कुम्भ मेले में पुलिस ने की फोटो पत्रकार की पिटाई
पत्रकार के बिना कुछ होता भी नहीं और पत्रकार उपेक्षित भी है, ये कहां का न्याय है ?-
प्रयागराज: गुरूवार को प्रयागराज कुंभ में पत्रकार के साथ हुई मार-पीट की घटना से न सिर्फ पत्रकार समाज आक्रोशित है बल्कि आम जन-मानस भी इस घटना की निंदा कर रहा है।
दरअसल 'टाइम्स ऑफ इंडिया' के फोटोग्राफर अनुज खन्ना के साथ कुम्भ मेला डयूटी में लगे एक निरंकुश पुलिसकर्मी ने कवरेज के दौरान पहले तो अभद्रता की फिर जमकर मारपीट की। बता दें कि यह घटना संगम नोज पर राष्ट्रपति कार्यक्रम के समय की है। मौके पर पहुंचे अन्य कैमरामैन लोगों ने फोटो और मारपीट का विडियो बना लिया जो अब वायरल हो रहा है।
अभी कुछ दिनों पहले भी धूमनगंज पुलिस द्वारा 'हिन्दुस्तान अखबार' के सेल्स हेड अभिनव बाजपेयी व उनकी पत्नी के साथ न सिर्फ अभद्रता की गई थी बल्कि उनके साथ भी थाने में ले जाकर मारपीट की गई थी जिसे सभी अखबारों ने प्रमुखता से छापा भी था। इसके बावजूद भी प्रयागराज पुलिस सुधरने का नाम नहीं ले रही है। बहरहाल पुलिस के इस रवैये से पत्रकारों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। हो भी क्यों न! अच्छा हो या बुरा, हमेशा मीडियाकर्मी ही आपकी आवाज को जन जन तक पहुंचाता है, पर आज मीडियाकर्मी की आवाज कौन बनेगा ?-मीडिया कर्मीयों को दलाल, चाटुकार कहने, गाली देने को तो हजारों खड़े रहते हैं पर जब किसी मीडियाकर्मी के साथ बुरा बर्ताव होता है तो सबको सांप क्युं सूंघ जाता है ?-
प्रयागराज के पत्रकार 'टाइम्स आफ इण्डिया' के पत्रकार साथी पर किए गए इस अमानवीय व्यवहार की निंदा करते है साथ ही उच्चाधिकारियों से यह मांग भी करते है की सम्पूर्ण मामले की निष्पक्ष जाँच कर आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ उचित कार्रवाई करें। बहरहाल इस पूरे घटनाक्रम के बाद सवाल ये उठता है कि माननीय योगी जी क्या इसी तरह के संवेदनहीन पुलिसकर्मीयों के भरोसे इस कुंभ को दिव्य और भव्य बनायेगें !
(रिपोर्ट व फोटो: जे• पी• शुक्ला)
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