्रीय विश्व विद्यालय स्थापना की जाएगी।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण
जनजातीय क्षेत्रों में 750 एक्लव्य मॉडल रिहायशी स्कूलों की स्थापना करने का लक्ष्य।
ऐसे स्कूलों की इकाई लागत को बढ़ाकर 38 करोड़ रुपये करना।
पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों के लिए इसे बढ़ाकर 48 करोड़ रुपये करना।
जनजातीय विद्यार्थियों के लिए अवसंरचना सुविधा को पैदा करने पर ध्यान देना।
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- अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना पुनः प्रारंभ की गई
- 2025-2026 तक 6 वर्षों के लिए 35,219 करोड़ रुपए की केन्द्रीय सहायता में वृद्धि की गई
- इससे 4 करोड़ अनुसूचित जाति के छात्रों को लाभ मिलेगा
- अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना पुनः प्रारंभ की गई
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- कौशल
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- युवाओं के लिए अवसरों को बढ़ाने के लिए अप्ररैन्टिसशिप अधिनियम में सुधार का प्रस्ताव दिया
- अभियांत्रिकी में स्नातकों और डिप्लोमा धारकों की शिक्षा-उपरांत अप्ररैन्टिसशिप, प्रशिक्षण की दिशा में मौजूदा राष्ट्रीय अप्ररैन्टिसशिप प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) के पुनर्सृजन के लिए 3,000 करोड़ रूपए
- कौशल में अन्य देशों के साथ साझेदारी की पहलों को आगे बढ़ाया जाएगा। जिस तरह की साझेदारी इन देशों के साथ की गई हैः
- संयुक्त अरब अमीरात के साथ कौशल योग्यता, मूल्याँकन, प्रमाणीकरण और प्रमाणित श्रमिकों की तैनाती
- जापान के साथ कौशल, तकनीक और ज्ञान के हस्तांतरण के लिए सहयोगपूर्ण अंतर-प्रशिक्षण कार्यक्रम (टीआईटीपी)
5. नवोन्मेष और अनुसंधान और विकास
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- राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के लिए जुलाई 2019 में एक कार्यप्रणाली तैयार की गई थी।
- पाँच वर्ष में 50,000 करोड़ रुपए का परिव्यय
- संपूर्ण अनुसंधान व्यवस्था को मजबूत करना और राष्ट्रीय प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रति करना
- भुगतान के डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने की प्रस्तावित योजना के लिए 15,00 करोड़ रुपए
- प्रमुख भारतीय भाषाओं में शासन और नीति से संबंधित ज्ञान को उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन (एनटीएलएम) की शुरूआत की पहल
- न्यू स्पेश इंडिया लिमिटेड द्वारा पीएसएलवी-सीएस51 को छोड़ा जाएगा जो अपने साथ ब्राजील के अमेज़ोनिया उपग्रह और कुछ भारतीय उपग्रहों को ले जाएगा
- गगनयान मिशन गतिविधियों के तहत-
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- चार भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को रूस में जैनरिक स्पेस फ्लाइट के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है
- पहला मानवरहित प्रक्षेपण दिसंबर 2021 में होगा
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- गहरे महासागर मिशन सर्वैक्षण अन्वेषण और गहरे महासागर की जैव विविधता के संरक्षण के लिए पाँच वर्षों में 4,000 करोड़ रूपए की व्यवस्था की गई है
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6. न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन
