अभिभाषण मोदी तीन अंतिम रास
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि देशवासियों ने राज्यसभा में उन दलों को सजा दी है जो सरकार के विकास संबंधी कामकाज में अड़ंगे लगाते हैं। उन्होंने कहा कि इतनी नकारात्मकता नहीं होनी चाहिए।
मोदी ने कहा, "इन्हे (कांग्रेस) वह ओल्ड इंडिया चाहिए, जहां कैबिनेट के निर्णय को पत्रकार वार्ता में फाड़ दिया जाए, जहां गैस कनेक्शन के लिए सांसद के घर के बाहर लाइन लगती हो, जहां टुकड़े टुकड़े गैंग का समर्थन किया जाता हो और जहां इंस्पेक्टर राज हो। देश की जनता हिन्दुस्तान को पुराने दौर में ले जाने को कतई तैयार नहीं है। हमने नीति, रीति और प्रवृत्ति को बदला है। आप पांच साल में 25 लाख मकान बनाते थे हमने डेढ़ करोड़ मकान बनाये हैं।"
उन्होंने अपनी सरकार के आगामी पांच वर्षों का खाका पेश करते हुए कहा कि यह पांच साल आवश्यकताओं से ज्यादा आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए हैं। देश इस साल भाग्यवंत दौर में है। यह सौभाग्य का दौर है। इसमें लोगों की आकांक्षाएं पूरी करने के प्रयास होंगे।
"एक देश एक चुनाव" का कांग्रेस द्वारा विरोध करने की ओर संकेत करते हुए मोदी ने कहा 1952 से चुनाव सुधार लगातार हो रहे हैं और होते रहने चाहिए। "एक देश एक चुनाव" सिरे से खारिज करना ठीक नहीं है। उन्होंने विपक्ष को सलाह दी कि वह इस सुझाव पर विचार तो करें। उन्होंने कहा, "एक देश, एक चुनाव" की अवधारणा को पार्टियां चर्चा किए बिना ही खारिज कर रही हैं।
उल्लेखनीय है कि "एक देश एक चुनाव" मुद्दे पर चर्चा के लिए सरकार द्वारा हाल में बुलायी गयी सभी दलों के नेताओं की बैठक का कांग्रेस ने बहिष्कार किया था।
उन्होंने सवाल किया कि जब हम नया भारत बना रहे हैं तो हम तकनीक से कहां तक भागेंगे?-
उन्होंने जीएसटी, आधार, प्रौद्योगिकी, ईवीएम का विरोध करने के लिए भी कांग्रेस की आलोचना की।
झारखंड में भीड़ द्वारा एक युवक की हत्या किए जाने को "दुखद एवं शर्मनाक" बताते हुए मोदी ने कहा कि दोषियों को कड़ी सजा मिले, यह हम मानते हैं। किंतु इसे लेकर पूरे राज्य को गलत बताना अनुचित है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी नागरिकों को कठघरे में खड़ा करके हम अपनी राजनीति तो कर सकते हैं लेकिन इससे समस्या का समाधान नहीं हो सकता।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह किसी भी राज्य में हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि कानून का ढांचा स्थिति से निपटने में सक्षम है।
बिहार में बच्चों की इन्सैफेलाइटिस के कारण मौत की घटनाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हम सभी के लिए "दुख और शर्म" की बात है। उन्होंने कहा कि आज भी बच्चों का बुखार से मरना देश की 70 साल की विफलताओं में से एक है और हम सभी को मिलकर इन विफलताओं से निबटने के समाधान खोजने होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बारे में वह राज्य सरकार के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।
(साभार- भाषा & फोटो- मल्टी मीडिया)
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