मध्य प्रदेश: नकली नोट छापने का कारखाना पकड़ाया, चुनाव से पहले सप्लाई करने थे तीन करोड़ रुपए, 32 लाख जब्त
- आरोपियों से राजगढ़ में बरामद हुए नकली नोट।
- पुलिस ने आरोपियों से दो पिस्टल भी बरामद की हैं।
भोपाल: राजगढ़ पुलिस ने विधानसभा चुनाव से पहले होशंगाबाद में नकली नोट छापने वाले कारखाने का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने राजगढ़ और होशंगाबाद से करीब 32 लाख नकली नोट बरामद किए हैं। आरोपियों ने बताया है कि भोपाल में उनको तीन करोड़ के नकली नोट छापने का ठेका मिला था। जिसे इस महीने के आखिरी तक पूरा करना था। आरोपी 40 लाख नकली नोट बाजार में खपा चुके हैं।
राजगढ़ पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों के पास से करीब 15 नकली नोट बरामद किए हैं। वहीं आरोपियों की निशानदेही पर होशंगाबाद में नकली नोटों के कारखाने पर छापामार 17 लाख नकली नोट बरामद किए हैं। आरोपियों के पास से एक अॉल्टो कार और हथियार भी बरामद किए गए हैं।
राजगढ़ में मिले 15 लाख: राजगढ़ पुलिस के अनुसार होशंगाबाद से एक गिरोह अल्टो कार से भोजपुर थाना क्षेत्र में जाली नोटों को बाजार में चलाने के लिए आया था। पुलिस ने घेबाबंदी कर सुशील विश्वकर्मा, नाशीर खां व रामबाबू मीणा को पिस्टल व अल्टो 800 कार सहित पकड़ा। आरोपियों के पास से कार में 2 हजार व पांच सौ के करीब 15 लाख नकली नोट मिले।
होशंगाबाद में नोट छापते हुए पकड़ाए: इसके बाद आरोपियों की निशानदेही पर राजगढ़ पुलिस ने होशंगाबाद के बावई में दबिश दी। जहां नोट की छपाई करते हुए रईस खान व संतोष राणा को पकड़ा है। जहां से पुलिस ने नकली नोटों की गडि्डयों के साथ लैपटॉप, प्रिंटर व स्याही, नोट, पेपर, नोटों की प्रिंट की हुई शीट जब्त भी जप्त किए। होशंगाबाद से करीब 17 लाख नकली नोट बरामद हुए।
भोपाल में हुई तीन करोड़ की डिलिंग : राजगढ़ पुलिस के अनुसार इन सभी की भोपाल की एक बड़ी पार्टी से तीन करोड़ के नोट छापकर देने की डिलिंग हुई है। यह कौन लोग हैं यह अभी आरोपी बता नहीं रहे है। इसके लिए पुलिस रिमांड के दौरान पूछताछ की जाएगी। बताया जा रहा कि यह आरोपी पिछले एक साल ने नकली नोट छापकर बाजार में सप्लाई करते आ रहे है। अभी तक करीब 40 लाख रुपए से अधिक के नकली नोट इन्होने बाजार में खपा दिए है।
संतोष छपाई तो रईस कटिंग में था एक्सपर्ट: नकली नोट के गिरोह में पकड़े गए पांचों आरोपी में से दो मुख्य आरोपी कुरावर के है। गुजरात में आधार बनाने का काम करने वाला संतोष बावई नकली नोट छापता थ, जिसकी कटिंग रईस द्वारा की जाती थी। इसके साथ ही बावई के नासिर के घर इनकी छपाई होती थी तो नासिर इन्हे बाजार में खपाता था। वहीं कुरावरव को रामबाबू मीणा और बावई का सुशील विश्वकर्मा इन्हे बाजार में खपाते थे।
(साभार: दैनिक भास्कर)
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