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- तेजी से न्याय सुनिश्चित करने के लिए, ऩ्यायाधिकरणों में सुधार लाने के उपाय
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राष्ट्रीय संबंद्ध स्वास्थ्यदेखभाल व्यवसायी आयोग का पहले ही प्रस्ताव किया जा चुका है ताकि 56 संबंद्ध स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों की पारदर्शिता और दक्षता पर नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सके।
- राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवायफरी आयोग विधेयक नर्सिंग व्यवसाय में पारदर्शिता और प्राशसनिक सुधार के लिए प्रस्तुत किया गया
- सीपीएसई के साथ अनुबंध विवाद के तुरंत निपटारे के लिए विवाद निपटान तंत्र का प्रस्ताव
- भारत के इतिहास में पहली डिजिटल जनगणना के लिए 3,768 करोड़ रुपये आवंटित
- पुर्तगाल से गोवा राज्य की स्वतंत्रता की हीरक जयंती समारोह मनाने के लिए गोवा सरकार को 300 करोड़ रुपये का अनुदान
- असम और पश्चिम बंगाल में चाय बगान कामगारों विशेष रूप से महिला और उनके बच्चों की कल्याण के लिए विशेष योजना के लिए 1000 करोड़ रुपये का आवंटन
राजकोषीय स्थिति
मूल बजट अनुमान 2021-22 |
मूल अनुमान 2020-21 |
बजट अनुमान 2021-22 |
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व्यय |
30.42 लाख करोड़ रुपये |
34.50 लाख करोड़ रुपये |
34.83 लाख करोड़ रुपये |
पूंजीगत व्यय |
4.12 लाख करोड़ रुपये |
4.39 लाख करोड़ रुपये |
5.5 लाख करोड़ रुपये |
राजकोषीय घाटा (जीडीपी का प्रतिशत) |
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9.5 प्रतिशत |
6.8 प्रतिशत |
- 30.42 लाख करोड़ रुपये के वास्तविक बजट अनुमान व्यय की अपेक्षा व्यय के लिए मूल अनुमान 34.50 लाख करोड़ रुपये है।
- व्यय की गुणवत्ता बरकरार रखी गई है, जबकि कैपिटल व्यय का अनुमान 2020-21 के बजटीय अनुमान के अनुसार 4.12 लाख करोड़ रुपये की अपेक्षा 2020-21 में वास्तविक अनुमान के अनुसार 4.39 लाख करोड़ रुपये हैं।
- 2021-22 के बजट अनुमान में अनुमानित व्यय 34.83 लाख करोड़ रुपये रखा गया है, इसमें 5.5 लाख करोड़ रुपये कैपिटल व्यय के लिए शामिल है और अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए 34.5 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
- 2021-22 के बजट अनुमान में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.8 प्रतिशत अनुमानित है। सरकार की उधारी, बहुपक्षीय उधारी, लघु बचत कोष और लघु अवधि की उधारी से प्राप्त धन के कारण 2020-21 के वास्तविक अनुमान के अनुसार राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 9.5 प्रतिशत हो गया है।
- अगले वर्ष के लिए बाजार से सकल उधारी लगभग 12 लाख करोड़ रुपये रखे गए है।
- 2025-26 तक राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत तक करने के लिए राजकोषीय संकोचन के मार्ग पर अग्रसर होने की योजना है।
- यह लक्ष्य उचित समाधान के द्वारा कर से प्राप्त आय में वृद्धि और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और भूमि सहित परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण से हासिल किया जाएगा।
- इस वर्ष अभूतपूर्व परिस्थितियों को देखते हुए एफआरबीएम अधिनियम के भाग 4(5) और 7(3) (बी) के अंतर्गत विचलन विवरणी प्रस्तुत की गई।
- लक्षित राजकोषीय घाटा स्तर हासिल करने के लिए एफआरबीएम अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव।
