रेलवे अब नहीं बनाएगा फाटक वाली क्रॉसिंग
नयी दिल्ली: दुर्घटनाएं रोकने और ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे ने सभी नई लाइनों और अमान परिवर्तन परियोजनाओं में फाटक और बिना फाटक वाली लेवल क्रॉसिंग नहीं बनाने का फैसला किया है। इन परियोजनाओं में लेवल क्रॉसिंग की जगह ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज बनाए जाएंगे।
रेलवे इस समय देशभर में 223 नई लाइनों पर काम कर रहा है जो क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। एक अधिकारी ने कहा, ‘भविष्य में लेवल क्रॉसिंग नहीं बनाने का मकसद इन लाइनों पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाना और सुरक्षा पहलुओं का समाधान करना है।’ 26 अप्रैल को उत्तर प्रदेश में एक स्कूल बस के ट्रेन से टकराने से 13 बच्चों की मौत हो गई थी। इसके बाद रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने 31 मार्च, 2020 तक बिना फाटक वाले सभी लेवल क्रॉसिंग को खत्म करने की घोषणा की थी।
इस साल अप्रैल तक रेलवे में बिना फाटक वाले 5792 क्रॉसिंग थे। इनमें से 3479 ब्रॉड गेज, 1135 मीटर गैज और 1178 नैरो गेज नेटवर्क पर स्थित हैं। यह संख्या देश में मौजूद कुल 29,487 लेवल क्रॉसिंग की करीब 20 फीसदी है।
बिना फाटक वाले लेवल क्रॉसिंग पर वाहन चालकों की लापरवाही से होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या में हाल में वर्षों में कमी आई है। 2014-15 में इन दुर्घटनाओं की संख्या 135, 2015-16 में 105 और 2016-17 में 104 थी। 2017-18 में बिना फाटक वाली लेवल क्रॉसिंग पर होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या घटकर 73 रह गई।
18 मई की एक अधिसूचना में रेलवे ने कहा कि नई लाइन और अमान परिवर्तन परियोजनाओं पर फाटक वाले क्रॉसिंग नहीं बनाए जाएंगे। अभी रेलवे राज्य सरकारों के लागत साझेदारी के आधार पर ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज बना रहा है। यह कदम मालगाडिय़ों और यात्री गाडिय़ों की औसत रफ्तार बढ़ाने के रेलवे के प्रयास का हिस्सा है।
इसका मकसद अगले पांच साल में मालगाडिय़ों की औसत रफ्तार दोगुना करना और यात्री गाडिय़ों की रफ्तार में 25 किमी प्रति घंटे का इजाफा करना है। अभी मालगाड़ी की औसत रफ्तार करीब 24 किमी प्रति घंटा और यात्री गाडिय़ों (उपनगरीय ट्रेनों को छोडक़र) की औसत रफ्तार 44 किमी प्रति घंटा है। यात्री और मालगाड़ी के समय और परिचालन लागत में कटौती करने, राजस्व और रेलवे की बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए ट्रेनों की औसत रफ्तार बढ़ाना जरूरी है।
रेलवे बोर्ड के पूर्व सदस्य (इंजीनियरिंग) एसके विज कहते हैं, ‘लेवल क्रॉसिंग नहीं होने का मतलब है कि सडक़ों और पटरियों पर कोई क्रॉस ट्रैफिक या चौराहा नहीं होगा जिससे स्वाभाविक रूप से रेलवे की रफ्तार बढ़ेगी।’
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