पंजाब नेशनल बैंक फ्रॉड: भारत को लगा तगड़ा झटका:आरोपी मेहुल चोकसी ने भारतीय नागरिकता छोड़ी- पासपोर्ट किया सरेंडर
नई-दिल्ली: पीएनबी फ्रॉड के आरोपी मेहुल चोकसी ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी है। उसने एंटीगुआ में अपना भारतीय पासपोर्ट भी सरेंडर कर दिया है, जिससे भारत को तगड़ा झटका लगा है।
ऐसा उसने भारत प्रत्यर्पण से बचने के लिए किया है। उसने इसके साथ ही 177 डॉलर भी जमा किए हैं। चोकसी ने अपना पासपोर्ट भारतीय हाई कमीशन में जाकर सरेंडर किया। उसने अपना नया पता जॉली हार्बर मार्क्स, एंटीगुआ लिखवाया है।
दूसरी तरफ सरकार ने नीरव मोदी घोटाले में घिरे पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के दो कार्यकारी निदेशकों (ईडी) को बैंक के कामकाज पर समुचित निगरानी और नियंत्रण रखने के दायित्व में विफल रहने के आधार पर सेवा से निकाल दिया है। वित्त मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार केवी ब्रह्माजी राव और संजीव शरण को 18 जनवरी को बर्खास्त किया गया। संबंधित आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
आरोप है कि ये अधिकारी स्विफ्ट (सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन) को बैंक के कोर बैंकिंग समाधान (सीबीएस) से जोड़ने की भारतीय रिजर्व बैंक की सलाह का संज्ञान लेने में विफल रहे। यह सर्कुलर 2016 में जारी किया गया था। कुछ बैंकों ने इस निर्देश का क्रियान्वयन किया था, जबकि पीएनबी सहित कुछ अन्य बैंक ऐसा करने में विफल रहे थे। राव को इसी महीने तथा शरण को इसी साल मई में सेवानिवृत्त होना था।
पिछले साल अगस्त में सरकार ने इलाहाबाद बैंक की उषा अनंतसुब्रमण्यम को देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले में बर्खास्त कर दिया था। हीरा कारोबारी नीरव मोदी इस घोटाले का सूत्रधार है। इलाहाबाद बैंक में जाने से पहले उषा पीएनबी की प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) थीं। नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने कथित रूप से धोखाधड़ी से हासिल गारंटी पत्रों के जरिये पीएनबी को 14,000 करोड़ रुपए का चूना लगाया था।
सीबीआई पहले ही इस मामले में आरोप-पत्र दायर कर चुकी है। आरोप-पत्र में कई कर्मचारियों तथा शीर्ष प्रबंधन के अधिकारियों का नाम है। इनमें बैंक के कई पूर्व प्रबंध निदेशक एवं कार्यकारी निदेशक शामिल हैं।
(साभार- मल्टीमीडिया)
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