- वित्त विधेयक के माध्यम से भारत के फुटकर व्यय कोष को 500 करोड़ रुपये बढ़ाकर 30,000 करोड़ रुपये किया गया।
राज्यों की कुल उधारीः
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- 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार वर्ष 2021-22 के दौरान राज्यों को जीएसडीपी के 4 प्रतिशत कुल उधारी प्राप्त करने की मंजूरी।
- इसके हिस्से के तहत पूंजीगत व्यय में वृद्धि
- कुछ शर्तों के साथ जीएसडीपी का 0.5 प्रतिशत अतिरिक्त उधारी की सीमा प्रदान की गई
- 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार वर्ष 2021-22 के दौरान राज्यों को जीएसडीपी के 4 प्रतिशत कुल उधारी प्राप्त करने की मंजूरी।
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- 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार राज्यों का 2023-24 तक राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3 प्रतिशत तक लाना।
15वां वित्त आयोगः
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- 2021-26 के लिए अंतिम रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी गई, राज्यों के सीधे शेयर 41 प्रतिशत पर रखे गए।
- केन्द्र से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केन्द्र शासित प्रदेशों को धन उपलब्ध कराया जाएगा।
- आयोग की सिफारिश के अनुसार वर्ष 2020-21 में 14 राज्यों को राजस्व हानि अनुदान के रूप में 74340 करोड़ रुपये की अपेक्षा 2021-22 में 17 राज्यों को 118452 करोड़ रुपये दिए गए।
कर प्रस्तावः
निवेश बढ़ाने और रोजगार सृजत करने के साथ-साथ करदाताओं पर बोझ करने के उद्देश्य से पारदर्शी और उचित कर प्रणाली का दृष्टिकोण।
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- प्रत्यक्ष कर
उपलब्धियाः
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- कॉरपोरेट कर की दर कम कर विश्व में सबसे कम स्तर पर लाया गया
- छोटे करदाताओं पर कर का भार करने के लिए छूट में वृद्धि कम की गई
- 2014 में आयकर दाखिल करने वालों की संख्या 3.31 करोड़ से बढ़कर 2020 में 6.48 करोड़ हुई
- फेसलेस निर्धारण और फेसलेस अपील की शुरूआत
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वरिष्ठ नागरिकों को राहतः
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- बजट में 75 वर्ष की आयु और उससे अधिक के वरिष्ठ नागरिकों को आयकर दाखिल करने से राहत प्रदान की गई है। भुगतान करने वाला बैंक उनकी आय से आवश्यक कर की कटौती करेगा।
विवादों को कम करना, समाधान आसानः
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- मामलों को दोबारा खोलने की समय सीमा घटाकर 6 वर्ष से 3 वर्ष की गई
- कर प्रवंचना के गंभीर मामलों में जहां एक वर्ष में 50 लाख या उससे अधिक की आय को छुपाने के सबूत मिलते हैं। ऐसे मामलों में संबंधित आकलन को 10 साल तक दोबारा खोला जा सकता है, लेकिन इसके लिए प्रधान मुख्य आयुक्त का अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है।
- 50 लाख रुपये तक की कर योग्य आय और 10 लाख रुपये तक की विवादग्रस्त आय के साथ कोई भी व्यक्ति इस समिति में पहुंचने के लिए हकदार होगा और उसे दक्षता, पारदर्शिता तथा जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए समिति के सामने उपस्थित नहीं होना पड़ेगा।
- राष्ट्रीय फेसलेस आयकर अपीलीय ट्रिब्यूनल केन्द्र स्थापित करने की घोषणा।
