निजी रेल परियोजना के लिए आवेदन से संबंधित दूसरा सम्मेलन आयोजित
- निजी-सार्वजनिक भागीदारी पर चलाई जाएंगी ये रेलगाडि़यां
- ये रेलगाडि़यां रेलवे द्वारा पहले से चलाई जा रही गाडि़यों के अतिरिक्त होंगी
- निजी रेलगाडि़यों के माध्यम से आधुनिक तकनीक आएगी
- इन अतिरिक्त निजी गाड़ियों के परिचालन से रोजगार के अवसर बढ़ने की उम्मीद
नई-दिल्ली, 13 अगस्त 2020 (PIB): रेल मंत्रालय ने आज बताया कि, निजी रेलगाड़ी परियोजना के लिए आवेदन से संबंधित दूसरा सम्मेलन 12 अगस्त 2020 को आयोजित किया गया।
यात्री रेलगाडि़यों के परिचालन में निजी भागीदारी वाली यह परियोजना बड़ा बदलाव लाएगी। इसके जरिए एक ओर जहां यात्री सुविधाओं की गुणवत्ता में काफी इजाफा होगा, वहीं आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से समय में बचत और मांग तथा आपूर्ति के बीच के अंतर को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। यह परियोजना जनता के लिए परिवहन सेवाओं की उपलब्धता में वृद्धि करेगी। ये निजी रेलगाडि़यां पहले से ही रेलवे द्वारा चलाई जा रही रेलगाडि़यों के अतिरिक्त होंगी। इन अतिरिक्त निजी गाड़ियों के परिचालन से रोजगार के अवसर बढ़ने की उम्मीद है।
परियोजना में शामिल होने के इच्छुक निजी भागीदारों का चयन दो चरणों वाली प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा, जिसमें अनुरोध के लिए अर्हता (आरएफक्यू) और अनुरोध के लिए प्रस्ताव (आरएफपी) शामिल हैं।
इस निजी रेलगाड़ी परियोजना के लिए आवेदन से संबंधित पहला सम्मेलन 21 जुलाई, 2020 को आयोजित किया गया था।
पहले सम्मेलन के बाद, रेल मंत्रालय ने एक से अधिक परियोजनाओं में भाग लेने की इच्छुक आवेदक कंपनियों के लिए आरएफक्यू शुल्क में 10 प्रतिशत की कमी कर दी है।, इसके अलावा बोली लगाने वालों के लिए तीन परियोजनाओं तक की बोली लगाने की सीमा भी खत्म कर दी है। यह भी स्पष्ट किया है कि रेलगाडि़यों को पट्टे पर देने की अनुमति होगी। रेल मंत्रालय ने सम्मेलन में यातायात डेटा, रियायत समझौते, व्यवहार्यता रिपोर्ट और ट्रेन मानकों और विनिर्देशों के मसौदे को भी साझा किया।
बोली प्रक्रिया के तहत रेल मंत्रालय द्वारा आयोजित दूसरे सम्मेलन को अच्छी प्रतिक्रिया मिली। इसमें लगभग 23 इच्छुक कंपनियों ने हिस्सा लिया। आवेदकों ने पारदर्शी तरीके से परियोजना से जुड़े दस्तावेजों को साझा करने के रेल मंत्रालय के फैसले की सराहना की।
सम्मेलन की शुरुआत में आरएफक्यू की शर्तों और परियोजना की रूपरेखा पर चर्चा हुई, जिसके बाद संभावित आवेदकों द्वारा उठाए गए प्रश्नों पर भी विस्तृत विचार-विमर्श हुआ। रेल मंत्रालय और नीति आयोग के अधिकारियों द्वारा इस पर स्पष्टीकरण से आरएफक्यू और बोली प्रक्रिया के प्रावधानों को बेहतर तरीके से समझने में सुविधा हुई।
आवेदकों द्वारा पूछे गए कई सवालों का जवाब दिया गया। आवेदकों को आरएफक्यू प्रस्तुत करने के लिए उसमें दिए गए सभी निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई।
इस सम्मेलन पर आवेदकों की ओर से मिली प्रतिक्रिया को 21 अगस्त, 2020 तक अपलोड कर दिया जाएगा। आरएफक्यू के खुलने की नियत तारीख 8 सितम्बर, 2020 है।
परियोजना से जुड़े रियायत समझौते और व्यवहार्यता रिपोर्ट का मसौदा ट्रेन परिचालन ऐप्लीकेशन कैप्शन के तहत eprocure.gov.in/eprocure/ पर देखा जा सकता है।
गाड़ियों के विनिर्देश और मानकों की नियमावली का मसौदा rdso.indianrailways.gov.in पर अपलोड किया गया है, जिसमें सभी संबंधित पक्षों से टिप्पणियां मांगी गई हैं।
swatantrabharatnews.com