बड़ी खबर: नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ही गुमनामी बाबा - उ• प्र• के मुख्यमंत्री योगी जी से गुमनामी बाबा से सम्बंधित जाँच रिपोर्ट और सभी फोटो व अभिलेख सार्वजनिक करने की मांग: एस• एन• श्रीवास्तव, प्रदेश अध्यक्ष/ लोसपा
नेेेताजी सुुुभाष चन्द्र बोस और गुुुुमनामी बाबा का रहस्य!
लखनऊ, 19 अगस्त 2020: लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष (उ•प्र•)- एस• एन• श्रीवास्तव ने मंगलवार- 18 अगस्त 2020 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री- श्री योगी जी को ट्वीट कर के अयोध्या/ फैजाबाद के गुमनामी बाबा से सम्बंधित जाँच रिपोर्ट और सभी फोटो व अभिलेख सार्वजनिक करने की माँग की है।
एस• एन• श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री को भेजे ट्वीट में लिखा है कि, "सर्वप्रथम नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के चरणों में शत्-शत् नमन-वंदन करने के उपरांत हम यह प्रस्तुत करना चाहते हैं कि, "18अगस्त 1945"- नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की पुण्यतिथि नहीं है, क्योंकि हमारा विश्वास है कि अयोध्या के गुमनामी बाबा ही नेताजी सुभाष चन्द्र बोस थे।
लोसपा प्रदेश अध्यक्ष- एस•एन• श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री- योगी जी को भेजे ट्वीट में लिखा है कि, "हम प्रदेश सरकार से मांग करते हैं कि गुमनामी बाबा से सम्बंधित जाँच रिपोर्ट और सभी फोटो व अभिलेख सार्वजनिक किए जायँ"।
हम प्रदेश सरकार से मांग करते हैं कि गुमनामी बाबा से सम्बंधित जाँच रिपोर्ट और सभी फोटो व अभिलेख सार्वजनिक किए जायँ।
— सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव, प्रदेश अध्यक्ष (उ• प्र•) (@LSPUP2016) August 18, 2020
स्वतंत्र भारत न्यूज डाट काम www.swatantrabharatnews.com और PTI पहले भी बता चुका है कि, गुमनामी बाबा की वास्तविक पहचान को लेकर रहस्य और गहरा गया है और सीएफएसएल कोलकाता ने कहा है कि उसके पास उनके दांत का इलेक्ट्रोफेरोग्राम उपलब्ध नहीं है।
स्वतंत्र भारत न्यूज़ | बड़ी खबर: गुमनामी बाबा को लेकर रहस्य और गहराया http://swatantrabharatnews.com/index.php/news/5327
एक इलेक्ट्रोफेरोग्राम उस आंकड़े का क्रम दर्शाता है जो स्वचालित डीएनए क्रमावली मशीन द्वारा तैयार किया जाता है और इसका इस्तेमाल वंशावली डीएनए परीक्षण से नतीजे हासिल करने के लिये किया जाता है।
नेताजी के बारे में सायक सेन द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में सीएफएसएल के मुख्य जन सूचना अधिकारी बी पी मिश्रा ने कहा, 'इस मामले की इलेक्ट्रोफेरोग्राम रिपोर्ट सीएफएसएल कोलकाता के पास उपलब्ध नहीं है।'
उन्होंने चार फरवरी 2020 को दायर जवाब में कहा, 'अगर कोई अपील हो तो वह इस संदर्भ में यह पत्र मिलने के 30 दिनों के अंदर सीएफएसएल कोलकाता के निदेशकए अपीली प्राधिकार के समक्ष की जा सकती है।'
नेताजी की रहस्यमयी मौत के मामले की जांच कर रहे विष्णु सहाय आयोग ने सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब (सीएसएफएल) कोलकाता की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया था कि गुमनामी बाबा बोस नहीं थे।
(फोटो साभार- मल्टी मीडिया)
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