- ‘विवाद से विश्वास’ योजना के तहत 30 जनवरी, 2021 तक 1 लाख 10 हजार से अधिक करदाताओं ने इस योजना के तहत 85,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर विवाद को निपटाने का विकल्प चुना है।
अप्रवासी भारतीयों के लिए छूटः
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- अप्रवासी भारतीयों के लिए विदेश से उनकी सेवानिवृत्ति होने के बाद भारत लौटने पर आय से संबंधित मुद्दों को आसानी से सुलझाने के लिए नियमों को सरल बनाया गया।
डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा
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- डिजिटल लेन-देन के लेखापरीक्षा की सीमा 5 करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक बढ़ाई उन लोगों के लिए जो 95 प्रतिशत लेन-देन डिजिटल माध्यम से करते हैं।
लाभांश पर राहतः
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- टीडीएस मुक्त लाभांश भुगतान आरईआईटी/आईएनवीआईटी को करने का प्रस्ताव
- लाभांश आय पर अग्रिम कर की देयता लाभांश का भुगतान या उसकी घोषणा के बाद
- विदेशी पोर्टफोलियो वाले निवेशकों के लिए बजट में कम संधि दर पर लाभांश आय में कर कटौती का प्रस्ताव
बुनियादी ढांचे के लिए विदेशी को आकर्षित करनाः
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- जीरो कूपन बॉन्ड जारी कर बुनियादी ढांचा डेप्ट फंड को धन अर्जित करनेक के लिए योग्य बनाना
- प्राइवेट फंडिग पर प्रतिबंध, वाणिज्यिक गतिविधियों पर नियंत्रण और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर नियंत्रण से संबंधित शर्तों में रियायत।
सबके लिए मकान का समर्थनः
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- सस्ते घर खरीदने के लिए मिलने वाले ऋण के ब्याज में 1.5 लाख रुपये तक की छूट का प्रावधान 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया जाएगा
- सस्ते घर की योजना के तहत कर छूट का दावा करने के लिए पात्रता की समय-सीमा एक वर्ष और बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 तक बढ़ाई
- सस्ते किराये वाली आवासीय परियोजनाओं के लिए कर राहत की नई घोषणा।
गिफ्ट शहरों में आईएफएससी को कर रियायतः
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- एयरक्राफ्ट लीजिंग कंपनियों की आय से पूंजी इकट्ठा करने में कर की छूट
- विदेशी व्यवसायियों को विमानों के लिए दिए जाने वाले किराये में कर की राहत
- अंतर्राष्ट्रीय वित्त सेवा केन्द्र (आईएफएससी) को बढ़ावा देने के लिए बजट में कर प्रोत्साहन राशि की घोषणा
- विदेशी निधियों के निवेश पर प्रोत्साहन राशि और आईएफएससी में स्थित विदेशी बैंक की शाखाओं में निवेश करने पर कर राहत।
आयकर फाइलिंग का सरलीकरणः
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- अधिसूचित प्रतिभूतियों से प्राप्त कैपिटल गेन, लाभांश आय,बैंक से प्राप्त ब्याज इत्यादि का विवरण रिटर्न में पहले से भरना होगा।
छोटे ट्रस्ट को राहतः
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- छोटे चैरिटेबल, जो विद्यालय और अस्पताल चला रहे है उन्हें वार्षिक प्राप्ति की छूट सीमा 1 करोड़ रुपये से 5 करोड़ रुपये की गई ।
श्रमिक कल्याणः
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- कर्मचारी का योगदान देरी से जमा करने पर इसे नियोक्ता का योगदान नहीं माना जाएगा
