जिला प्रशासन भ्र्ष्टाचारियो को संरक्षण दे रहा: चौरिया
छिंदवाड़ा: जिले की बिछुआ जनपद पंचायत के अंतर्गत खमारपानी ग्राम के समीप ग्राम पंचायत दूधगांव के सरपंच सचिव द्वारा विभिन्न निर्माण कार्यों और सामग्री में की गई घोर अनियमितता के संबंध में जिला कांग्रेस कमेटी छिंदवाड़ा के महामंत्री- श्रीचंद चौरिया की शिकायत पर जिला पंचायत छिंदवाड़ा के निर्देश पर जनपद पंचायत बिछुआ द्वारा गठित जांच दल ने शिकायत के बिंदुओं पर जांच करते हुए सरपंच गोविंद एवं एवं सचिव पंजाब राव बट्टी सहित तत्कालीन उपयात्री एवं संलिप्त अधिकारियों को विभिन्न निर्माण कार्यों में वित्तीय अनियमितता कर दस्तावेजों में हेरा फेरी कर मूल्यांकित राशि दस लाख दो हजार चार सौ पांच रुपया का अनियमित व्यय पाते हुए इसे वसूली योग्य माना है। साथ ही अन्य कार्यों में भी घोर लापरवाही को प्रमाणित माना है।
इस आशय की जानकारी देते हुए जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री श्रीचंद चौरिया ने कहा कि, "जनपद पंचायत बिछुआ भ्रष्टाचारियों की शरणस्थली बन गई है। उनके द्वारा दी गई प्रमाणित शिकायत पर जिला पंचायत एवं कलेक्टर को की गई शिकायत पर जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तब मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को की गई शिकायत पर प्राप्त निर्देशानुसार जिला पंचायत छिंदवाड़ा ने जनपद पंचायत बिछुआ को जांच दल गठित कर जांच के निर्देश दिए गए, जिसमे जांच दल ने दूध गांव पंचायत में आंगनवाड़ी भवन सीसी रोड एवम् विभिन्न सामग्री खरीदी में कि गई अनियमितता का दोषी पाया है और सरपंच गोविंद उइके तथा सचिव पंजाब राब बट्टी तत्कालीन उपयंत्री एवम् सब इंजीनियर ने मिलकर सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी एवम् फर्जी मूल्यांकन कर शासकीय राशि की बंदरबांट की है।"
जांच दल ने इसे वित्तीय अनियमितता मानते हुए वसुली योग्य माना है। श्रीचंद चौरिया ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि, "तत्कालीन शिवराज सरकार में हुए इस भ्रटाचार को पोषण देने का काम जिला प्रशासन आखिर क्यों कर रहा है?- अब तक इस प्रकरण में अपराध पंजीबद्ध नहीं होना यह प्रमाणित करता है कि, इन्हें उच्च प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है, जिला प्रशासन भ्र्ष्टाचारियो को संरक्षण दे रहा है।"
जबकि मुख्यमंत्री महोदय कमलनाथ जी का स्पष्ट कहना है कि, "भ्रटाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा"।
श्रीचंद चौरीया ने बताया कि, "जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही नहीं करने पर उन्होंने इस प्रकरण में लिप्त सभी लोगो के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु पुलिस अधीक्षक सहित वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत प्रस्तुत की है ताकि इस जिले में पंचायतीराज में चल रहे भ्रटाचार पर अंकुश लगाया जा सके"।
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