- स्टार्ट-अप्स कम्पनी की टैक्स में छूट की दावे की समयसीमा एक वर्ष और बढ़ाई गई
- स्टार्ट-अप्स में निवेश करने पर कैपिटल गेन से छूट 31 मार्च, 2020 तक की गई।
2. अप्रत्यक्ष कर
वस्तु एवं सेवा करः
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- आज तक किए गए उपायः
- एसएमएस के माध्यम से शून्य रिटर्न
- छोटे करदाताओं के लिए मासिक और त्रैमासिक भुगतान
- इलेक्ट्रॉनिक प्राप्ति प्रणाली
- वैध इनपुट टैक्स विवरण
- पहले से भरा हुआ परिवर्तन करने योग्य जीएसटी रिटर्न
- रिटर्न फाइलिंग का शीघ्र निपटान
- जीएसटीएन प्रणाली की क्षमता में वृद्धि
- कर प्राप्त करने वाले लोगों की पहचान के लिए आर्टिफिशल इंटेलीजेंस और गहन विश्लेषण का उपयोग
- आज तक किए गए उपायः
सीमा शुल्क को व्यवहारिक बनानाः
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- दोहरे उद्देश्यः घरेलू विनिर्माताओं को प्रोत्साहन देना और भारत को वैश्विक स्तर पर अच्छे उत्पादों की श्रृंखला में शामिल करना तथा बेहतर निर्यात
- पुरानी 80 छूट पहले ही समाप्त
- 400 से अधिक पुरानी छूटों की समीक्षा कर 1 अक्टूबर, 2021 से संशोधित और बाधारहित सीमा शुल्क ढांचा शुरू करना
- नई सीमा शुल्क में छूट की वैधता उसके जारी होने के दो वर्ष के बाद 31 मार्च तक बढ़ाई गई।
इलेक्ट्रॉनिक और मोबाइल फोन उद्योगः
चार्जर के भाग और मोबाइल के कुछ अन्य भागों से छूट समाप्त की गई
- मोबाइल के कुछ पुर्जों पर शुल्क शून्य से 2.5 % तक संशोधित किया गया
लौह और अयस्क
- सीमा शुल्क घटाया गया गैर अयस्क, अयस्क और स्टैनलेस स्टील के छोटे, चपटे और लंबे उत्पादों पर एक समान 7.5 %
- स्टील के कबाड़ पर शुल्क में छूट 31 मार्च 2022 तक
- एंटी-डंपिंग शुल्क (एडीडी) और काउंटर-वैलिंग शुल्क को रोका गया इस्पात के कुछ प्रमुख उत्पादों पर
- तांबा के कबाड़ पर शुल्क घटाया गया 5 % से 2.5 %
टेक्सटाइल्स:
- मूलभूत सीमा शुल्क (बीसीडी) केप्रोलेकटम, नायलॉन चिप्स, नायलॉन फाइबर और धागों पर 5 % तक कम किया गया
केमिकल्स:
- रसायनों पर सीमा शुल्क की सुसंगत दरें घरेलू मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देंगी और विसंगतियों को दूर करेंगी
- नेप्था पर सीमा शुल्क 2.5 % घटाया गया
सोना और चांदी:
- सोना और चांदी पर सीमा शुल्क की दरें तर्कसंगत बनाई जायेंगी
नवीकरणीय ऊर्जा:
- चरणबद्ध निर्माण योजना सोलर सेल और सौर पैनल के लिये
- घरेलू निर्माण उद्योग को बढ़ावा देने के लिये सोलर इंवर्टर पर शुल्क 5 % से 20 % किया गया और सोलर लालटेन पर 5 % से 15 % तक बढ़ाया गया
पूंजी उपकरण:
- टनल बोरिंग मशीन पर अब 7.5 % का सीमा शुल्क होगा; और इसके उपकरणों पर 2.5 % पर सीमा शुल्क
- चुनिंदा आटो पार्ट्स पर शुल्क में सामान्य दर से 15 % की बढ़ोतरी
सूक्ष्म, लघु एवम् मध्यम उद्योग उत्पाद:
- स्टील के पेंचों और प्लास्टिक बिल्डर वेयर्स पर 15 % शुल्क
- झींगा मछली के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये सीमा शुल्क पहले के 5 % से 15 %
- वस्त्र, चमड़ा और हस्तशिल्प उत्पादों के निर्यातकों को प्रोत्साहित करने के लिये शुल्क-मुक्त वस्तुओं के आयात की आजादी
- चुनिंदा किस्म के चमड़ा उत्पादों के आयात पर छूट
कृषि उत्पाद:
- कपास पर सीमा शुल्क शून्य से 10 % और कच्चे रेशम तथा रेशम के धागों पर 10 % से 15 % किया गया
- डीनेचर्ड एथिल अल्कोहल के लिये अंतिम उपभोक्ता को मिलने वाली रियायत को वापस लिया गया
- कई उत्पादों पर कृषि अवसंरचना एवम् विकास उपकर
प्रक्रियाओं को युक्तिसंगत बनाना और अनुपालन को आसान बनाना:
- तुरंत कस्टम योजना, व्यक्ति रहित, कागज रहित और स्पर्श रहित उपाय
- मूलभूत नियमों के प्रबंधन के लिये नई प्रक्रिया
कोविड-19 महामारी के दौरान उपलब्धियां और मील के पत्थर
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई):
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- 2.76 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान
- 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज
- 8 करोड़ परिवारों को मुफ्त रसोई गैस
- 40 करोड़ से अधिक किसानों, महिलाओं, बुजुर्गों, गरीबों और ज़रुरतमन्दों को सीधे नकद धनराशि का अंतरण
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- आत्मनिर्भर भारत पैकेज (एएनबी 1.0):
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- 23 लाख करोड़ रुपए का पैकेज जीडीपी के 10 प्रतिशत से ज्यादा
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- पीएमकेजेवाई, 3 आत्मनिर्भर भारत पैकेज (एएनबी 1.0, 2.0 और 3.0) इसके अलावा पांच छोटे बजटों जैसी घोषणाएं भी बाद में की गईं।
- आरबीआई के आंकड़ों के आधार पर 27.1 लाख करोड़ रुपए का व्यय तीनों आत्मनिर्भर पैकेज पर हुआ, जोकि जीडीपी के 13 प्रतिशत से ज्यादा है।
- संरचनात्मक सुधार
- एक देश, एक राशन कार्ड
- कृषि और श्रम सुधार
- सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योगों की पुन: परिभाषा
- खनन क्षेत्र का वाणिज्यीकरण
- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण
- उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाएं
- कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई की ताजा स्थिति
- 2 मेड-इन-इंडिया टीके – कोविड-19 के खिलाफ भारत के नागरिकों के साथ-साथ 100 से भी अधिक देशों के नागरिकों को चिकित्सीय सुरक्षा मुहैया कराने में कारगर साबित
- 2 या उससे भी अधिक नए टीके जल्द उपलब्ध होने की आशा
- प्रति मिलियन न्यूनतम मृत्यु दर और न्यूनतम सक्रिय मामले
2021-भारतीय इतिहास में उपलब्धियों का वर्ष
- भारत की आजादी का 75वां वर्ष
- भारत में गोवा के शामिल होने के 60 साल पूरे
- 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के 50 वर्ष पूरे
- स्वतंत्र भारत की आठवीं जनगणना का वर्ष
- ब्रिक्स की अध्यक्षता के लिए अब भारत की बारी
- चंद्रयान-3 मिशन का वर्ष
- हरिद्वार महाकुंभ
आत्मनिर्भर भारत के लिए विजन
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- आत्मनिर्भरता कोई नया आइडिया नहीं है, प्राचीन भारत आत्मनिर्भर था और पूरी दुनिया का एक कारोबारी केंद्र था
- आत्मनिर्भर भारत- यह 130 करोड़ भारतीयों की स्पष्ट अभिव्यक्ति है जिन्हें अपनी क्षमता और कौशल पर पूर्ण भरोसा है
- निम्नलिखित का संकल्प मजबूत हो रहा है:
- राष्ट्र पहले
- किसानों की आय दोगुनी करना
- मजबूत अवसंरचना
- स्वस्थ् भारत
- सुशासन
- युवाओं के लिए अवसर
- सभी के लिए शिक्षा
- महिला सशक्तिकरण
- समावेशी विकास
- केंद्रीय बजट 2015-16 में 13 वादे किए गए थे जो देश की आजादी के 75वें वर्ष पर 2022 के अमृत महोत्सव के दौरान आत्मनिर्भरता के विजन के अनुरूप हैं।
‘’विश्वास वह चिडि़या है जो प्रकाश की अनुभूति करती है और तब गाती है जब भोर में अंधेरा बना ही रहता है।‘’
-रविंद्रनाथ ठाकुर
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